हर जिले के पैनल पर ली कई बिंदुओं पर कैफियत

तीन-तीन नामों के पैनल तैयार, आज भेजा जाएगा दिल्ली

मंगल भारत। मनीष द्विवेदी। मप्र भाजपा का संगठन चुनाव जोरों पर है। वर्तमान में जिलाध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया चल रही है। गुरुवार को भाजपा के संगठनात्मक चुनाव में जिला अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया को लेकर लंबा मंथन हुआ। सूत्रों का कहना है कि पार्टी के सभी 60 संगठनात्मक जिलों के लिए तीन-तीन नामों का पैनल तैयार कर लिया गया है, जिसे आज दिल्ली भेज दिया जाएगा। इस बार पार्टी ने दर्जनभर जिलों में महिलाओं को अध्यक्ष बनाने की रणनीति बनाई है। गौरतलब है कि संगठन चुनाव में भाजपा समन्वय बनाकर पदाधिकारियों की नियुक्ति करती है। जिलाध्यक्ष चुनाव के लिए आज भी चर्चा का दौर चलेगा। बीते रोज जिला अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया को लेकर प्रदेश कार्यालय में काफी गहमागहमी का माहौल रहा। जहां प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए दावेदारों एवं उनके समर्थकों ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की, वहीं दूसरी ओर जिला अध्यक्ष के चयन को लेकर बनाए गए पर्यवेक्षक एवं जिला प्रभारियों ने सूची भी वरिष्ठ नेतृत्व को सौंपी। जिला अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया देर रात तक चली। सभी 60 संगठनात्मक जिलों के लिए बनाए गए पर्यवेक्षक एव जिला प्रभारियों ने तीन-तीन नाम के पैनल बनाकर पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को सौंप दिए। अब इन नामों के पैनल से जिला अध्यक्ष को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। जिला अध्यक्ष को लेकर राष्ट्रीय संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, पर्यवेक्षक सरोज पाण्डेय, प्रदेश प्रभारी डॉ. महेन्द्र सिंह, प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ने पार्टी के जिला प्रभारी एवं पर्यवेक्षकों के साथ वन टू वन चर्चा की। बैठक में प्रभारियों और पर्यवेक्षकों ने जानकारी दी कि किस व्यक्ति का प्रभाव जिले में कितना है और उसको जिले के सांसद विधायक, कार्यसमिति सदस्य के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कितना समर्थन प्राप्त है। पर्यवेक्षकों से मिले फीडबैक के आधार पर नाम को प्राथमिकता के क्रम से जोडक़र सौंप दिया है। वरिष्ठ नेताओं ने सभी पर्यवेक्षकों से उनके क्षेत्र में किस-किस से चर्चा की इसकी भी जानकारी ली है। उन्होंने पूछा कि इन नामों को लेकर आपने कितने लोगों से चर्चा की।
दो बड़े शहरों में भी महिला को कमान
बैठक में प्रत्येक जिले से एक महिला का नाम भी लिया लिया गया। मेरिट के आधार पर उनको जवाबदारी सौंपी जाएगी। महिला के नाम के साथ उनका पार्टी के लिए योगदान एवं कब से सक्रिय हैं, इसको प्रमुखता से लिया गया है। पार्टी प्रदेश के करीब एक दर्जन शहरों में महिला जिला अध्यक्ष बनाने की तैयारी कर रही है। इसमें से कम से कम दो बड़े शहरों में महिला को कमान सौपी जा सकती है। भाजपा महिलाओं को राजनैतिक भागीदारी देने के लिए लगातार कदम उठा रही है। संसद में महिला बिल पारित होने के बाद अब मप्र में करीब दर्जन भर जिलों में महिलाओं को अध्यक्ष बना सकती है। अभी नवगठित पांढुर्णा जिले में प्रदेश की एकमात्र वैशाली महाले महिला जिलाध्यक्ष हैं। भाजपा इस बार बड़े शहरों में महिलाओं को अध्यक्ष बना सकती है। ऐसे में भोपाल में वंदना जाचक को मौका मिल सकता है। इंदौर नगर में दिव्या गुप्ता को मौका मिल सकता है। टीकमगढ़ में सरोज राजपूत भी लॉबिंग में जुटी हैं। वहीं जिन जिलों में जिला अध्यक्ष के कार्यकाल को अभी डेढ़ वर्ष से कम हुआ है, उन्हें फिर मौका मिल सकता है। इसमें पांढुर्ना की वैशाली महाले, मैहर में कमलेश सुहाने, मऊगंज में राजेन्द्र मिश्रा, हरदा में राजेश वर्मा के नाम है। वहीं छतरपुर में चन्द्रभान सिंह गौतम को फिर मौका मिल सकता है। इस हिसाब से करीब आधा दर्जन जिलों में वर्तमान जिला अध्यक्षों का रिपीट होना तय माना जा रहा है। उधर, बीते जिला अध्यक्षों की फर्जी सूची कई मीडिया एवं सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रसारित हो गई। जिसके बाद पार्टी के प्रदेश मंत्री एवं प्रदेश सह चुनाव अधिकारी रजनीश अग्रवाल ने इसे भ्रामक बताते हुए स्थिति स्पष्ट की।
कुछ जिलों मेें अध्यक्षों का विरोध
भाजपा एक तरफ नए जिलाध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया में जुटी हुई है, वहीं कुछ जिलाध्यक्षों का अभी से विरोध हो रहा है। सागर के जिलाध्यक्ष गौरव सिरोठिया के विरोध में बीना के पूर्व विधायक महेश राय उतर आए हैं। सूत्रों की मानें तो उन्होंने संगठन को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि सिरोठिया ने उन्हें चुनाव में हरवाने का काम किया है। वहीं मऊगंज के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र मिश्रा पर दो ऐसे लोगों को मंडल अध्यक्ष बनाने के आरोप लगे हैं, जिन्होंने विधानसभा में पार्टी के खिलाफ काम किया था। पार्ना की अध्यक्ष वैशाली महाले को लेकर पहले ही जिले के कुछ नेता पार्टी कार्यालय में प्रदर्शन कर चुके हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि जिन जिलों में जिला अध्यक्ष के कार्यकाल को चार साल से अधिक हो गया है वहां जिला अध्यक्ष बदला जाएगा इसके अलावा जहां के जिला अध्यक्षों के खिलाफ सांसद, विधायक एवं वरिष्ठ नेताओं ने शिकायत की है उनका हटना तय माना जा रहा है। वन-टू-वन चर्चा के बीच कई जिलों से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को इस पद के लिए योग्य बताए जाने पर वरिष्ठ नेताओं ने स्पष्ट किया कि किसी भी हालत में 60 वर्ष से अधिक की उम्र के व्यक्ति को जिला अध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा।
आज दिल्ली भेजा जाएगा पैनल
भाजपा के जिला निर्वाचन अधिकारियों और पर्यवेक्षकों ने रायशुमारी में आए नामों की मेरिट लिस्ट के आधार पर पैनल तैयार किया गया है। हर जिले के पैनल में एक महिला और जिले में एसटी, एससी वर्ग की जनसंख्या को देखते हुए इन दोनों वर्गों में से किसी एक वर्ग के एक नेता का नाम भी रायशुमारी की मेरिट के आधार पर शामिल किया गया है। तीन-तीन नामों के पैनल को आज दिल्ली भेजा जाएगा। जिलाध्यक्षों की रायशुमारी के बाद बनाए गए हर जिले से तीन-तीन नामों के पैनल का आज ही दिल्ली में केंद्रीय संगठन चुनाव से जुड़ी टीम परीक्षण करेगी। इसमें यह देखा जाएगा कि मप्र के क्षेत्रीय, जातीय समीकरणों के अनुसार जिलाध्यक्ष बनाए जा रहे हैं या नहीं। इसमें यह भी देखा जाएगा कि महिलाओं, एसटी, एससी वर्ग को कितना प्रतिनिधित्व मिल रहा है। इसके बाद दिल्ली से हरी झंडी मिलने के बाद संभवत: कल जिलाध्यक्षों की सूची जारी हो सकती है।