गुजरात: पंचमहल ज़िले के पावागढ़ यात्रा मार्ग में रोपवे का केबल टूट जाने से छह लोगों की मौत

गुजरात के पंचमहल जिले में पावागढ़ पहाड़ी पर स्थित शक्तिपीठ स्थल के पास शनिवार (6 सितंबर) दोपहर एक निर्माण सामग्री ले जा रोपवे का केबल टूट जाने से छह लोगों की मौत हो गई है.

नई दिल्ली: गुजरात के पंचमहल जिले में पावागढ़ पहाड़ी पर स्थित शक्तिपीठ स्थल के पास शनिवार (6 सितंबर) दोपहर एक निर्माण सामग्री ले जा रोपवे का केबल टूट जाने से छह लोगों की मौत हो गई है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पहाड़ी पर निर्माण सामग्री ले जाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कार्गो रोपवे की तार शनिवार दोपहर करीब 3.30 बजे टूट गई और ये चौथे टावर से नीचे गिर गया.

इस संबंध में पंचमहल के कलेक्टर अजय दहिया ने अखबार को बताया, ‘यह सामान ढोने वाला एक रोपवे था, जो शनिवार दोपहर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. केबिन के अंदर पांच लोग थे, जो ऊपर से वापस आ रहे थे. तभी चौथे टावर के पास केबल टूट गई और यह टावर नंबर एक से टकरा गया. इस टक्कर में ट्राली पर सवाल पांचों लोगों की मौत हो गई और घटनास्थल पर मौजूद एक अन्य व्यक्ति की भी टक्कर के कारण मौत हो गई.’

दहिया ने कहा कि उन्होंने घटना के कारणों की जांच के लिए एक तकनीकी समिति के गठन का आदेश दिया है.

उन्होंने बताया कि माल रोपवे के संचालक को मंदिर ट्रस्ट ने नियुक्त किया था.

कलेक्टर दहिया के अनुसार, सभी मृतकों की पहचान हो गई है और अन्य किसी के घायल या हताहत होने की कोई जानकारी नहीं है.

उन्होंने घटना के कारणों की जांच के लिए एक तकनीकी समिति के गठन का आदेश दिया है.

उनका कहना है कि सभी पहलुओं, खासकर रखरखाव वाले हिस्से की जांच की जाएगी.

इस हादसे को लेकर गोधरा-पंचमहल रेंज के पुलिस महानिरीक्षक रवींद्र असारी ने बताया कि मृतकों में तीन स्थानीय निवासी, दो कश्मीर के और एक राजस्थान के निवासी शामिल हैं. इस घटना के सही कारणों की जांच की जा रही है.

पुलिस के अनुसार, खराब मौसम के कारण यात्री रोपवे, जो तीर्थयात्रियों को कालिका माता मंदिर तक ले जाता है, बंद कर दिया गया था, लेकिन निर्माण कार्यों के कारण माल रोपवे का उपयोग जारी रखा गया था.

पुलिस ने इस घटना के मृतकों की पहचान कर ली है और शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है.

एक अधिकारी ने अखबार से बताया कि मरने वालों में राजस्थान के गीतावास निवासी अन्नाजी उर्फ ​​भैरवलाल रतिलाल जाट, एक होटल में काम करते थे; जम्मू-कश्मीर के राजौरी निवासी मोहम्मद अनवर महमद शरीफखान और बलवंतसिंह धनीराम, रोपवे ऑपरेटर के रूप में कार्यरत थे. जबकि दिलीप सिंह नरवत सिंह कोली, मंदिर की सुरक्षा में तैनात थे. इसके अलावा हितेशभाई हसमुखभाई बारिया, मंदिर के भोजनालय मेें काम करते थे और सुरेशभाई रायजीभाई कोली फूल व्यापारी थे.

मालूम हो कि 1986 में निर्मित पावागढ़ रोपवे एक मोनो-केबल गोंडोला प्रणाली है जो तीर्थयात्रियों को बेस स्टेशन से कालिका माता मंदिर के पास ले जाती है. ये चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व पार्क का हिस्सा है – जो संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) का एक विश्व धरोहर स्थल है.

यहां सुविधाओं के उन्नयन और तीर्थयात्रियों की सुविधाओं में सुधार के लिए निर्माण कार्य चल रहा था.

पंचमहल जिला प्रशासन ने रस्सी टूटने के कारण का पता लगाने और सिस्टम के रखरखाव एवं संचालन सुरक्षा की समीक्षा के लिए जांच के आदेश दिए हैं.

एक अधिकारी ने कहा, ‘अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या ट्रॉली अपनी क्षमता से ज़्यादा सामान ले जा रही थी और क्या नियमित जांच में कोई चूक हुई थी.’

उल्लेखनीय है कि यात्री रोपवे का संचालन और रखरखाव उषा ब्रेको लिमिटेड द्वारा किया जाता है, जो 1986 में इसके चालू होने के बाद से ही इस सेवा का संचालन कर रही है.

गौरतलब है कि इससे पहले पावागढ़ रोपवे पर पहले भी एक बड़ी दुर्घटना हो चुकी है. जनवरी 2003 में, एक रस्सी टूट गई थी, जिससे तीन केबल कारें गिर गईं, जिसमें दो महिलाओं और एक बच्चे सहित सात लोगों की मौत हो गई और 24 घायल हो गए.

इस घटना के बाद सेना और वायु सेना को शामिल करते हुए बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाना पड़ा और सेवाएं फिर से शुरू करने से पहले एक विस्तृत तकनीकी समीक्षा की गई.