प्रदेश में दस लाख लोगों को मिलेगी अपनी छत

नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने किया काम शुरु

भोपाल/मंगल भारत। प्रदेश के दस लाख गरीबों के लिए अच्छी खबर है। यह खबर उन लोगों के लिए है जिनके अपने आवास नहीं हैं। ऐसे दस लाख लोगों को अब सरकार अपनी छत उपलब्ध कराने जा रही है। इसके लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 की शुरुआत कर दी गई है। इसके तहत दस लाख घर बनाकर दिए जएंगे।
इस योजना में उन हितग्राहियों को लाभ दिया जाएगा, जिन्हें किसी कारण से अब तक आवास योजना का लाभ नहीं मिल सका है। योजना पर अमल के लिए विभाग द्वारा मैदानी अमले को योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के आवेदन संबंधी जानकारी नजदीकी नगरीय निकायों से प्राप्त की जा सकती है। योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए केन्द्र सरकार ने यूनीफाइड वेब पोर्टल पर भी जानकारी अपलोड की है। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 में 4 प्रकार के घटक शामिल किए गए हैं। हितग्राही आवेदन करते समय अपनी पात्रता और आवश्यकता के अनुसार घटक का चयन कर सकते हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 में देश में एक करोड़ आवास और मप्र में 10 लाख आवास बनाए जाने का कार्यक्रम तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 में विशेष वर्गों को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया है। इनमें पीएम स्वनीधि योजना, भवन निर्माण श्रमिक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पीएम विश्वकर्मा योजना के कारीगर, सफाई कर्मी और झुग्गी बस्ती में रहने वाले परिवार शामिल है। प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में अब तक 8 लाख 25 हजार जरूरतमंद हितग्राहियों के आवास निर्माण पूरे किये जा चुके हैं। प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के पहले चरण में 9 लाख 45 हजार आवास स्वीकृत किए गए थे। स्वीकृत आवासों के निर्माण कि लिए केंद्रांश और राज्यांश की अनुदान राशि 19 हजार 700 करोड़ रुपए एवं क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम (सीएलएसएस) घटक के लिए ब्याज अनुदान के रूप में 3900 करोड़ रुपए, इस प्रकार कुल राशि 23 हजार 600 करोड़ रुपए स्वीकृत की जा चुकी है। हितग्राहियों को अब तक 22 हजार 800 करोड़ रुपए की राशि जारी की जा चुकी है।
मिले 33 हजार अतिरिक्त आवास
प्रधानमंत्री आवास योजना में मप्र में बने आवास केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मध्यप्रदेश के लिए 33 हजार 138 अतिरिक्त आवास मंजूर किये गये हैं। प्रदेश के 21 जिलों में निवासरत शेष रह गये पीवीटीजी परिवारों को भी पक्के घर की सौगात देने के लिये यह विशेष मंजूरी दी गई है। इसके तहत श्योपुर जिले को 7561, शिवपुरी को 5154, उमरिया को 4092, शहडोल 2591, अशोकनगर 2294, गुना 2084, सिंगरौली 1895, डिंडोरी 1532, अनूपपुर 1522, सीधी 1042, मंडला 903, मुरैना 695, विदिशा 448, बालाघाट 401, ग्वालियर 266, छिंदवाड़ा 202, नरसिंहपुर 158, सिवनी 117, दतिया 110, जबलपुर 42 एवं रायसेन जिले को 29 आवास मंजूर किये गये हैं।