वाराणसी: कांवड़ियों ने मुस्लिम लड़की का ‘उत्पीड़न’ किया, पुलिस ने पीड़ित परिवार पर एफआईआर दर्ज की

वाराणसी के राजातालाब में 28 जुलाई को दोपहर करीब 3 बजे एक 16 वर्षीय मुस्लिम लड़की के साथ कांवड़ियों के अभद्र व्यवहार के आरोप सामने आए हैं. कावड़ियों ने कथित तौर पर लड़की को धमकाया और प्रताड़ित किया. हालांकि, पुलिस ने पीड़ित परिवार के खिलाफ ही कावड़ियों की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया है.

नई दिल्ली: वाराणसी के राजातालाब में 28 जुलाई को दोपहर करीब 3 बजे एक 16 वर्षीय मुस्लिम लड़की के साथ कांवड़ियों के अभद्र व्यवहार के आरोप सामने आए हैं. कावड़ियों ने कथित तौर पर लड़की को धमकाया और प्रताड़ित किया.

लड़की के परिवार के अनुसार, वह अपनी दादी के साथ रानी बाजार में अपने भाई की जूते की दुकान पर थी, जब दो-तीन कांवड़िये दुकान में जबरन घुस आए और उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे.

इस दौरान उन्होंने युवती के साथ छेड़खानी शुरू कर दी. लड़की चिल्लाते हुए अपने घर की ओर भागी, लेकिन कथित तौर पर लाठी-डंडे लिए कांवड़ियों ने उसका पीछा किया.

परिवार ने आगे बताया कि वे लोग यहीं नहीं रुके और एक कांवड़िया लड़की के पीछे-पीछे उनके घर में ज़बरदस्ती घुस आया. वहां मौजूद लोगों ने जब लड़की को बुरी तरह सदमे में देखा, तो कांवड़िए का पीछा किया और कथित तौर पर उस कांवड़िए की पिटाई भी की.

इसके बाद कांवड़ियों का एक पूरा जत्था, स्थानीय हिंदू संगठनों के साथ, उत्पीड़न के आरोपी कांवड़ियों का बचाव करने के लिए वहां पहुंच गया.

कांवड़िये लाठी-डंडों के साथ ‘जय श्री राम’ का नारा लगा रहे थे

बाज़ार से एक किलोमीटर से ज़्यादा का पूरा रास्ता लोगों के सैलाब से भर गया था. स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस दौरान कांवड़िये लाठी-डंडे लिए हुए थे और ‘जय श्री राम’ का नारा लगा रहे थे. इलाके में रहने वाली छोटी मुस्लिम आबादी का कहना है कि उन्हें घेरा हुआ महसूस हो रहा था.

स्थानीय लोगों ने द वायर को बताया कि शाम 7 बजे तक कांवड़िये और विश्व हिंदू परिषद के एक स्थानीय कार्यकर्ता राकेश पांडे इलाके में अपनी ताकत दिखाने के लिए ट्रैफिक जाम करने में कामयाब रहे.

राजातालाब पुलिस और पांडे के बीच हुए विवाद के बाद पांडे को हिरासत में लेने के लिए थाने ले जाया गया.

लड़की के एक परिजन ने द वायर को बताया, “लेकिन इसके बाद हमें हैरानी इस बात की हुई कि बाद में पुलिस हमारे घर पहुंची और हमारे परिवार के कई लोगों, जिनमें एक अस्सी साल के हृदय रोगी भी शामिल थे, को अपनी गाड़ी में ठूंस लिया.”

रिश्तेदार ने यह भी कहा कि पुलिस ने 29 जुलाई को आरोपी कांवड़िये को परेशान करने वाले लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की.
लड़की के इलाके के सात मुसलमानों – जिनमें लड़की के परिवार के सदस्य भी शामिल हैं – पर भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया, जिनमें 191 (2) (दंगा), 115 (2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के अपराध से संबंधित), 181 (1) (खतरनाक हथियारों या साधनों से स्वेच्छा से चोट पहुंचाना या गंभीर चोट पहुंचाना), 309 (अपराध के दौरान हिंसा या हिंसा की धमकी का इस्तेमाल किया जाता है), 333 (चोट, हमले या गलत तरीके से रोकने की तैयारी के बाद घर में अनाधिकार प्रवेश के अपराध को संबोधित करता है), 351 (2) हमले, आपराधिक धमकी के अपराध से संबंधित है, 352 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) शामिल हैं.

इसके अलावा, स्थानीय पुलिस ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 को भी अपराधों की सूची में जोड़ दिया है, जिसका अर्थ है कि जिन मुसलमानों ने मामले में हस्तक्षेप किया और आरोपी कांवड़िये द्वारा लाठी लेकर लड़की के घर में घुसने पर उसे बचाने की कोशिश की, वे वास्तव में कांवड़िये का धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश कर रहे थे.

दुकान के आगे बुलडोज़र खड़ा किया गया

परिवार का कहना है कि रानी बाज़ार में जूते की दुकान वाली गली में एक बुलडोज़र भी खड़ा कर दिया गया है, और हालांकि अभी तक किसी इमारत पर बुलडोज़र नहीं चलाया गया है, लेकिन स्थानीय लोगों का मानना है कि यह अधिकारियों द्वारा डराने-धमकाने का एक तरीका है.

परिवार ने यह भी आरोप लगाया है कि क्षेत्र के कुछ हिंदू, जो उनकी मदद कर रहे थे और दूसरों के बीच जागरूकता पैदा कर रहे थे कि मुस्लिम लड़की को परेशान किया गया है, उन्हें भी कांवड़ियों ने चुप रहने की धमकी दी.

फिलहाल, उस कांवड़िये के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं है जिसने, लड़की और उसके परिवार के अनुसार, लड़की के साथ छेड़छाड़ और उत्पीड़न किया था.

लड़की के परिवार ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई है.

परिवार ने आरोप लगाया कि हिरासत में लिए गए लोगों के अलावा, पुलिस ने उन मुसलमानों को भी धमकाया जिन्होंने लड़की और उसके परिवार का समर्थन किया था.

लड़की के एक रिश्तेदार ने कहा, “पुलिस उन मुस्लिम दुकानदारों को फोन कर रही थी जो हमारा समर्थन कर रहे थे कि वे थाने में रिपोर्ट करें, वरना उनकी दुकानों पर बुलडोज़र चला दिया जाएगा. वे एक बुलडोज़र भी लाए और उसे हमारी गली के पास खड़ा कर दिया.”

परिवार ने सीसीटीवी फुटेज द वायर के साथ साझा की है, जिसमें लड़की को भागते हुए साफ़ तौर पर देखा जा सकता है, और भगवा वस्त्र पहने एक व्यक्ति उसका पीछा कर रहा है, जिसके पीछे कई अन्य लोग भी हैं.

द वायर ने राजातालाब के एसीपी अजय कुमार श्रीवास्तव से भी बात की, जिन्होंने बताया कि कांवड़िये को परेशान करने वालों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

वहीं, लड़की के परिवार के आरोपों और दावों के बारे में पूछे जाने पर, श्रीवास्तव ने पहले तो कहा कि उनके आरोप 100% गलत हैं और फिर कहा कि पुलिस मामले की जांच करेगी.

गौरतलब है कि घटना के तीन दिन बाद भी राजातालाब में रैपिड एक्शन फोर्स, स्थानीय पुलिस और कांवड़ियों की भीड़ लगी हुई है.

स्थानीय लोगों ने द वायर को बताया कि हिंदू संगठन अभी भी इलाके में घूम रहे हैं और नारे लगा रहे हैं.