पूर्व रॉ अधिकारी विकास यादव पर ‘महादेव एप सट्टा रैकेट’ से जुड़े होने का आरोप

पूर्व रॉ अधिकारी विकास यादव पर ‘महादेव ऑनलाइन बुक’ सट्टा रैकेट के लिए काम करने वाले जलालुद्दीन नामक आरोपी व्यक्ति के साथ जुड़े होने का नया आरोप लगा है. हालांकि, जिस तरह जलालुद्दीन का नाम सामने आ रहा है, पूरा मामला संदेहास्पद हो जाता है.

नई दिल्ली: पूर्व रॉ अधिकारी विकास यादव की मुश्किलें कम होती नज़र नहीं आ रही हैं. यादव पर अब ‘महादेव ऑनलाइन बुक’ सट्टा रैकेट के एक कथित सदस्य से जुड़े होने के आरोप लगा है. सट्टा रैकेट के जिस व्यक्ति जुड़े होने का आरोप लगा है, वह दुबई से काम करता था.

विकास यादव का नाम सबसे पहले तब मीडिया में छाया था, जब अक्टूबर 2024 में अमेरिका के न्याय विभाग ने उन्हें सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के साजिशकर्ताओं में शामिल होने का आरोप लगाया था. अमेरिका के मुताबिक, जून 2023 में पन्नू की हत्या की साजिश रची गई थी.

22 नवंबर 2023 को बिट्रिश अख़बार फ़ाइनैंशियल टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से दावा किया कि अमेरिका ने एक सिख अलगाववादी की हत्या की साज़िश को नाकाम किया है.

इस खबर को एक माह भी नहीं बीता था कि भारत में 17 दिसंबर, 2023 को विकास यादव पर अपहरण व लूट का मामला दर्ज हो गया और अगले ही दिन उन्हें कथित तौर पर गिरफ्तार भी कर लिया गया.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक़, 18 दिसंबर, 2023 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने यादव को गिरफ्तार किया था, जब रोहिणी के एक व्यापारी राज कुमार वालिया ने उनके खिलाफ एक एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें उन पर रंगदारी वसूलने और अपहरण के आरोप लगे थे. उन्हें गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से भी जोड़ा गया था.

अब नया क्या मिला है?

पुलिस के अनुसार, रोहिणी के मामले में इस साल 1 जुलाई को चाणक्यपुरी में जलालुद्दीन उर्फ समीर नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया. जलालुद्दीन पर इस आपराधिक साजिश में अहम भूमिका निभाने का आरोप लगा है.

पुलिस के अनुसार जलालुद्दीन दुबई में ‘महादेव ऑनलाइन बुक’ ऐप के साथ काम करता था. उसने यादव से शिकायतकर्ता का अपहरण करने और उसे धमकाने के लिए संपर्क किया, क्योंकि शिकायतकर्ता बकाया रकम का भुगतान नहीं कर रहा था.

इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि यादव ने अपने कथित सहयोगी अब्दुल्ला खान, जो एक कार डीलर है, को साथ मिलाया और उन्होंने जलालुद्दीन से हवाला के जरिए 16 लाख रुपये लिए. ऐसे में इस मामले में जल्द ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एंट्री भी हो सकती है.

रोहिणी मामले की एफआईआर में शिकायतकर्ता राज कुमार वालिया ने आरोप लगाया कि यादव ने कहा था कि जलालुद्दीन के कहने पर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से उसे खत्म करने के लिए एक ‘सुपारी’ (कॉन्ट्रैक्ट) ली गई है.

लेकिन मामले में दिलचस्प मोड़ तब आया जब अदालत को यह पता चला कि घटना के मात्र तीन हफ़्ते बाद शिकायतकर्ता वालिया और आरोपी जलालुद्दीन एक साथ थाईलैंड गए थे.

जलालुद्दीन की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल और वालिया 6 जनवरी, 2024 को, यानी 17 दिसंबर, 2023 को एफआईआर दर्ज होने के तुरंत बाद, एक ही दिन थाईलैंड गए थे. वालिया ने इस तथ्य का खुलासा न तो जांच अधिकारी को किया और न ही अदालत को बताया.

उनके पासपोर्ट की जांच के बाद अदालत ने कहा, ‘पासपोर्ट में दर्ज प्रविष्टियां पुष्टि करती हैं कि शिकायतकर्ता और आरोपी, दोनों ही 6 जनवरी, 2024 को थाईलैंड पहुंचे थे.’

अदालत ने यह भी कहा कि बार-बार पूछे जाने के बावजूद वालिया और जलालुद्दीन एक साथ थाईलैंड यात्रा करने की वजह नहीं बता पाए.

अदालत ने कहा कि वालिया का कर्तव्य था कि वह इस महत्वपूर्ण तथ्य को जांच अधिकारी और अदालत को बताए, क्योंकि यह सीधे तौर पर अभियोजन के मामले को प्रभावित करता है.
यादव पर लगे आरोपों से परिवार का इनकार

नए आरोपों के आलोक में द वायर हिंदी ने विकास यादव के परिवार से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.

हालांकि, विकास यादव के गांव के लोग इन आरोपों को सुनकर हैरान हैं और यकीन करने को तैयार नहीं हैं कि विकास ने ऐसा कुछ किया होगा. वे अब भी विकास यादव को अपनी शान मानते हैं, उनके लिए गर्व करते हैं.

गौरतलब है कि अक्टूबर 2024 में मीडिया में ख़बरें आई थीं कि अपहरण और लूटपाट के मामले में विकास क़रीब चार महीने तिहाड़ जेल में रहे.

तब द वायर हिंदी ने विकास यादव के परिवार से बातचीत की थी. परिवारवालों का कहना था कि उन्हें इस केस के बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्हें भी इस केस के बारे में खबरों से ही पता चला.

परिवार ने यह भी बताया था कि ऐसा कभी नहीं हुआ कि विकास से लंबे समय तक (चार महीने) बात न हुई हो. जिस दौरान विकास के जेल में रहने की बात सामने आई है, परिवार के मुताबिक़ वह तब भी उनके नियमित संपर्क में थे और उन्होंने जेल या इस केस से संबंधित किसी बात का उल्लेख नहीं किया.

अब कहां तक पहुंचा है केस?

23 जुलाई को अदालत ने जलालुद्दीन को जमानत दे दी. अदालत ने कहा कि जलालुद्दीन की भूमिका मुख्य रूप से साज़िश रचने की थी, लेकिन उससे कोई बरामदगी नहीं हुई, उससे संबंधित जांच पूरी हो चुकी है, उसका कोई पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है.

तीनों आरोपियों, जिनमें यादव भी शामिल हैं, को ज़मानत मिल चुकी है और पुलिस एक पूरक चार्जशीट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है. मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 अगस्त को होगी.

ध्यान रहे महादेव बेटिंग ऐप घोटाला कथित रुप से करीब 6,000 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है. आरोप है कि इसके प्रमोटरों ने यह रकम विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर ‘ग़ैरक़ानूनी ऑनलाइन सट्टेबाज़ी’ के ज़रिए अर्जित की. ईडी ने कई छापेमारी के बाद छत्तीसगढ़ की एक अदालत में इस मामले में दो चार्जशीट दाखिल की हैं.

महादेव बेटिंग ऐप घोटाला के नामजद आरोपियों में छत्तीसगढ़ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम भी है. ईडी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि बघेल महादेव बेटिंग घोटाले के लाभार्थियों में से एक हैं.

हालांकि, बघेल ने इन आरोपों को खारिज करते हुए सीबीआई की कार्रवाई को राजनीतिक प्रेरित बताया है.