ईडी ने कुर्क की पूर्व जेल डीआईजी उमेश गांधी की 4.68 करोड़ की संपत्ति

ईडी ने कुर्क की पूर्व जेल डीआईजी उमेश गांधी की 4.68 करोड़ की संपत्ति.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व जेल डीआईजी स्व. उमेश गांधी द्वारा आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में 4.68 करोड़ की संपत्ति कुर्क कर दी है। ईडी ने उनके खिलाफ आईपीसी, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त भोपाल द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। लोकायुक्त ने इस मामले की जांच के बाद तत्कालीन जेल डीआईजी उमेश गांधी, पत्नी अर्चना गांधी और तत्कालीन जेल प्रहरी जिला जेल सीहोर अजय गांधी के खिलाफ 5.13 करोड़ रुपए की अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने के आरोप में दो आरोप पत्र दायर किए थे। ईडी को जांच के दौरान सागर, कटनी, सीहोर, भोपाल और इंदौर में 4.68 करोड़ रुपये की 20 अचल संपत्तियों का पता चला। इसके अलावा चल संपत्तियां जैसे बैंक खातों में राशि, आभूषण, बीमा पॉलिसियां, म्यूचुअल फंड, किसान विकास पत्र आदि को ईडी द्वारा कुर्क किया गया है।

पीथमपुर और आसपास की जनता को गुमराह होने से बचाना होगा
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता विपक्ष के भ्रामक प्रचार को रोकने के लिए जनता को हकीकत बताएं कि मप्र सरकार अदालतों के आदेश व निर्देश पर विशेषज्ञों की निगरानी में पूरी प्रक्रिया कर रही है। मप्र की भाजपा सरकार इस विषय को लेकर जनता के प्रति संवेदनशील एवं संजीदा है। कांग्रेस किसी भी तरह प्रदेश का सद्भावनापूर्ण वातावरण को बिगाडऩा चाहती है और इस बारे में पार्टी कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों तथा जनता को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है। डॉ. मोहन यादव सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है कि जनता के हित के विरूद्ध कोई भी कार्य नहीं किया जाएगा।

18 साल में क्यों नहीं की चिंता: सिंघार
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, उमा भारती, बाबूलाल गौर और उसके बाद शिवराज सिंह के 18 साल के कार्यकाल में किसने जहरीले कचरे की चिंता की? सीएम को लेकर कहा कि मंच पर लोक लुभावन झूठ बोलने से पहले असलियत देख लें कि यदि जान की चिंता की बात करें तो कोरोना काल की त्रासदी भाजपा सरकार में हुई। जब कोरोना पर काबू करना था, तब भाजपा सरकार लोगों से थाली और मंजीरे बजवा रही थी, इसे भी याद कर लें। जनता की इतनी ही चिंता होती तो कानून व्यवस्था की चिंता करते। मप्र में जितने अपराध मोहन सरकार के कार्यकाल में बढ़ रहे हैं, उतने कभी नहीं बढ़े।

परिवहन आयुक्त से हटाए गुप्ता के खिलाफ लोकायुक्त में दर्ज है भ्रष्टाचार की शिकायत
प्रदेश में लोकायुक्त, आयकर छापों में परिवहन के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के ठिकानों पर मिली अकूत संपत्ति की जांच के बीच सरकार ने नए साल में परिवहन आयुक्त डीपी गुप्ता को हटा दिया है। उनकी जगह 1998 बैच आईपीएस अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक योजना पुलिस मुख्यालय विवेक शर्मा को नया परिवहन आयुक्त पदस्थ किया है। डीपी गुप्ता को फिलहाल कोई काम नहीं दिया है। डीपी गुप्ता के खिलाफ लोकायुक्त ने तीन महीने पहले सितंबर में भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज की थी। जिसका प्रकरण 282/ई/ 2024 पर दर्ज है। लोकायुक्त के विधि अधिकारी ने 12 सितंबर 2024 को परिवहन विभाग को पत्र लिखकर भ्रष्टाचार की शिकायत के संबंध में जांच प्रतिवेदन मांगा था। विभाग ने परिवहन आयुक्त कार्यालय को ही लोकायुक्त का पत्र भेज दिया था। जिस पर अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं आई है। शिकायत में डीपी गुप्ता पर भ्रष्टाचार समेत अन्य गंभीर आरोप थे। हाल ही में मुख्यमंत्री कार्यालय और मुख्य सचिव कार्यालय को भी गुप्ता के खिलाफ अन्य शिकायत पहुंची है।