राजस्थान: नेता प्रतिपक्ष के मंदिर जाने के बाद गंगाजल छिड़कवाने वाले भाजपा के पूर्व विधायक निलंबित

भाजपा नेता और पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने 7 अप्रैल को राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, जो दलित समुदाय से आते हैं, के मंदिर जाने के बाद वहां गंगाजल छिड़कवाया था. मामले के तूल पकड़ने के बाद पार्टी ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी है और कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

नई दिल्ली: भाजपा नेता और पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा द्वारा सोमवार (7 अप्रैल) को राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के मंदिर जाने के बाद मंदिर का शुद्धिकरण करने के लिए उसमें गंगाजल छिड़कवाने के बाद हो रही आलोचनाओं के बीच भाजपा ने पूर्व विधायक की पार्टी की प्राथमिक सदस्यता को निलंबित कर दिया और उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया. जूली दलित समुदाय से आते हैं.

राजस्थान विधानसभा के पहले दलित नेता प्रतिपक्ष जूली रविवार (6 अप्रैल) को रामनवमी के अवसर पर अलवर के अपना घर शालीमार आवासीय सोसायटी में राम मंदिर के अभिषेक समारोह में शामिल हुए थे.

ज्ञानदेव आहूजा ने जूली के मंदिर जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा था कि जूली ‘हिंदुत्व विरोधी’ और ‘सनातन विरोधी’ हैं.

जूली के मंदिर जाने के दौरान आहूजा ने कहा, ‘उन्हें शर्म आनी चाहिए. उन्हें अपनी नाक काटकर पानी भरे कटोरे में डुबो देना चाहिए. मैं बहिष्कार शब्द का इस्तेमाल नहीं करूंगा, क्योंकि यह भगवान श्री राम का मंदिर है, लेकिन मैं वहां जाऊंगा और गंगाजल छिड़कूंगा क्योंकि उनके अपवित्र पैर वहां पड़ेंगे और हाथ मूर्तियों को छुएंगे. और मैं भगवान श्री राम से प्रार्थना करूंगा, यह मेरा संकल्प है.’

इसके बाद अलवर के रामगढ़ से पूर्व विधायक आहूजा सोमवार को मंदिर गए, और वहां जाकर गंगाजल छिड़का. बाद में उन्होंने कहा कि रविवार के अभिषेक समारोह में कुछ ‘गड़बड़ी’ थी, क्योंकि ‘भगवान राम के अस्तित्व को चुनौती देने वालों को आमंत्रित किया गया था.’

उन्होंने आमंत्रित कांग्रेस नेताओं को ‘पापी और राक्षस’ कहा. आहूजा कहते हैं, ‘मंदिरों को अपवित्र मत करो. यह भगवान श्री राम का मंदिर है, जिनके चरणों में मैंने गंगाजल छिड़का है. गंगाजल इसलिए छिड़का क्योंकि कुछ अपवित्र लोग यहां आए थे.’

जूली के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘मैं उनका नाम लेकर अपना मुंह गंदा या अपवित्र नहीं करूंगा, चाहे वो जो भी हों.’

‘ज्ञानदेव आहूजा का बयान भाजपा की दलितों के प्रति मानसिकता का परिचायक’
आहूजा के इस कृत्य पर प्रतिक्रिया देते हुए जूली ने कहा, ‘भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्ञानदेव आहूजा का बयान भाजपा की दलितों के प्रति मानसिकता का परिचायक है. मैंने विधानसभा में दलितों की आवाज उठाते हुए छुआछूत के विरुद्ध अभियान चलाने की बात कही थी पर भाजपा की मानसिकता ये है कि वो मेरे दलित होने के कारण मंदिर जाने पर गंगाजल से मंदिर धुलवाने की बात कह रहे हैं. यह न सिर्फ मेरी व्यक्तिगत आस्था पर हमला है बल्कि अस्पृश्यता जैसे अपराध को बढ़ावा देने वाला बयान है.’

कांग्रेस पार्टी ने इस घटना को लेकर मंगलवार (8 अप्रैल) को सभी जिला मुख्यालयों में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है.

जूली ने कहा, ‘क्या भाजपा दलितों से इतनी नफरत करती है कि हमें पूजा पाठ करते भी नहीं देख सकती है? क्या भगवान पर केवल भाजपा नेताओं का अधिकार हो गया है? मुख्यमंत्री जी एवं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वो दलितों के मंदिर जाने पर गंगाजल से मंदिर धुलवाने के बयान का समर्थन करते हैं ? ’
जूली अलवर ग्रामीण से तीन बार साल 2008, 2018 और 2023 में विधायक चुने जा चुके हैं. विधायक बनने से पहले वे साल 2005-08 में अलवर जिला प्रमुख थे. फरवरी 2016 में उन्हें अलवर जिला कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.

इसके बाद उन्हें राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया. नवंबर 2021 में उन्हें सामाजिक न्याय और अधिकारिता के साथ-साथ जेलों के कैबिनेट मंत्री का पदभार दिया गया.

आरएसएस से जुड़े आहूजा अलवर के रामगढ़ से तीन बार के विधायक रह चुके हैं और आखिरी बार साल 2013 में चुने गए थे. आहूजा इससे पहले गौरक्षकों का समर्थन करने वाले अपने बयानों और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों पर आरोप लगाकर विवाद में रह चुके हैं.

कांग्रेस के नेताओं ने जाहिर की नाराजगी

इस बीच, कांग्रेस पार्टी ने इस घटना को लेकर मंगलवार (8 अप्रैल) को सभी जिला मुख्यालयों में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है.

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत कई अन्य कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने आहूजा पर उनके कृत्य को लेकर निशाना साधा. गहलोत ने कहा कि आहूजा का यह कृत्य ‘दलितों के प्रति भाजपा की दुर्भावना को दर्शाता है.’

गहलोत ने कहा, ‘भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा द्वारा नेता प्रतिपक्ष के मंदिर जाने के बाद गंगाजल छिड़कने की घटना दलितों के प्रति भाजपा की दुर्भावना को दर्शाती है. 21वीं सदी में ऐसी संकीर्ण मानसिकता एक सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं है. इसकी जितने कड़े शब्दों में निंदा की जाए वह कम है. क्या राजस्थान के मुख्यमंत्री एवं भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अपने वरिष्ठ नेता के इस व्यवहार से सहमत हैं? क्या इस घृणित कृत्य के लिए भाजपा अपने नेता पर कार्रवाई करेगी?’

भाजपा ने बयान से किनारा किया

आहूजा की पार्टी सदस्यता रद्द करने से पहले भाजपा ने आहूजा के इस बयान से खुद को अलग कर लिया था. पार्टी प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा था, ‘भाजपा ऐसी बातों पर विश्वास नहीं करती. आहूजा ने जो कहा है उसके लिए वह खुद जिम्मेदार हैं.’

मंगलवार (8 अप्रैल) को भाजपा ने आहूजा को निलंबित करते हुए उन्हें जारी कारण बताओ नोटिस में कहा कि उनके बयानों और जूली के मंदिर जाने के बाद मंदिर के अंदर गंगा जल छिड़कने के कृत्य ने पार्टी की छवि को धूमिल किया है.

पार्टी ने आहूजा को तीन दिन के भीतर अपना जवाब देने को कहा है. नोटिस में यह भी कहा गया है, ‘आपका यह कृत्य गंभीर अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है. …अन्यथा यह मान लिया जाएगा कि उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है और आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.’