आंगनबाड़ी में ताला, बच्चों का भविष्य अंधेरे में! – ग्रामीणों की शिकायत पर अधिकारी ने दिलाई जांच की भरोसा.

सीधी जिले के रामपुर नैकिन जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पड़खुरी 586 की आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 4 गंभीर लापरवाही का शिकार हो चुकी है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि यहां बच्चों के नाम मात्र दर्ज हैं, लेकिन न तो बच्चे आते हैं और न ही आंगनबाड़ी की गतिविधियाँ संचालित होती हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका केवल उपस्थिति रजिस्टर भरकर खानापूर्ति करती हैं और शासन द्वारा भेजे गए संसाधनों का दुरुपयोग होता है।
शनिवार को ग्रामीणों ने इस मामले की शिकायत महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी प्रवेश मिश्रा से की। शिकायत में बताया गया कि केंद्र में 20 बच्चों का पंजीयन है, जिन्हें शासन की ओर से पोषण आहार, खिलौने और शैक्षिक सामग्री उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन वास्तविकता यह है कि बच्चों की उपस्थिति शून्य रहती है। मौके पर जांच करने पहुंचे लोगों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुनीता पटेल तो मिलीं, लेकिन सहायिका गीता साकेत अनुपस्थित रहीं। हैरानी की बात यह रही कि वहां एक भी बच्चा मौजूद नहीं था।
शासन नियमों के अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को ₹18,000 और सहायिका को ₹14,000 प्रतिमाह मानदेय दिया जाता है। इसके बावजूद ग्रामीणों का आरोप है कि केंद्र में कामकाज केवल कागजों पर चलता है और सरकारी राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है।
इस संबंध में जब अधिकारी प्रवेश मिश्रा से बात की गई, तो उन्होंने कहा—“इस प्रकार की घटनाएं बेहद दुखद और निंदनीय हैं। आंगनबाड़ी बच्चों के पोषण और शिक्षा के लिए होती है। यदि बच्चे ही केंद्र में नहीं पहुंचते तो इसका उद्देश्य ही विफल हो जाता है। मामले की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।”