बेंगलुरू के चिन्नास्वामी स्टेडिम में मची भगदड़ मामले में आरसीबी प्रबंधन से निखिल सोजले और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी डीएनए से सुनील मैथ्यू को हिरासत में लिया गया है. इस मामले को लेकर कई पुलिस अधिकारियों को भी निलंबित किया गया है.

नई दिल्ली: रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के जीत के जश्न के दौरान बेंगलुरू के एन चिन्नास्वामी स्टेडिम में मची भगदड़ मामले में आरसीबी प्रबंधन से निखिल सोजले और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी डीएनए से सुनील मैथ्यू को केंपेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से हिरासत में लिया गया.
एनडीटीवी के अनुसार, पुलिस ने बताया कि इस मामले में दो और लोगों को भी हिरासत में लिया गया है, जिनकी भूमिका की जांच की जा रही है.
इससे पहले गुरुवार (5 जून) को पुलिस ने इस हादसे को लेकर आरसीबी, डीएनए इवेंट कंपनी और कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (केसीएसए) के प्रशासन के खिलाफ केस दर्ज किया था.
इस संबंध में कर्नाटक मंत्रिमंडल ने लापरवाही और गैरजिम्मेदाराना व्यवहार के लिए बेंगलुरु शहर के पुलिस प्रमुख सहित कई पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने का फैसला किया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्रिमंडल ने इस कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया था, जिनमें रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के प्रतिनिधि भी शामिल हैं.
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भगदड़ में 11 लोगों की मौत और दर्जनों अन्य के घायल होने के एक दिन बाद मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह जानकारी दी थी.
उन्होंने यह भी घोषणा की थी कि कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश माइकल डी’कुन्हा की सदस्यता वाला एक सदस्यीय आयोग इस घटना की जांच करेगा.
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने घटना का स्वतः संज्ञान लिया
इससे पहले दिन में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया. साथ ही कोर्ट ने सरकार से इस मामले में एक स्टेटस रिपोर्ट भी दाखिल करने का निर्देश दिया है, जिसमें अन्य बातों के अलावा यह जानकारी भी शामिल हो कि घटना से पहले भीड़ को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाए गए थे और क्या सरकार ने खेल और उत्सव के आयोजनों में बड़ी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दिशानिर्देश तैयार किए हैं.
सिद्धारमैया ने गुरुवार (5 जून) शाम को कैबिनेट की बैठक के बाद कहा था कि कार्यक्रम के आयोजकों के प्रतिनिधियों को गिरफ्तार करने के लिए ‘निर्देश’ जारी किए गए हैं, साथ ही उन्होंने कहा था कि आयोजकों की भूमिका की जांच अपराध जांच विभाग को सौंपी गई है.
निलंबित किए गए पांच पुलिस अधिकारियों में बेंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त बी. दयानंद और स्टेडियम के प्रभारी अतिरिक्त पुलिस आयुक्त शामिल हैं.
मुख्यमंत्री ने बताया था कि शुरुआती तौर पर इन अधिकारियों की ओर से लापरवाही और गैरजिम्मेदारी का संकेत मिला है, जिसके चलते उन्हें निलंबित करने का फैसला किया गया है.
उन्होंने बेंगलुरु शहरी उपायुक्त जगदीश जी की अध्यक्षता में घटना की मजिस्ट्रेट जांच की भी घोषणा की है, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि रिपोर्ट जमा करने के लिए उन्हें 15 दिन का समय दिया गया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि दयानंद की जगह आईपीएस अधिकारी सीमांत कुमार सिंह को नियुक्त किया गया है.
मालूम हो कि बुधवार दोपहर को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ मच गई थी, जहां आरसीबी द्वारा हासिल की गई पहली इंडियन प्रीमियर लीग की ट्रॉफी का जश्न मनाया जा रहा था.
इस त्रासदी से पहले विजयी टीम पास के राज्य विधानमंडल से स्टेडियम पहुंची थी, जहां सिद्धारमैया और उनके डिप्टी डीके. शिवकुमार ने उनका अभिनंदन किया था. भगदड़ के समय टीम कथित तौर पर स्टेडियम के अंदर मौजूद थी.
‘स्टेडियम में पहुंचने वाले लोगों की संख्या दो से तीन लाख’
सिद्धारमैया ने बुधवार को दावा किया था कि स्टेडियम में आने वाले लोगों की संख्या ‘दो से तीन लाख’ के आसपास थी, लेकिन अधिकारियों को उम्मीद थी कि स्टेडियम की क्षमता के हिसाब से करीब 35,000 लोग वहां आएंगे.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर गिरीश एके की शिकायत पर दर्ज की गई एफआईआर में आयोजकों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, जानबूझकर चोट पहुंचाने और लापरवाही या लापरवाही के कारण मानव जीवन को खतरे में डालने जैसे प्रावधान लगाए गए हैं.
द हिंदू के अनुसार, शिकायत में आरसीबी प्रबंधन पर पुलिस द्वारा अनुमति देने से इनकार करने के बावजूद स्टेडियम में ‘एकतरफा’ विजय परेड की घोषणा की गई. साथ ही आरोप लगाया गया है कि फ्रैंचाइज़ी द्वारा फ्री एंट्री पास की घोषणा ने वहां आने वाली भीड़ की संख्या और बढ़ा दी.
अखबार ने घायलों की संख्या 56 बताई, जो सिद्धारमैया द्वारा एक दिन पहले बताए गए आंकड़े से नौ अधिक है.
इस संबंध में आरसीबी ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा था कि उसने अपने कार्यक्रम में ‘संशोधन’ किया है और जो कुछ हुआ था उसके बारे में पता चलने पर ‘स्थानीय प्रशासन के मार्गदर्शन और सलाह का पालन किया है’.
इस बीच कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी. कामेश्वर राव और जस्टिस सीएम जोशी की उच्च न्यायालय की पीठ ने राज्य सरकार से स्टेटस रिपोर्ट में यह बताने को भी कहा है कि इस जीत का जश्न मनाने का निर्णय किसने और कब लिया, यातायात को विनियमित करने और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाए गए; क्या भीड़ के आकार का पहले से आकलन किया गया था और स्टेडियम में किस प्रकार की चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था की गई थी.
अदालत ने राज्य सरकार से यह भी पूछा कि घायल व्यक्तियों को अस्पताल ले जाने में कितना समय लगा और क्या ‘किसी भी खेल आयोजन और इस तरह के समारोहों’ में 50,000 से अधिक लोगों की भीड़ को प्रबंधित करने के लिए कोई मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की गई थी.
कर्नाटक सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की. आरसीबी ने भी मृतकों के परिवारों को समान मुआवजा देने की घोषणा की है.