जम्मू की त्रिकुटा पहाड़ियों में 26 अगस्त को वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले रास्ते में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में कम से कम 34 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. वहीं, भारी बारिश के कारण जम्मू में बिजली आपूर्ति बाधित है. अधिकांश इलाकों में मोबाइल नेटवर्क भी ठप हो गया है.

नई दिल्ली: जम्मू की त्रिकुटा पहाड़ियों में मंगलवार (26 अगस्त) को वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले रास्ते में अर्धकुमारी के पास भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में कम से कम 34 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए.
यह भूस्खलन रियासी जिले के कटरा शहर से पहाड़ी पर स्थित मंदिर तक 12 किलोमीटर के घुमावदार रास्ते के लगभग आधे रास्ते में हुआ.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना का शिकार हुए तीर्थयात्री लगातार हो रही बारिश के कारण मंदिर जाने वाले हिमकोटि मार्ग पर अर्धकुमारी में इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास एक लोहे के शेड के नीचे शरण लिए हुए थे.
अधिकारियों ने बताया कि घटनास्थल पर बचाव अभियान जारी है. मलबा हटाया जा रहा है और उन लोगों की तलाश जारी है जिनके नीचे दबे होने की आशंका है. आशंका है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है.
अखबार ने सूत्रों के हवाले से बताया कि हिमकोटि ट्रेक मार्ग पर मंगलवार सुबह से यात्रा स्थगित कर दी गई थी. उन्होंने आगे बताया कि बारिश के कारण पीड़ितों ने एक शेड के नीचे शरण ली थी. घटना के बाद श्राइन बोर्ड ने अगले आदेश तक पुराने पारंपरिक मार्ग पर भी यात्रा स्थगित करने का फैसला किया.
इस बीच, जम्मू शहर और उसके बाहरी इलाकों में लोगों को थोड़ी राहत मिली है, जहां बुधवार को मौसम में सुधार के संकेत दिखाई दे रहे हैं.
जम्मू में बिजली और नेटवर्क ठप
हालांकि, मंगलवार रात से भारी बारिश के कारण जम्मू में बिजली आपूर्ति बाधित होने से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है, जिससे क्षेत्र के बड़े हिस्से में बिजली गुल हो गई है. अधिकांश इलाकों में मोबाइल नेटवर्क भी ठप हो गया है, जिससे राहत कार्यों में मुश्किलें बढ़ गई हैं.
हालांकि तावी और चिनाब नदियों का जलस्तर कम होने लगा है, फिर भी अधिकारी सतर्क हैं और प्रशासन लोगों को जलाशयों और नदियों से दूर रहने की सलाह दे रहा है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘अभी भी संपर्क लगभग न के बराबर है. जियो मोबाइल पर थोड़ा-बहुत डेटा आ रहा है, लेकिन फिक्स्ड लाइन वाई-फाई नहीं है, ब्राउज़िंग नहीं हो रही है, लगभग कोई ऐप नहीं है, एक्स जैसी चीज़ें बहुत धीरे खुलती हैं, वॉट्सऐप पर छोटे टेक्स्ट मैसेज के अलावा कुछ भी करना मुश्किल है. 2014 और 2019 के भयानक दिनों के बाद से मैंने इतना डिस्कनेक्ट महसूस नहीं किया है.’
बारिश के कहर के कारण प्रशासन को जम्मू-श्रीनगर और बटोटे-डोडा-किश्तवाड़ राष्ट्रीय राजमार्गों सहित कई सड़कों पर यातायात रोकना पड़ा. कई जगहों पर भूस्खलन के बाद जम्मू-पुंछ राजमार्ग पर भी वाहनों का आवागमन रोक दिया गया. इसी तरह डोडा-भद्रवाह, थाथरी-टंटा और धारा-जय के बीच की सड़कें क्षतिग्रस्त होने की खबरों के बाद वाहनों के आवागमन के लिए बंद कर दी गईं. यहां करीब सत्रह घर और कुछ सरकारी संपत्ति क्षतिग्रस्त हो गई, जबकि तीन पैदल पुल बह गए.
बताया गया है कि जम्मू शहर में कई इलाकों में जलभराव है और घरों और दुकानों में पानी घुस गया है. अधिकारियों ने बुधवार को जम्मू के सरकारी और निजी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है.
बुधवार को जम्मू और उधमपुर में असाधारण रूप से भारी बारिश हुई, जिसने मानसून सीज़न के सभी पिछले बारिश के रिकॉर्ड तोड़ दिए.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बुधवार को बताया कि जम्मू में 24 घंटे में 296 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिसने इस इलाके में अगस्त में हुई 52 साल पुरानी बारिश का रिकॉर्ड तोड़ दिया, जो 9 अगस्त, 1973 में 272.6 मिमी थी.
जम्मू में बारिश का एक और रिकॉर्ड लगभग एक सदी पहले बना था, जब 5 अगस्त, 1926 को 24 घंटे में 228.6 मिमी बारिश हुई थी.