50 करोड़ से अधिक के भुगतान पर वित्त विभाग से लेनी होगी परमिशन.
केंद्र की योजनाओं और निर्माण संबंधित पेमेंट ही हो सकेंगे
मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। मप्र में आर्थिक मामले में बड़ा फैसला लिया गया है। वित्त विभाग ने 50 करोड़ से ज्यादा के भुगतान पर रोक लगा दी है। इसके लिए अनुमति आवश्यक कर दी गई है। बिना वित्त विभाग की मंजूरी के किसी भी हाल में भुगतान नहीं किया जा सकेगा। हालांकि यह आर्थिक पाबंदी केंद्र सरकार की योजनाओं और निर्माण संबंधी कामों के लिए लागू नहीं होगी। इनसे संबंधित भुगतान किए जा सकेंगे। वित्त विभाग द्वारा इस संबंध में 31 मार्च को ही निर्देश जारी कर दिए गए। मप्र में नए वित्त वर्ष में आर्थिक पाबंदी की खबर सामने आई है। प्रदेश के वित्त विभाग ने अहम फैसला लेते हुए 50 करोड़ रुपए से ज्यादा के बिलों के बिना अनुमति भुगतान पर रोक लगा दी है। ऐसे भुगतान पर वित्त विभाग की अनुमति अनिवार्य कर दी गई है। वित्त विभाग की अनुमति के बाद ही ऐसी राशि वाले चेक और बिल ट्रेजरी में लगाए जा सकेंगे। नए निर्देशों में कहा गया है कि यह प्रतिबंध निर्माण कार्य, केंद्र सरकार की सहायता से संचालित योजनाओं और केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में लागू नहीं होगा। वित्त विभाग द्वारा इसको लेकर सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष, आहरण संवितरण अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं। 50 करोड़ रुपए से अधिक के भुगतान के लिए तय शर्तों में साफ किया गया है कि यह निर्देश वर्ष 2025-26 के लिए है। अब यह माना जा रहा है कि अगले दो महीने तक सरकार भुगतान के मामले में और सख्ती बरत सकती है।
इन कामों के लिए लेनी होगी अनुमति
वित्त विभाग के निर्देश के अनुसार, विभागों को निर्माण से संबंधित कार्यों के भुगतान, वैट अधिनियम के तहत लौटाई जाने वाली राशि, भू-अर्जन के बदले किए जाने वाले भुगतान, वन संरक्षण अधिनियम के तहत वन से संबंधित कार्यों के भुगतान आदि के लिए अनुमति
लेती होगी।
बिल भुगतान के लिए यह काम करना होगा
बिल भुगतान के लिए संबंधित अधिकारी द्वारा जारी प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति का आदेश लाना होगा। वहीं जिस अधिकारी के द्वारा बिल की राशि निकाली जाएगी उसका नाम, जिस ट्रेजरी में बिल लगाया जाएगा उसका नाम, भुगतान के लिए जारी बजट और शेष के लिए आवंटन का सर्टिफिकेट देना होगा। यह सर्टिफिकेट भी देना होगा कि जो राशि भुगतान के लिए निकाली जाएगी। उसे बैंक खाते में नहीं रखा जाएगा। केंद्र प्रवर्तित योजनाओं की राशि के लिए भुगतान की जो राशि ली जाएगी, उसके बैंक खाते की पास बुक जरूरी है। इसके आधार पर वित्त विभाग सरकार के पास मौजूद बजट के आधार भुगतान की स्वीकृति जारी करेगा।
भुगतान प्रक्रिया के नियम
निर्देशों में कहा गया है कि सभी बिलों का भुगतान केवल सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रशासनिक और वित्तीय अनुमति के आधार पर ही किया जाएगा। इसके लिए बुक ऑफ फाइनेंशियल पावर्स और डेलीगेटेड पावर के अनुसार प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इस संबंध में वित्त विभाग की अनुमति मिलने के बाद अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि भुगतान स्वीकृति मिलने के 15 दिनों के भीतर या संबंधित वित्तीय वर्ष के 31 मार्च तक ही वैध रहेगी। निर्देशों के अनुसार, निर्माण से संबंधित विभागों के बिल, केंद्र की सहायता से संचालित योजनाओं और केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के मामलों में यह अनुमति आवश्यक नहीं होगी।