सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई, जो भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश बनने जा रहे हैं, ने कहा कि ‘मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं है… मैं सेवानिवृत्ति के बाद कोई कार्यभार नहीं लूंगा.’

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई, जो दो दिन में भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने जा रहे हैं, ने कहा है कि वह सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले किसी भी पद को ठुकरा देंगे.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, जस्टिस गवई ने अपने आवास पर पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में यह बात कही.
जस्टिस गवई के हवाले से कहा गया कि ‘मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं है… मैं सेवानिवृत्ति के बाद कोई कार्यभार नहीं लूंगा.’
जब पूर्व सीजेआई द्वारा राज्यपाल का पद संभालने का मुद्दा उठाया गया, तो उन्होंने कहा, ‘मैं दूसरों की ओर से नहीं बोल सकता.’ लेकिन गवई ने कहा कि पूर्व सीजेआई के लिए राज्यपाल का पद ‘प्रोटोकॉल में सीजेआई के पद से नीचे है.’
उल्लेखनीय है कि जस्टिस पी. सदाशिवम, जो 2013 से 2014 तक मुख्य न्यायाधीश थे, को 2014 में केरल का राज्यपाल नियुक्त किया गया और वे 2019 तक इस पद पर रहे. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस एस. अब्दुल नजीर को हाल ही में 2023 में आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया.
इसी तरह पूर्व सीजेआई जस्टिस रंजन गोगोई को उनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद 2020 में सांसद के रूप में राज्यसभा के लिए नामित किया गया था.
पीटीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि न्यायाधीशों द्वारा राजनेताओं सहित अन्य लोगों से मुलाकात के बारे में पूछे गए सवाल पर गवई ने कहा, ‘एक न्यायाधीश के रूप में आप किसी अलग दुनिया में नहीं रहते हैं और जब तक आप विभिन्न क्षेत्रों के लोगों से नहीं मिलते हैं, तब तक आप उन मुद्दों को नहीं समझ पाएंगे जो उन्हें प्रभावित कर रहे हैं.’
गवई ने हाल ही में संघर्षग्रस्त मणिपुर की अपनी यात्रा के बारे में भी बात की.
उन्होंने संसद की सर्वोच्चता पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के दावों के आलोक में संसद और न्यायपालिका के बीच टकराव पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा, ‘संविधान सर्वोच्च है. केशवानंद भारती मामले में 13 न्यायाधीशों की पीठ के फैसले में यह कहा गया है.’