कोई भी हों, कानून अपने हाथ में न लें: ममता बनर्जी

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के विरोध में जारी


हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। अब सीएम ममता बनर्जी का सब्र भी लग रहा है कि जवाब दे रहा है और उन्होंने दंगाइयों को चेतावनी दी है कि आप ए, बी, सी, डी, ई, एफ कोई भी, लेकिन कानून को अपने हाथ में न लें। उन्होंने साथ ही लोगों से शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने की भी अपील की और कहा कि हम उपेक्षितों और पीड़ितों के साथ खड़े हैं।

दक्षिण कोलकाता के कालीघाट स्थित प्रसिद्ध काली मंदिर के निकट स्काईवॉक का उद्घाटन करते हुए एक कार्यक्रम में ममता बनर्जी ने कहा कि ‘धर्म के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। धर्म का मतलब है भक्ति, स्नेह, मानवता, शांति, सौहार्द, संस्कृति, सद्भाव और एकता है। इंसानों से प्यार करना किसी भी धर्म की सर्वोच्च अभिव्यक्तियों में से एक है। हम अकेले पैदा होते हैं और अकेले मरते हैं, तो लड़ाई क्यों? दंगे, युद्ध या अशांति क्यों? याद रखें, अगर हम लोगों से प्यार करते हैं तो हम सब कुछ जीत सकते हैं। लेकिन अगर हम खुद को अलग-थलग कर लेंगे, तो हम किसी को भी नहीं जीत पाएंगे। अगर किसी पर हमला होता है, चाहे वह उपेक्षित हो, उत्पीड़ित हो, वंचित हो, हाशिए पर हो या किसी भी धर्म से हो – हम सभी के साथ खड़े हैं।’

ममता बनर्जी ने दंगाइयों को चेतावनी देते हुए कहा, ‘मैं आप सभी से कहूंगी कि सभी को शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक आंदोलन करने का अधिकार है, लेकिन कृपया, चाहे आप A, B, C, D, E, F, G, H कोई भी हों, कानून को अपने हाथ में न लें। कानून की रक्षा के लिए उसके रक्षक हैं, हमें कानून के भक्षक नहीं चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘शांति से रहो। बंगाल की धरती शांति की धरती है। इसकी मिट्टी सोने की तरह शुद्ध है।’ गौरतलब है कि सोमवार को भी दक्षिण 24 परगना जिले में इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के समर्थक पुलिस से भिड़ गए। इस दौरान जमकर बवाल हुआ। हिंसा में कई लोग घायल हुए और कई पुलिस वाहनों को आग लगा दी गई। यह झड़प तब हुई, जब पुलिस ने आईएसएफ समर्थकों को पार्टी के नेता और भांगर विधायक नौशाद सिद्दीकी की कोलकाता में हुई रैली में जाने से रोकने की कोशिश की। पुलिस का कहना है कि इस रैली के लिए पुलिस की अनुमति नहीं थी।

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