गांव की मिट्टी से सपनों की उड़ान — रामपुर नैकिन, सीधी जिले का यह स्कूल बना ग्रामीण शिक्षा की मिसाल

गांव की मिट्टी से सपनों की उड़ान — रामपुर नैकिन, सीधी जिले का यह स्कूल बना ग्रामीण शिक्षा की मिसाल


पोस्ता रामपुर नैकिन

गांव की गलियों से निकलकर बड़े सपनों की उड़ान भरने वाला यह स्कूल—श्रीराम पब्लिक स्कूल पोस्ता —सीधी जिले के रामपुर नैकिन विकासखंड में शिक्षा की एक नई रोशनी बनकर उभरा है।

जहाँ एक ओर सरकारी स्कूलों की हालत पर अक्सर सवाल उठते हैं, वहीं इस प्राइवेट स्कूल ने अपने अनुशासन, शिक्षण गुणवत्ता और बच्चों की वेशभूषा से यह साबित कर दिया कि “अगर संकल्प हो तो साधन बाधा नहीं बनते।”

विशेषताएं जो इसे अलग बनाती हैं:

शुद्ध ग्रामीण परिवेश, लेकिन बच्चों की स्मार्ट यूनिफॉर्म और अनुशासित बैठने का ढंग किसी शहर के कॉन्वेंट स्कूल जैसा लगता है।

सीमित संसाधनों में भी गुणवत्ता की मिसाल — बिना बेंच-डेस्क के ज़मीन पर बैठकर बच्चे पूरी लगन से पढ़ाई कर रहे हैं।

स्कूल में साफ-सफाई का विशेष ध्यान, जो स्वास्थ्य और सीखने दोनों के लिए आवश्यक है।

बच्चों की कॉपी-किताबें और समय-सारणी टेबल व्यवस्थित—हर छात्र गंभीरता से शिक्षा ले रहा है।


गांव, गुरुकुल और गारंटी

मिट्टी की सौंधी खुशबू के बीच बसी इस स्कूल की इमारत भले ही साधारण है, लेकिन यहां के बच्चों की सोच और सपने असाधारण हैं।
सफेद शर्ट, टाई और अनुशासित बैठने का तरीका—हर बच्चा एक सच्चे विद्यार्थी की तरह दिखता है।

कक्षा में कुर्सी नहीं है, लेकिन क्लास में अनुशासन भरपूर है।

स्कूल के संचालक की सोच

तीसरी तस्वीर में नज़र आने वाले संचालक महोदय रजनीश अग्निहोत्री पूरी व्यवस्था के सूत्रधार हैं। उनका कहना है:
“हमारा सपना है कि गांव के बच्चे भी कॉन्वेंट जैसी शिक्षा पाएं, लेकिन अपनी मिट्टी से जुड़े रहें।”
उनकी सादगी और समर्पण साफ़ तौर पर स्कूल के हर कोने से झलकती है।

बच्चों के चेहरे की मुस्कान है सबसे बड़ा प्रमाण

कक्षा में बैठे बच्चों की आँखों में सपने, अनुशासन और आत्मविश्वास साफ़ नज़र आता है। न कोई हंगामा, न ध्यान भटकाव—सिर्फ़ सीखने की जिद।


मंगल भारत निष्कर्ष:

श्रीराम पब्लिक स्कूल पोस्ता जैसे स्कूल आज के भारत की असली ज़रूरत हैं—जहाँ न सिर्फ शिक्षा दी जाती है, बल्कि एक सोच, एक दिशा और आत्मविश्वास भी दिया जाता है।

यह स्कूल एक सबक है कि शिक्षा केवल इमारतों से नहीं, नियत और निष्ठा से चलती है।