पहलगाम पीड़ितों पर भाजपा सांसद की टिप्पणी पर कांग्रेस बोली- बदनाम नेताओं को निकाले पार्टी

भाजपा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने कहा कि पहलगाम में मारे गए पर्यटकों को आतंकियों से लड़ना चाहिए था और इस हमले में अपने पतियों को खोने वाली महिलाओं में वीरांगना का भाव नहीं था. कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी नेतृत्व की चुप्पी को टिप्पणियों के प्रति ‘मौन स्वीकृति’ के रूप में देखा जाना चाहिए.

नई दिल्ली: कांग्रेस ने रविवार को पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों पर भाजपा के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा की टिप्पणी को लेकर पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि पार्टी नेतृत्व की चुप्पी को टिप्पणियों के प्रति ‘मौन स्वीकृति’ के रूप में देखा जाना चाहिए.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जांगड़ा ने शनिवार को कहा कि पहलगाम में जान गंवाने वाले पर्यटकों को आतंकवादियों के खिलाफ लड़ना चाहिए था और आतंकी हमले में अपने पतियों को खोने वाली महिलाओं में ‘वीरांगना’ की भावना नहीं थी.

मराठा शासक रानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर भिवानी में आयोजित एक कार्यक्रम में जांगड़ा ने कहा, ‘वहां पर जो हमारी वीरांगनाएं बहनें थीं, जिनकी मांग का सिंदूर छीन लिया गया, वीरांगना का भाव नहीं था, जोश नहीं था, जज्बा नहीं था, दिल नहीं था, इसलिए हाथ जोड़ के गोली का शिकार हो गए. लेकिन हाथ जोड़ने से कोई छोड़ता नहीं. हमारे आदमी वहां पर हाथ जोड़कर मारे गए.’

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘भाजपा के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा के शर्मनाक बयान ने एक बार फिर आरएसएस-भाजपा की ओछी मानसिकता को उजागर कर दिया है. एमपी के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने हमारी जांबाज सेना का अपमान किया, लेकिन पीएम मोदी ने कोई कार्रवाई नहीं की. एमपी के मंत्री विजय शाह ने हमारे बहादुर कर्नल पर भद्दी टिप्पणी की, लेकिन उन्हें आज तक बर्खास्त नहीं किया गया.’

पोस्ट में खरगे ने कहा कि जब पहलगाम में शहीद हुए नौसेना अधिकारी की पत्नी को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा था, तब भी मोदी जी चुप थे.

उन्होंने कहा, ‘नरेंद्र मोदी जी, आप कहते हैं कि आपकी रगों में सिंदूर है… अगर ऐसा है, तो आपको महिलाओं के सम्मान के लिए अपने इन बदज़ुबानी नेताओं को बर्खास्त करना चाहिए!’

पार्टी प्रमुख की भावनाओं को दोहराते हुए कांग्रेस संचार प्रमुख जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता लगातार सेना और पहलगाम में मारे गए लोगों का अपमान कर रहे हैं, यह ‘जो उनकी क्षुद्र और नीच मानसिकता को उजागर करता है.’

रमेश ने एक्स पर लिखा, ‘जांगड़ा का यह शर्मनाक बयान दिखाता है कि सत्ता के नशे में चूर भाजपा इतनी असंवेदनशील हो गई है कि पहलगाम में सुरक्षा चूक को दोष देने के बजाय… भाजपा सांसद शहीदों और उनकी पत्नियों पर सवाल उठा रहे हैं.’

उन्होंने कहा कि भाजपा ने शाह और देवड़ा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. उन्होंने कहा कि नया बयान ‘बेहद आपत्तिजनक’ है.

रमेश ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा नेतृत्व की चुप्पी को इन बयानों की मौन स्वीकृति क्यों नहीं माना जाना चाहिए? हमारी स्पष्ट मांग है कि प्रधानमंत्री मोदी को इस शर्मनाक बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए और सांसद रामचंद्र जांगड़ा को पार्टी से निकालना चाहिए.’

जांगड़ा को केंद्रीय मंत्री और हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर का करीबी माना जाता है.

खट्टर ने करनाल में संवाददाताओं से कहा, ‘जांगड़ा ने अपनी भावना व्यक्त की, लेकिन इसे गलत संदर्भ में पेश किया गया. जिन महिलाओं ने अपने पति खो दिए हैं, उनके बारे में टिप्पणी करना उचित नहीं है. यह वास्तव में एक गलती थी और उन्होंने खेद व्यक्त किया है. मेरा मानना ​​है कि अब इस मुद्दे को बंद माना जाना चाहिए.’

आलोचना के बाद जांगड़ा ने स्पष्टीकरण जारी किया

विपक्षी दलों की कड़ी आलोचना का सामना करने के बाद हरियाणा के भाजपा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने रविवार को दावा किया कि पहलगाम आतंकी हमले पर उनके बयान को ‘तोड़-मरोड़ कर’ पेश किया गया और राजनीतिक लाभ के लिए गलत तरीके से पेश किया गया.

उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा, ‘मैं अपने देश की महिलाओं को किसी भी तरह से कमज़ोर नहीं मानता. हम उन महिलाओं के साथ खड़े हैं जिन्होंने पहलगाम हमले में अपने पतियों को खो दिया है, हम उन परिवारों के साथ खड़े हैं. फिर भी, अगर मैंने किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, तो मुझे माफ़ी मांगने में कोई हिचकिचाहट नहीं है.’

अपने स्पष्टीकरण में जांगड़ा ने अपनी टिप्पणी को नए सिरे से पेश करने की कोशिश की और कहा, ‘मैं अपने देश की महिलाओं को किसी भी तरह से कमजोर नहीं मानता. मेरा मानना ​​है कि वे बहादुर हैं और हमें केवल अहिल्याबाई और झांसी की रानी की भावना को जगाने की जरूरत है ताकि अगर पहलगाम जैसी परिस्थितियां पैदा होती हैं, तो वे बहादुरी की भावना से लड़ सकें.’

उन्होंने कहा, ‘मैं अपने देश की ‘वीरांगनाओं’ का सम्मान करता हूं, उन्हें सलाम करता हूं.’

उन्होंने कहा, ‘हमारे सशस्त्र बलों ने पहलगाम हमले का बदला लिया और पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाया जिसकी वह कल्पना भी नहीं कर सकता था. हम अपनी बहनों को कभी कमजोर नहीं कह सकते, और मेरा मानना ​​है कि हमें केवल उनमें झांसी की रानी और अहिल्याबाई की भावना जगाने की जरूरत है.’

उन्होंने कहा, ‘इस संदर्भ में मैंने अपनी टिप्पणी की थी, लेकिन इसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है. जो लोग इसे राजनीतिक मुद्दा बना रहे हैं, भगवान उन्हें सद्बुद्धि दे. इससे देश और समाज को ही नुकसान हो रहा है.’

जांगड़ा पहले भी रहे हैं विवादों में
यह पहली बार नहीं है जब 75 वर्षीय जांगड़ा ने विवाद खड़ा किया है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पिछले साल दिसंबर में उन्होंने आरोप लगाया था कि दिल्ली सीमा पर 2020-21 के किसान आंदोलन के दौरान 700 लड़कियां गायब हो गईं, इसके लिए उन्होंने ‘पंजाब में नशे’ को जिम्मेदार ठहराया.

एक दिन बाद उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने बस वही बताया था जिसके बारे में लोग बातें कर रहे थे. नवंबर 2021 में विरोध के दौरान उत्तेजित किसानों के एक समूह ने हिसार जिले में जांगड़ा के वाहन पर हमला किया. हालांकि, पुलिस उन्हें बचाने में कामयाब रही.

जांगड़ा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय से हैं और उन्हें 2015 में राज्य के पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए कल्याण बोर्ड का प्रमुख नियुक्त किया गया था. मार्च 2020 में उन्हें भाजपा के राज्यसभा उम्मीदवार के रूप में चुना गया और संसद के उच्च सदन में प्रवेश किया, जहां वे आवास और शहरी मामलों की समिति, हिंदी सलाहकार समिति, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के लिए सलाहकार समिति और आधिकारिक भाषा समिति के सदस्य हैं.