महाराष्ट्र में 2025 की पहली तिमाही में 767 किसानों ने आत्महत्या की, विपक्ष का सरकार पर निशाना

महाराष्ट्र के राहत एवं पुनर्वास विभाग के मंत्री मकरंद पाटिल ने विधान परिषद में बताया कि 2025 के पहले तीन महीनों में राज्य में किसानों की आत्महत्या के 767 मामले दर्ज किए गए. यह जवाब विपक्ष के विधायकों द्वारा राज्य में किसानों की बढ़ती आत्महत्याओं का मुद्दा उठाए जाने के बाद सामने आया है.

नई दिल्ली: महाराष्ट्र के राहत एवं पुनर्वास विभाग के मंत्री मकरंद पाटिल ने विधान परिषद में एक लिखित जवाब में कहा है कि 2025 के पहले तीन महीनों में महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या के 767 मामले दर्ज किए गए.

पाटिल का यह जवाब विपक्ष के विधायकों द्वारा राज्य में किसानों की बढ़ती आत्महत्याओं का मुद्दा उठाए जाने के बाद सामने आया है.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पाटिल ने अपने जवाब में कहा, ‘जनवरी से मार्च 2025 के बीच किसानों की आत्महत्या के कुल 767 मामले सामने आए हैं. आत्महत्या करने वाले 767 किसानों में से 373 किसान सरकार की मदद के लिए पात्र हैं, जबकि 200 किसानों के परिवारों को कोई सहायता नहीं मिल पाएगी, क्योंकि वे सरकार द्वारा तय किए गए मानदंडों पर खरे नहीं उतरे. वहीं 194 मामले अभी जांच के लिए लंबित हैं.’

जवाब में कहा गया है कि पात्र 373 मामलों में से 327 मामलों में मृतक किसानों के उत्तराधिकारियों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई है.

मालूम हो कि वर्तमान में महाराष्ट्र सरकार आत्महत्या से मरने वाले किसानों के परिवार को एक लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करती है.

इस संबंध में उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, साल 2024 में महाराष्ट्र में लगभग 2,635 किसानों ने आत्महत्या की थी, जबकि साल 2023 में लगभग 2,851 किसानों ने आत्महत्या की थी.

खबरों के मुताबिक, राहत और पुनर्वास मंत्री ने बताया कि पश्चिमी विदर्भ के जिले यवतमाल, अमरावती, अकोला, बुलढाणा और वासिम में जनवरी 2025 से मार्च 2025 के बीच 257 किसानों ने आत्महत्या की. इनमें से सिर्फ 75 मृतक किसानों के परिवार को आर्थिक सहायता मिली, जबकि 74 आवेदन खारिज कर दिए गए. मराठवाडा के हिंगोली जिले में भी जनवरी से मार्च 2025 के बीच में 24 किसानों के आत्महत्या के मामले सामने आए हैं.

गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा में बुधवार (3 जुलाई) को विपक्ष ने किसानों की आत्महत्या और सोयाबीन किसानों को सरकारी एजेंसियों द्वारा उनकी फसल खरीदे जाने के बाद भुगतान न किए जाने के मुद्दे पर सदन से वॉकऑउट किया.

कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, ‘हर दिन किसान आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन सरकार बेपरवाह बनी हुई है. इस साल जनवरी से मार्च तक 767 किसानों ने आत्महत्या की है. इनमें से 200 मामलों को सहायता (मृतकों के परिजनों को) के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया, जबकि 194 मामलों में जांच अभी भी लंबित है.’