प्रभु यीशु ने जो कहा उसका संकलन बाइबिल में है, लेकिन उन्होंने जो जीवन जिया उसका संकलन मानवता की स्मृतियों में है.
25 दिसंबर को पूरे विश्व में क्रिसमस का त्यौहार मनाया जाएगा। ईसा मसीह का जीवन दया, प्रेम और शांति का संदेश देता है। प्रभु यीशु ने जो कहा उसका संकलन बाइबिल में है लेकिन उन्होंने जो जीवन जिया उसका संकलन मानवता की स्मृतियों में है। इसलिए यह त्यौहार धर्म की सीमाओं को पार कर मानवता को एक सूत्र में बांधता है। भारत की संस्कृति अद्वैतवाद की संस्कृति है। ऐसे में भारत में क्रिसमस पर्व सांस्कृतिक एकता को दर्शाता है। रोमन साम्राज्य की रक्त पिपासा के बीच जीसस शांतिदूत बनकर पृथ्वी पर आए। दिशाहीन मानवता को उन्होंने एक दिशा प्रदान की। भटके हुए लोगों को सही राह दिखाई और इंसानियत के लिए ही अपना बलिदान दिया। क्रिसमस भारत की सांस्कृतिक एकता का प्रकटन है। धर्म, जाति और संप्रदाय से परे सभी लोग मिलकर इस त्योहार को मनाते हैं। यदि हम भारतीय वांग्मय में देखें तो अद्वैत की परिकल्पना सर्वश्रेष्ठ है। जब ईश्वर की प्रार्थना एकाकार होकर की जाए तो वह अद्वैत ही होता है। इसलिए ईशा का जन्म भले ही यरूशलम की धरती पर हुआ हो लेकिन वह भारत भूमि में भी उतने ही पूज्यनीय और मान्य हैं। भारत एक ऐसा देश है जहां सभी धर्मों के बीच सांस्कृतिक एकता है और सांस्कृतिक प्रेम भी है। भारत भूमि पर अनेक धर्मों का जन्म हुआ किंतु जो धर्म भारत में नहीं जन्मे उन धर्मों को भी यहां सम्मान मिलता है। इसलिए क्रिसमस भी भारत की सांस्कृतिक एकता से जुड़ा हुआ है।
आइए, क्रिसमस से जुड़ी कुछ प्रेरक बातों पर नजर डालते हैं
1. दया का भाव जगाएं – क्रिसमस हमें दूसरों की मदद करने और उन्हें खुश करने का मौका देता है। चाहे वह किसी जरूरतमंद को दान देना हो या किसी की मदद करना हो, हर छोटा कदम मायने रखता है। अपने समुदाय में स्वयंसेवा करके आप न केवल दूसरों की मदद कर सकते हैं बल्कि खुद को भी संतुष्टि महसूस करेंगे।
2. रिश्तों को मजबूत बनाएं – क्रिसमस का त्योहार परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने का एक शानदार अवसर है। आप एक साथ समय बिताकर अपने रिश्तों को मजबूत बना सकते हैं। अपने प्रियजनों के साथ हंसी-मजाक और यादें बनाएं। यह आपको खुश रखने के साथ-साथ आपके रिश्तों को भी मजबूत बनाएगा।
3. आभार व्यक्त करें – इस त्योहार पर अपने जीवन में मौजूद सभी अच्छी चीजों के लिए आभार व्यक्त करें। यह आपको सकारात्मक रहने में मदद करेगा।
4. आशा और विश्वास रखें – क्रिसमस हमें उम्मीद और विश्वास की भावना से भर देता है। भविष्य के लिए सकारात्मक सोचें और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करें। आप अपने जीवन में सकारात्मकता लाने के लिए प्रयास करें।
5. अपने अंदर के बच्चे को जगाएं- क्रिसमस हमें अपने अंदर के बच्चे को जगाने और जीवन का आनंद लेने का मौका देता है। दोस्तों और परिवार के साथ खेलें और मज़े करें। यह आपको तनाव मुक्त रखने में मदद करेगा।
क्रिसमस का त्योहार सिर्फ उपहारों, सजावट और पार्टियों से कहीं ज्यादा है। यह एक ऐसा समय है जब हम प्यार, दया और शांति की भावनाओं को अपने जीवन में शामिल करते हैं। आइए, हम सभी मिलकर इस त्योहार को यादगार बनाएं और दूसरों के लिए कुछ अच्छा करें।
सांता क्लॉज: सिर्फ एक किरदार नहीं, एक प्रेरणा भी हैं
सांता क्लॉज का नाम सुनते ही हमारे मन में एक मोटे, हंसमुख व्यक्ति की छवि उभर आती है, जो लाल रंग का कोट पहनकर उडऩे वाले हिरनों की गाड़ी में सवार होकर बच्चों को उपहार देता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि सांता क्लॉज सिर्फ एक किरदार नहीं, बल्कि एक प्रेरणा भी हैं। ऐसा कहा जाता है कि सांता का असली नाम संत निकोलस था। संत निकोलस का जन्म जीसस की मौत के करीब 280 साल बाद हुआ था। उन्होंने अपना पूरा जीवन ईश्वर की भक्ति, प्रेम और शांति का संदेश देने के साथ दूसरों को खुशियों बांटने में लगा दिया। तब से वे सभी के लिए एक प्रेरणा बन गए और उनकी याद में लोग उनके जैसी वेशभूषा धारण कर दूसरों को खुशियां बांटने का प्रयास करते हैं।
(लेखक पूर्व पुलिस अधिकारी हैं)