कई राज्यों में खाद की कमी, भाजपा शासित मध्य प्रदेश व ओडिशा में हिंसा और हंगामा

खाद की किल्लत का संकट अब देशव्यापी होता दिख रहा है. सोमवार को मध्य प्रदेश व ओडिशा में खाद की किल्लत को लेकर हंगामा और हिंसा हुई. मुरैना में किसानों की मारपीट में तीन घायल हुए, जबकि श्योपुर में पथराव हुआ. ओडिशा में विपक्षी बीजद ने राजभवन घेराव कर सरकार पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया है.

नई दिल्ली: सोमवार (16 सितंबर, 2025) को भाजपा शासित दो राज्यों (मध्य प्रदेश और ओडिशा) में खाद की कमी के कारण हिंसा और हंगामा देखने को मिला है. मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व वाले मध्य प्रदेश में खाद की कमी के कारण किसान आपस में भिड़ गए. वहीं मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के ओडिशा में खाद की कमी के मुद्दे को लेकर विपक्ष को आंदोलन करना पड़ा है.

हालांकि, खाद की कमी एक देशव्यापी संकट का रूप ले रहा है. उत्तर प्रदेश में भी खाद की कमी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. आंध्र प्रदेश की सरकार ने केंद्र सरकार को खाद की कमी का हाल बताया है. हरियाणा में भी किसान खाद के लिए मंडी के चक्कर काट रहे हैं.

मध्य प्रदेश में क्या हुआ?

मध्य प्रदेश में सोमवार को कई खाद वितरण केंद्रों पर हिंसा भड़क गई. मुरैना ज़िले में तीन किसान घायल हो गए.

दरअसल, सोमवार सुबह मुरैना के अनाज मंडी परिसर में किसान सुबह पांच बजे ही खाद के लिए लाइन लगाकर खड़े हो गए थे. जब सुबह 9:30 बजे केंद्र खुला तो भीड़ में धक्का-मुक्की जैसी स्थिति बन गई. किसान आगे बढ़ने रहे, जिससे बहस हुई और बाद में हाथापाई शुरू हो गई.

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में घायल किसानों में से एक अजय तोमर ने बताया, ‘हमें लाइन से धक्का देकर बाहर कर दिया गया. जब हम दोबारा लाइन में लगने की कोशिश करने लगे तो पीछे खड़े किसानों ने आपत्ति जताई. इसी वजह से दोनों समूहों में लड़ाई हो गई.’

झगड़ा जल्दी ही बढ़कर बड़े पैमाने की मारपीट में बदल गया, जहां किसान एक-दूसरे पर डंडों से हमला करने लगे. इस दौरान मिरघन गांव के तीन किसान – अजय तोमर, राजाराम तोमर और रमेश तोमर घायल हो गए.

इसी तरह के हालात पास के श्योपुर ज़िले में भी देखने को मिले, जहां नाराज़ किसानों ने विजयपुर के बांगरोड रोड स्थित खाद वितरण केंद्र पर पथराव कर दिया. घंटों की देरी के बाद हालात बिगड़ गए और कर्मचारियों को परिसर छोड़कर भागना पड़ा.

ओडिशा में क्या हुआ?

मुख्य विपक्षी दल बीजू जनता दल (बीजद) ने सोमवार को राज्य में खाद की गंभीर कमी को लेकर ओडिशा राजभवन के सामने प्रदर्शन किया.

सैकड़ों बीजद कार्यकर्ता राजभवन के बाहर रैली में शामिल हुए. जब प्रदर्शनकारी बीजद कार्यकर्ता अंदर घुसने की कोशिश करने लगे तो उनकी पुलिस से हल्की झड़प हो गई. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया.

बाद में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल को राज्यपाल हरी बाबू कंबमपाटी से मिलने की अनुमति दी गई और उन्होंने एक ज्ञापन सौंपकर इस संकट का तुरंत समाधान करने की मांग की.

द टेलीग्राफ के मुताबिक, पूर्व मंत्री और वरिष्ठ बीजद नेता प्रसन्ना आचार्य ने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि वह किसानों को गुमराह कर रही है.

बीजद के उपाध्यक्ष देवी प्रसाद मिश्रा ने कहा, ’45 किलो के उर्वरक की थैली का आधिकारिक मूल्य 242 रुपये तय किया गया है. हालांकि, हमें रिपोर्ट मिली है कि उर्वरक की थैलियां बेहद ऊंचे दामों पर बेची जा रही हैं.’

उन्होंने आगे कहा कि प्रशासन ब्लैक मार्केटिंग के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम रहा है और किसानों को सही समय पर उर्वरक उपलब्ध कराने में विफल रहा है.