ट्रंप के दावों से हुए नुकसान की भरपाई के प्रयास में पीएम मोदी बोले- पाकिस्तान से कोई बातचीत नहीं

भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में कहा कि भारत ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ अभियान केवल अस्थायी तौर पर रोका है. उधर, मोदी के संबोधन के वक़्त ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने परमाणु संघर्ष को रोकने का दावा किया.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम कराने की बात कहे जाने के बाद राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में कहा कि भारत ने पाकिस्तान के हवाई ठिकानों और सैन्य प्रतिष्ठानों को इतना नुकसान पहुंचाया है कि उसके डीजीएमओ ने 10 मई की दोपहर को अपने भारतीय समकक्ष को फोन करके यह सुनिश्चित किया कि भारतीय सेना आगे कोई कार्रवाई नहीं करेगी.

मोदी ने यह भी कहा कि ‘अब किसी भी तरह का परमाणु ब्लैकमेल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा’ और अपनी सरकार की घोषित नीति को दोहराया कि ‘बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते.’

मोदी का बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो द्वारा कही गई बातों से अलग था – कि युद्ध विराम की घोषणा के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता तटस्थ स्थान पर होगी.

मोदी ने कहा कि चार दिन तक चले सैन्य गतिरोध में भारत की सबसे बड़ी सफलता पाकिस्तान के दो सबसे बड़े आतंकवादी ठिकानों – बहावलपुर और मुरीदके पर हमला था.

पिछले महीने पहलगाम आतंकी हमले, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे, के बाद भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में नौ ठिकानों पर सैन्य हमले किए थे. ऑपरेशन सिंदूर नाम से किए गए इस हमले में पाकिस्तान के साथ चार दिनों तक तनावपूर्ण सैन्य गतिरोध देखने को मिला था. इस दौरान वायु सेना के इस्तेमाल के अलावा मिसाइल और ड्रोन हमले भी किए गए.

10 मई की शाम को दोनों देशों के बीच युद्ध विराम पर सहमति बनी थी, जिसकी घोषणा सबसे पहले ट्रंप ने की थी. सोमवार को मोदी की टिप्पणी ऑपरेशन सिंदूर और चार दिनों तक चले सैन्य गतिरोध के बाद पहली थी.

मोदी ने कहा, ‘पाकिस्तान को इतना नुकसान और तकलीफ हुई कि उसने हमसे विनती करते हुए कहा कि वह आगे कोई कार्रवाई नहीं करेगा.’

मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अभियान केवल अस्थायी तौर पर रोका है. उन्होंने कहा, ‘हम कुछ दिनों तक पाकिस्तान पर नजर रखने के बाद अपने विकल्पों पर विचार करेंगे.’

उन्होंने कहा, ‘हमारी सेना, वायुसेना और नौसेना हाई अलर्ट पर हैं और आगे भी रहेंगी. ऑपरेशन सिंदूर ने भारत के लिए नया मानक स्थापित किया है, यह आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में नई सामान्य बात है.’

मोदी ने कहा कि आतंकवाद को प्रायोजित करने की पाकिस्तान की कोशिश एक दिन खुद पाकिस्तान को खत्म कर देगी.

उन्होंने कहा, ‘यह युग युद्धों का समर्थन करने का नहीं है, लेकिन यह युग आतंकवाद का भी नहीं है. पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को प्रायोजित करने से एक दिन पाकिस्तान खुद ही खत्म हो जाएगा. अगर उसे खुद को बचाना है, तो उसे अपने आतंकी ढांचे को साफ करना होगा.’

उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में हमारा समर्थन करने के बजाय पाकिस्तान ने हमारे स्कूलों, अस्पतालों और सशस्त्र बलों के स्टेशनों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है.’ उन्होंने पाकिस्तान पर न केवल आतंकवाद को प्रायोजित करने बल्कि आतंकवादियों को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया.

मोदी का यह संबोधन उनके समर्थकों के एक बड़े वर्ग द्वारा युद्ध विराम की घोषणा के खिलाफ ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरह से कड़ा विरोध दर्ज कराने के बाद आया है. उनके समर्थकों में इतना गुस्सा था कि विदेश सचिव विक्रम मिस्री, जिन्होंने सरकारी ब्रीफिंग में हिस्सा लिया था – चार दिन तक चले गतिरोध के दौरान ऑपरेशन सिंदूर की विस्तृत जानकारी दी थी – को भी बुरी तरह ट्रोल किया गया, यहां तक ​​कि मिस्री को अपना एक्स हैंडल प्राइवेट करना पड़ा.
जबकि ट्रंप और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच अब वार्ता एक तटस्थ स्थान पर होगी – जो कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की ‘आतंकवाद और वार्ता साथ-साथ नहीं चल सकते’ की घोषित नीति से अलग है – मोदी ने इस दावे को खारिज करने का प्रयास किया.

मोदी ने कहा, ‘आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं रह सकते. आतंकवाद और व्यापार, ‘पानी और खून की तरह’ एक साथ नहीं बह सकते.

उन्होंने कहा, ‘अगर हम पाकिस्तान से बातचीत करेंगे तो हम सिर्फ़ आतंकवाद और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के बारे में बात करेंगे. अब किसी भी तरह की परमाणु ब्लैकमेल बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जब भी ज़रूरत होगी हम अपनी ताकत दिखाएंगे और भारत ने पिछले कुछ दिनों में बिल्कुल वैसा ही किया है.’

मोदी के लहजे से संकेत मिलता है कि गतिरोध अभी भी जारी है, हालांकि इसके विपरीत सेना के सोमवार के बयान में कहा गया कि दोनों देशों के डीजीएसएमओ के बीच शाम 5 बजे बातचीत हुई और इस प्रतिबद्धता को जारी रखने से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई कि दोनों पक्ष एक भी गोली नहीं चलाएंगे या एक-दूसरे के खिलाफ कोई आक्रामक और शत्रुतापूर्ण कार्रवाई शुरू नहीं करेंगे.

सेना ने कहा कि दोनों पक्षों ने इस बात पर भी सहमति जताई कि वे सीमाओं और अग्रिम क्षेत्रों से सैनिकों की संख्या में कमी सुनिश्चित करने के लिए तत्काल उपायों पर विचार करेंगे.

संयोग से, जब मोदी बोल रहे थे, तब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान से कहा है कि जब तक तनाव नहीं रुकता, अमेरिका किसी भी देश के साथ व्यापार नहीं करेगा. उन्होंने परमाणु संघर्ष को रोकने का भी दावा किया.