सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अब सार्वजनिक तौर पर घोषित करेंगे अपनी संपत्ति: रिपोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के आधिकारिक आवास पर बड़ी मात्रा में कैश मिलने की घटना के कुछ दिनों बाद सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीशों ने अपनी संपत्ति की सार्वजनिक घोषणा करने पर सहमति जताई है.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीश गुरुवार (3 मार्च) को अपनी संपत्ति की सार्वजनिक घोषणा करने के लिए सहमत हो गए हैं.

बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट का यह कदम पारदर्शिता लाने और न्यायपालिका में लोगों का विश्वास बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है. इसकी घोषणा हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के आधिकारिक आवास पर एक दुर्घटना के दौरान बड़ी संख्या में कैश मिलने की घटना के कुछ दिनों बाद की गई है.

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, 1 अप्रैल को पूर्ण कोर्ट की बैठक हुई, जिसमें जजों ने सर्वसम्मति से भारत के चीफ जस्टिस (सीजेआई) संजीव खन्ना के समक्ष अपनी संपत्ति का खुलासा करने का फैसला किया. रिपोर्ट में कहा गया है कि संपत्ति की घोषणा प्रकाशित करने के तौर-तरीकों को नियत समय में अंतिम रूप दिया जाएगा.

वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के जजों को अपनी संपत्ति की घोषणा प्रस्तुत करनी होती है, लेकिन उन घोषणाओं को सार्वजनिक नहीं किया जाता.

जस्टिस यशवंत वर्मा का केस

ज्ञात हो कि 14 और 15 मार्च की रात जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर आग लग गई, जिसके बाद बड़ी मात्रा में नकदी सामने आई थी. इस नकदी को दिखाते हुए घटना का एक कथित वीडियो भी सामने आया था, जिसके बाद यह जानकारी सीजेआई खन्ना तक पहुंची.

जस्टिस वर्मा ने शुरुआत में इस बात से इनकार किया था कि यह उनकी संपत्ति है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह ‘उन्हें फंसाने और बदनाम करने की साजिश’ है.

इस घटना के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हुआ जिसने न्यायपालिका के प्रति जनता के विश्वास को प्रभावित किया. बाद में कई दौर की चर्चाओं के बाद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा को वापस उनके मूल इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया.

इसके अलावा, तीन सदस्यीय न्यायिक समिति ने मामले की ‘इन-हाउस’ जांच शुरू कर दी है. इसी बीच, जले हुए कमरे में नकदी की मौजूदगी दिखाने वाले वीडियो को भी सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक किया है.