पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की रिपोर्ट में खुलासा.
भोपाल/मंगल भारत। प्रदेश में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाओं और साक्षात्कार में उज्जैन जिले के परीक्षार्थियों का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा है। इसका खुलासा पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की रिपोर्ट में हुआ है। इस मामले में भोपाल, इंदौर जैसे बड़े जिले पिछड़ गए है। पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल 47 जिलों के ओबीसी अभ्यर्थी एमपीपीएससी की प्रीलिम्स, मेन्स आदि स्तरों की परीक्षाओं में उत्तीर्ण हुए थे। प्रदेश में पिछले वर्ष मप्र लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा की प्रीलिम्स, मेन्स और साक्षात्कार जैसे अलग-अलग स्तर की परीक्षाओं में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सबसे ज्यादा अभ्यर्थी उज्जैन जिले से चयनित हुए हैं। दूसरे स्थान पर गुना जिला रहा।
उज्जैन के अभ्यर्थियों को 1.03 करोड़ इन्सेंटिव
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने सिविल सर्विस इन्सेंटिव स्कीम के तहत कुल 8 करोड़ 92 लाख 75 हजार का इंसेंटिव ओबीसी श्रेणी के अभ्यर्थियों को दिया गया। इनमें 1.03 करोड़ से ज्यादा का इंसेंटिव उज्जैन जिले के अभ्यर्थियों को दिया गया है। यह सबसे ज्यादा है। गुना जिले के ओबीसी अभ्यर्थियों को 35 लाख से ज्यादा का इन्सेंटिव मिला। इस मामले में भोपाल, इंदौर जैसे बड़े जिले पिछड़ गए। पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की रिपोर्ट बताया गया है कि पिछले साल 47 जिलों के ओबीसी अभ्यर्थी एमपीपीएससी की प्रीलिम्स, मेन्स आदि स्तरों की परीक्षाओं में उत्तीर्ण हुए थे। इन्हें इस स्कीम के तहत इन्सेंटिव दिया गया। सबसे ज्यादा इन्सेंटिव उज्जैन जिले को मिला है तो सबसे कम आलीराजपुर जिले के अभ्यर्थियों को 15 हजार रुपए मिले हैं। उमरिया जिले को भी केवल 45 हजार मिले हैं। दरअसल, विधानसभा के बजट सत्र में भी सचिन सुभाष यादव ने एक प्रश्न पूछा था कि क्या ओबीसी के लिए सिविल सेवा इन्सेंटिव स्कीम की राशि देना बंद कर दिया गया है। इसके जवाब में मंत्री कृष्णा गौर ने लिखित जवाब दिया था कि यह योजना बंद नहीं हुई है। ओबीसी छात्रों को इन्सेंटिव दिया जा रहा है।
सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के तहत छात्रवृत्ति
एमपीपीएससी प्री और मेन्स परीक्षा पास करने वाले अन्य पिछड़ा वर्ग, एससी, एसटी छात्रों के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के तहत छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। इसका मकसद इन वर्गों के विद्यार्थियों को सिविल सेवा परीक्षाओं में सफल होने के लिए प्रोत्साहित करना है। योजना के तहत एमपीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा (पी) उत्तीर्ण करने पर 20 हजार, मुख्य परीक्षा (मेन्स) उत्तीर्ण करने पर 30 हजार और साक्षात्कार के बाद चयनित होने पर 25 हजार रुपए प्रदान किए जाते हैं। अभिभावकों कीआय पांच लाख रुपए से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
पशु चिकित्सा भर्ती परीक्षा 18 मई को
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग ने पशुपालन और डेयरी विभाग के तहत सहायक संचालक और पशु चिकित्सा पदों पर भर्ती प्रक्रिया तेज कर दी है। आयोग 18 मई को प्रदेशभर में लिखित परीक्षा आयोजित करेगा। परीक्षा केंद्रों की सूची अप्रेल के दूसरे सप्ताह तक जारी होगी। प्रवेश-पत्र 9 मई को उपलब्ध करवाए जाएंगे। इन्हें आयोग की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकेगा। उम्मीदवारों को ओएमआर शीट पर उत्तर देने होंगे। कुल 192 पर्दों पर नियुक्ति की जाएगी। इसमें विभिन्न श्रेणियों के लिए आरक्षित सीटें भी शामिल हैं। 20 जनवरी से 19 फरवरी तक करीब 3,500 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। केंद्र इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर में बनाए जाएंगे। उम्मीदवारों को परीक्षा शुरू होने से एक घंटा पहले पहुंचना होगा।