मोहन भागवत हमारे अनुशासक नहीं हम उनसे असहमत: रामभद्राचार्य

मोहन भागवत हमारे अनुशासक नहीं हम उनसे असहमत: रामभद्राचार्य

जगदगुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की हालिया टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने कहा था कि कुछ लोगों को लगता है कि मंदिर- मस्जिद विवाद उठाकर वे हिंदुओं के नेता बन सकते हैं। स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि मैं भागवत के बयान से पूरी तरह असहमत हूं। मैं यह स्पष्ट कर दूं कि भागवत हमारे अनुशासक नहीं हैं, बल्कि हम हैं। स्वामी रामभद्राचार्य ने संभल में व्याप्त तनाव पर भी टिप्पणी की और स्थिति को बेहद चिंताजनक बताया। कहा कि संभल में अभी जो कुछ हो रहा है, वह बहुत बुरा है। हालांकि, सकारात्मक पहलू यह है कि चीजें हिंदुओं के पक्ष में सामने आ रही हैं। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर गहरी चिंता जताते हुए हिंसा की निंदा की। कहा कि वहां जो कुछ हो रहा है, वह बहुत बुरा है। हमने सरकार के समक्ष इस मुद्दे को उठाया है। लेकिन इंतजार कीजिए और देखिए, हिंदुओं के खिलाफ इन कृत्यों के लिए जिम्मेदार हर व्यक्ति को परिणाम भुगतने होंगे।

कांग्रेस का आरोप: इकबाल सिंह ने पद का दुरुपयोग किया
त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक राजेश शर्मा के घर पर हुई आयकर विभाग की छापेमारी के मामले में कांग्रेस पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस ने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस पर पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। मप्र विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने मीडिया से चर्चा में कहा कि राजेश शर्मा तो छोटी मछली है। इसके पीछे पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस मास्टर माइंड हैं। कटारे ने राजेश शर्मा को इकबाल सिंह का पपेट बताते हुए कहा, 100 करोड़ रुपए की राशि राजेश शर्मा जैसी एक छोटी सी मछली से जब्त की गई है। पूर्व सीएस इकबाल सिंह, पूर्व ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, वर्तमान परिवहन मंत्री और कई अधिकारियों की जांच हो, तो यह राशि कम से कम 20 हजार करोड़ रुपए की होगी। कटारे ने कहा कि इकबाल सिंह और राजेश शर्मा के बीच पारिवारिक और व्यावसायिक संबंध हैं।

सांसद पाटिल बोले, कांग्रेस पार्टी गुंडागर्दी पर उतरी
खंडवा से बीजेपी सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने राहुल गांधी सहित कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कांग्रेस को गुंडागर्दी करने वाली पार्टी बताते हुए अमित शाह के वीडियो को कांट-छांट कर पेश करने की बात कही। सांसद पाटिल ने कहा कि कांग्रेस या नेहरू यदि चाहते तो जब इलेक्शन हुए थे उस समय बाबा साहब के लिए उन्होंने उस सीट को जीत कर लाना था। उस समय तो उन्होंने उनको हराने के लिए पूरी ताकत लगा दी, जिससे बाबा साहब आंबेडकर जैसे ज्ञानी व्यक्ति यदि सदन में आएगा तो उनकी एक तरफा दादागिरी चलने नहीं देते। इसलिए उन्होंने बाबा साहब को रोकने का पूरा प्रयास किया है। ये चाहते तो बाबा साहब को भारत रत्न पुरस्कार दे सकते थे। लेकिन इन्होंने नहीं दिया और यदि उन्हें किसी ने भारत रत्न पुरस्कार दिया है तो वह भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने दिया है।

एक सिपाही के पास इतना तो मंत्रियों के पास कितना होगा: दिग्विजय
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है कि यह सोचने वाली बात है कि एक पूर्व सिपाही के पास करोड़ों रुपये, आधा क्विंटल सोना, डेढ़ क्विंटल चांदी मिली। बताओ जब सिपाही के पास इतना है तो डीजी के पास कितना होगा? और गृहमंत्री व परिवहन मंत्री के पास कितना होगा? मुख्यमंत्री के पास कितना होगा? दिग्विजय ने कहा कि 10 साल तक मैं भी मुख्यमंत्री रहा, जांच कर लो मेरी। मैं तो कहता हूं कि शिवराज सिंह की भी जांच करवाना चाहिए। परिवहन मंत्री रहे गोविंद सिंह राजपूत की भी जांच कराओ। ईडी से जांच कराओ।