भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार पर 57.65 करोड़ रुपये ख़र्च किए – जो 2020 के 41.06 करोड़ रुपये से 40% अधिक है. पार्टी ने इस ख़र्च का अधिकांश हिस्सा मीडिया विज्ञापन पर व्यय किया. वहीं, इसी चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 14.5 करोड़ रुपये और कांग्रेस ने 46.18 करोड़ रुपये ख़र्चे.

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार पर 57.65 करोड़ रुपये खर्च किए – जो 2020 में खर्च किए गए 41.06 करोड़ रुपये से 40% अधिक है.
इसकी तुलना में आम आदमी पार्टी (आप), जो एक दशक तक सत्ता में रहने के बाद भाजपा से हारकर सत्ता से बाहर हुई, ने 14.5 करोड़ रुपये खर्च किए और कांग्रेस, जो लगातार तीसरे चुनाव में शून्य पर रही, ने इसी चुनाव में 46.18 करोड़ रुपये खर्च किए.
2024 में भाजपा ने अकेले 2024 के लोकसभा चुनावों और चार विधानसभा चुनावों (आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में) के दौरान 22 राजनीतिक दलों द्वारा घोषित कुल अभियान व्यय का 45% से अधिक खर्च किया.
इस साल फरवरी में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा 27 साल बाद राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता में लौटी.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड व्यय रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा ने अपने चुनाव खर्च का अधिकांश हिस्सा मीडिया विज्ञापन पर खर्च किया, जो 29 करोड़ रुपये था. पार्टी ने 68 उम्मीदवारों पर 18.5 करोड़ रुपये खर्च किए, जिसमें प्रत्येक उम्मीदवार को 25 लाख रुपये सीधे ट्रांसफर किए गए.
साल 2020 में पार्टी ने 64 उम्मीदवारों को 10-10 लाख रुपये देने सहित उम्मीदवारों पर 8.57 करोड़ रुपये खर्च किए थे.
भाजपा के मीडिया विज्ञापन में से 1.18 करोड़ रुपये डीबी कॉर्प को गए, जो दैनिक भास्कर समूह प्रकाशित करता है; 11.8 लाख रुपये भारत प्रकाशन को गए, जो ऑर्गनाइजर और पांचजन्य (आरएसएस का मुखपत्र) प्रकाशित करता है. इसके अलावा, 9.44 लाख रुपये आध्यासी मीडिया और कोवई मीडिया को गए, जो क्रमशः ऑपइंडिया और स्वराज्य प्रकाशित करते हैं.
इसके अलावा वन 97 कम्युनिकेशंस को 1.18 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया.
कांग्रेस द्वारा किए गए कुल 46.18 करोड़ रुपये के खर्च में से 5.95 करोड़ रुपये अपने उम्मीदवारों पर और 8 करोड़ रुपये मीडिया विज्ञापन पर खर्च किए. इसके अलावा इसने नेशनल हेराल्ड के प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को 2.68 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जिसकी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच की जा रही है.
2020 के विधानसभा चुनावों में आप और कांग्रेस ने क्रमशः 21 करोड़ रुपये और 27.68 करोड़ रुपये खर्च किए थे.