पटना: सरकारी अस्पताल में दलित नाबालिग रेप पीड़िता की मौत, प्रशासन पर देर से भर्ती करने का आरोप

बीते 26 मई को रेप की शिकार हुई नाबालिग लड़की की रविवार सुबह पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मौत हो गई. परिवार का आरोप है कि पीड़िता को अस्पताल में भर्ती होने से पहले घंटों तक एंबुलेंस में इंतजार करना पड़ा. प्रशासन ने इन आरोपों को निराधार बताया है.

नई दिल्ली: बिहार के मुजफ्फरपुर में बीते 26 मई को बलात्कार की शिकार हुई दलित नाबालिग लड़की ने रविवार (1 जून) सुबह मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में दम तोड़ दिया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, परिवार ने आरोप लगाया कि पीड़िता को अस्पताल में भर्ती होने से पहले घंटों तक एंबुलेंस में इंतजार करना पड़ा.

हालांकि, पीएमसीएच के अधिकारियों ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि मामला उनके संज्ञान में आने के बाद अस्पताल प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की.

रविवार को बच्ची के चाचा ने अखबार को बताया, ‘जब हम शनिवार को (दूसरे अस्पताल से) पीएमसीएच पहुंचे तो आपातकालीन विभाग के कर्मचारियों ने कहा कि वहां जगह नहीं है और हमें दूसरे वार्ड में भेज दिया. दो-तीन वार्ड से वापस लौटाए जाने के बाद हमें शिशु रोग विभाग में भेज दिया गया. वह घंटों एंबुलेंस में रही. कुछ राजनेताओं के हस्तक्षेप के बाद आखिरकार शनिवार शाम करीब 5 बजे उसे भर्ती कराया गया और आज सुबह उसकी मौत हो गई.’

शनिवार दोपहर को कांग्रेस के बिहार अध्यक्ष राजेश राम के नेतृत्व में कार्यकर्ता पीएमसीएच पहुंचे, जब लड़की एंबुलेंस में ही थी.

इस संबंध में रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए बिहार की ‘डबल इंजन सरकार’ पर निशाना साधा. उन्होंने दोषियों और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
घटना को लेकर कांग्रेस की प्रदेश इकाई प्रमुख कृष्णा अल्लावरु ने कहा, ‘बिहार के कुशासन काल में हालत ऐसी है कि बच्ची को हॉस्पिटल में भर्ती कराने के लिए भी लोगों को सड़कों पर उतरना पड़ा! मंत्री, मुख्यमंत्री, प्रशासन, पुलिस और हॉस्पिटल के डॉक्टर.. कोई भी बच्ची का ख्याल नहीं रख पाया! आखिर में, इलाज न मिलने के कारण बच्ची ने दम तोड़ दिया… ये सिर्फ बिहार के लिए नहीं, पूरे भारत के लिए शर्म की बात है!’
अस्पताल प्रशासन ने आरोपोंं को निराधार बताया

पीएमसीएच के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. इंद्रशेखर ठाकुर ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई लापरवाही नहीं बरती गई है.

उन्होंने बताया कि शनिवार दोपहर 1.23 बजे मुजफ्फरपुर के एक अस्पताल से एंबुलेंस में पीड़िता को पीएमसीएच की सेंट्रल इमरजेंसी यूनिट में लाया गया था, जिसके बाद डॉक्टरों ने उसे ईएनटी विभाग में ले जाने की सलाह दी.

उन्होंने कहा, ‘मैं छुट्टी पर था, लेकिन कार्यवाहक अधीक्षक को सूचित किया गया और उन्होंने तुरंत मरीज को ईएनटी विभाग में बुलाया. इस बीच, कांग्रेस कार्यकर्ता आ गए, जिससे ईएनटी के बाहर भीड़ लग गई. हमारे डॉक्टरों ने एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस में ही उसकी जांच की, जो आवश्यक सुविधाओं से लैस थी. उसके गले में चोट के अलावा, उसे सीने में भी चोटें थीं और अन्य चोटें भी थीं और उसके साथ यौन उत्पीड़न किया गया था. इसलिए, दोपहर 3.43 बजे, उसे स्त्री रोग विभाग में भर्ती करने का त्वरित निर्णय लिया गया, क्योंकि ईएनटी में वर्तमान में आईसीयू सुविधा नहीं है.’

ठाकुर ने आगे कहा, ‘पीएमसीएच द्वारा चार या नौ घंटे तक उसकी उपेक्षा किए जाने के आरोप निराधार हैं. जैसे ही प्रशासन को इसकी सूचना मिली, उसके इलाज के लिए हरसंभव प्रयास किए गए… सभी डॉक्टरों के बेहतरीन प्रयासों के बावजूद रविवार सुबह करीब 8.15 बजे उसकी मौत हो गई.’

पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया

उधर, पुलिस के अनुसार, लड़की के साथ 26 मई को मुजफ्फरपुर जिले में मारपीट की गई थी. आरोपी रोहित कुमार साहनी (30) ने कथित तौर पर उसे सुबह करीब 11 बजे ‘कुरकुरे और चॉकलेट का लालच’ देकर घर से ले गया था.

पुलिस का कहना है कि आरोपी पीड़िता को तालाब के पास एक सुनसान जगह पर ले गया और उसके साथ बलात्कार किया. लड़की का गला काटने की कोशिश की गई और चाकू से उस पर वार किया. पीड़िता शाम करीब 7 बजे तालाब के पास पड़ी मिली.

इस मामले पर मुजफ्फरपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक (एसपी) विद्या सागर ने कहा कि आरोपी को उसी रात गिरफ्तार कर लिया गया था.

अधिकारी के अनुसार, ‘पीड़िता के शरीर पर कई चोटें थीं. गले पर कट लगने के कारण वह बोल नहीं पा रही थी, लेकिन उसने इशारों में अपने रिश्तेदारों को पूरी बात बताई. शुरुआती जांच के दौरान हमें पता चला कि आरोपी का इस तरह के व्यवहार का इतिहास रहा है और लड़कियों को परेशान करने की आदत है. इस घटना से दो दिन पहले उसने एक और लड़की के साथ मारपीट करने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस को इसकी सूचना नहीं दी गई. हमें यह भी पता चला कि उसने युवा लड़कियों को आकर्षित करने के लिए सोशल मीडिया रील भी बनाए थे.’

बताया गया है कि लड़की के पिता नहीं है. इस घटना को लेकर लड़की की मां ने बताया कि आरोपी मछली बेचने के लिए घर आया था और लड़की को ले गया. उन्होंने कहा, ‘मैं बीमार थी और मुझे पता नहीं चला. जब मैं उठी और उसे ढूंढ़ने लगी, तो वह कहीं नहीं मिली. बाद में किसी ने मुझे बताया कि वह उसे सुबह करीब 11 बजे अपनी साइकिल पर ले गया था.’

गांव के मुखिया ने बताया कि उनकी बेटी एक तालाब के पास पड़ी थी, जिसके बाद वह पुलिस के साथ मौके पर पहुंची.

एक अन्य रिश्तेदार ने बताया कि परिवार और ग्रामीणों द्वारा उसे ढूंढने के काफी प्रयास के बाद शाम करीब सात बजे लड़की का पता चला.

गौरतलब है कि शनिवार (31 मई) को पीएमसीएच रेफर किए जाने से पहले पांच दिनों तक पीड़िता का मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में इलाज चला.