सेना कमांडरों के पास भविष्य में संघर्ष विराम उल्लंघन का मुक़ाबला करने का पूर्ण अधिकार: सेना

पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी करके और रात भर भारतीय क्षेत्र में ड्रोन भेजकर शनिवार को संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन करने के बाद सेना ने कहा कि भारत ने अपनी दृढ़ और स्पष्ट मंशा व्यक्त की कि यदि उल्लंघन दोहराए गए तो इनका उग्र तरीके से जवाब दिया जाएगा.

नई दिल्ली: पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी करके और रात भर भारतीय क्षेत्र में ड्रोन भेजकर शनिवार को संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन करने के बाद सेना ने रविवार (11 मई) को कहा कि भारत रावलपिंडी के साथ भविष्य के उकसावे का ‘उग्र और दंडात्मक रूप से’ जवाब देने के लिए तैयार है.

रक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में सेना ने यह भी कहा कि उसने कुछ पाकिस्तानी विमानों को मार गिराया है, लेकिन इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने कोई विमान खोया है या नहीं.

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, एयर मार्शल एके भारती, वाइस एडमिरल एएन प्रमोद और मेजर जनरल एसएस शारदा द्वारा आयोजित ब्रीफिंग के दौरान यह भी बताया गया कि भारतीय सेना ने ऑपरेशन के दौरान पांच कर्मियों को खो दिया और पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा पर आर्टिलरी और छोटे हथियारों की गोलीबारी में 35 से 40 कर्मियों को खो दिया है.

मारे गए आतंकवादी

ब्रीफिंग में ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की सैन्य कार्रवाइयों का विस्तृत विवरण दिया गया, जिसे 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे, के जवाब में 7 मई को शुरू किया गया था.

इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में नौ आतंकी शिविरों को निशाना बनाया. लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा कि इस कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें 1999 के आईसी 814 अपहरण और 2019 के पुलवामा हमले से जुड़े लोग भी शामिल थे. इनमें यूसुफ अज़हर, अब्दुल मलिक राल और मुदासिर अहमद शामिल थे.

वाइस एडमिरल प्रमोद ने कहा कि नौसेना ने पहलगाम के बाद अपने युद्धक विमानवाहक समूह, पनडुब्बियों और निगरानी परिसंपत्तियों को युद्ध के लिए तैयार स्थिति में तैनात कर दिया था और एक समय पर वह कराची सहित समुद्र और जमीन पर ‘चुनिंदा लक्ष्यों’ पर ‘अपनी पसंद के समय’ हमला करने की स्थिति में थी.

उन्होंने कहा कि नौसेना की मौजूदगी ने पाकिस्तान को युद्ध विराम की मांग करने में मदद की, जिसका प्रस्ताव उनके अनुसार शनिवार को हॉटलाइन कॉल में पाकिस्तानी सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) द्वारा किया गया था.

ज्ञात हो कि युद्ध विराम पर शनिवार दोपहर को सहमति हुई तथा यह उसी दिन शाम 5 बजे से लागू होना था.

हालांकि, लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा कि शनिवार शाम से उल्लंघन शुरू हुआ, जिसमें ड्रोन घुसपैठ और नियंत्रण रेखा पर ताजा गोलीबारी शामिल थी, और यह रविवार सुबह तक जारी रहा.

भारत का विरोध दर्ज कराने के लिए रविवार सुबह दूसरी हॉटलाइन पर बातचीत शुरू की गई.

लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा कि बातचीत के दौरान भारत ने अपनी ‘दृढ़ और स्पष्ट मंशा व्यक्त की कि यदि आज रात या बाद में ये (उल्लंघन) दोहराए गए तो वे इनका उग्र और दंडात्मक तरीके से जवाब देंगे.’

उन्होंने कहा कि थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने आज ही भारतीय सेना के कमांडरों को पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन की स्थिति में ‘गतिज क्षेत्र में जवाबी कार्रवाई के लिए’ ‘पूर्ण अधिकार’ प्रदान किए हैं.

‘नुकसान युद्ध का हिस्सा’

जब एयर मार्शल भारती से पूछा गया कि भारतीय सेना ने कितने पाकिस्तानी विमानों को मार गिराया है, तो उन्होंने कहा कि भारत ने निश्चित रूप से कुछ विमानों को मार गिराया है, लेकिन उन्होंने अनुमान लगाने से इनकार कर दिया.

उन्होंने कहा, ‘जैसा कि मैंने कहा उनके विमानों को हमारी सीमा में आने से रोक दिया गया. इसलिए हमारे पास मलबा नहीं है.’

उन्होंने से यह भी पूछा गया कि पिछले सप्ताह पाकिस्तान के साथ सैन्य टकराव के दौरान सशस्त्र बलों ने कितनी संपत्ति खोई, जबकि इस्लामाबाद ने दावा किया था कि उसने भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया है.
उन्होंने जवाब दिया कि ‘हम युद्ध की स्थिति में हैं और नुकसान युद्ध का एक हिस्सा है.’ लेकिन उन्होंने कोई भी विवरण देने से इनकार कर दिया और कहा कि ऐसा करना पाकिस्तान के लिए फायदेमंद होगा.

एयर मार्शल भारती ने कहा, ‘आप हमसे जो सवाल पूछें – और वास्तव में हमें खुद से भी पूछना चाहिए, आप सभी को शामिल करते हुए – वह यह है कि ‘क्या हमने उनके आतंकवादी शिविरों को नष्ट करने का अपना उद्देश्य हासिल कर लिया है.’ इसका उत्तर एक दमदार हां है. और इसके परिणाम पूरी दुनिया देख सकती है.’

उन्होंने कहा कि ‘हमारे सभी पायलट घर वापस आ गए हैं.’

इस्लामाबाद के दावे के बीच अंतरराष्ट्रीय मीडिया में खुफिया सूत्रों के हवाले से अटकलें और रिपोर्ट्स आई हैं कि एक या एक से अधिक भारतीय रफाल लड़ाकू विमान गिराए गए हैं.

‘नागरिक नहीं थे निशाना’

एयर मार्शल भारती ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान वायुसेना के अभियानों के बारे में भी विस्तार से बताया. उन्होंने बताया कि लक्ष्य पर हमला करने के लिए हवा से जमीन पर सटीक निशाना लगाने वाले निर्देशित हथियारों का इस्तेमाल किया गया ताकि किसी तरह की क्षति से बचा जा सके.

उन्होंने कहा, ‘हमारी प्रतिक्रिया केवल सैन्य प्रतिष्ठानों पर थी, ताकि नागरिक और अन्य क्षति से बचा जा सके.’

वायु सेना ने हमले के फुटेज प्रस्तुत किए, जिनमें प्रशिक्षण परिसरों, रडार स्थलों और हवाई क्षेत्रों को हुए नुकसान को दिखाया गया है.

भारती ने कहा कि 7 मई से शुरू हुई पाकिस्तानी ड्रोन घुसपैठ के जवाब में भारतीय वायु रक्षा बलों ने नागरिक और सैन्य प्रतिष्ठानों के ऊपर कई मानव रहित हवाई वाहनों को रोका.

उन्होंने कहा, ‘उनमें से कुछ विमान उतरने में सफल रहे, हालांकि उनसे ज्यादा नुकसान नहीं हुआ.’

उन्होंने कहा कि भारत ने 7 मई को आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर मिसाइल हमले के बाद पाकिस्तान द्वारा भारतीय नागरिकों और सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाए जाने के जवाब में लाहौर और गुजरांवाला के निकट पाकिस्तानी रडार इंस्टालेशन पर भी हमले किए.

भारत और पाकिस्तान के बीच सोमवार को सैन्य संचालन महानिदेशक स्तर की वार्ता पुनः शुरू होने की उम्मीद है, जिसमें सतत युद्धविराम के तौर-तरीकों पर चर्चा की जाएगी.

इससे पहले सरकारी सूत्रों ने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम लागू होने के बावजूद ऑपरेशन सिंदूर जारी रहेगा.

सूत्रों ने कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है, हम नई सामान्य स्थिति में हैं. दुनिया को इसे स्वीकार करना होगा. पाकिस्तान को भी इसे स्वीकार करना होगा. यह हमेशा की तरह नहीं चल सकता.’

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शनिवार को सबसे पहले युद्ध विराम की घोषणा करने वाले व्यक्ति थे, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यह समझौता ‘अमेरिका की मध्यस्थता में एक लंबी बातचीत के बाद’ हुआ है.

उनके विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने शनिवार को कहा कि उन्होंने और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पिछले 48 घंटों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनके पाकिस्तानी समकक्ष शहबाज शरीफ और पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर सहित वरिष्ठ भारतीय और पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ बातचीत की है.

इस्लामाबाद ने युद्ध विराम में मध्यस्थता में वॉशिंगटन की भूमिका को स्वीकार किया है और इसके लिए उसे धन्यवाद दिया है, लेकिन भारत ने अभी तक सार्वजनिक रूप से अमेरिका का उल्लेख नहीं किया है.