लद्दाख में हज़ारों लोग लेह में सड़कों पर उतर आए और 2019 में केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील होने के बाद सीमावर्ती क्षेत्र के लिए विशेष संवैधानिक सुरक्षा की मांग को लेकर पुलिस से भिड़ गए. लेह के कुछ हिस्सों में भारी पथराव हुआ व भाजपा कार्यालय और एक पुलिस वैन में आग लगा दी गई.

श्रीनगर: लद्दाख स्थित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्यालय में बुधवार (24 सितंबर) को तोड़फोड़ की गई. हज़ारों लोग लेह में सड़कों पर उतर आए और 2019 में केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील होने के बाद सीमावर्ती क्षेत्र के लिए विशेष संवैधानिक सुरक्षा की मांग को लेकर पुलिस से भिड़ गए.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि लेह में लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद (एलएएचडीसी) सचिवालय के बाहर छिटपुट प्रदर्शन के बेकाबू हो जाने के बाद बुज़ुर्गों और बच्चों समेत हज़ारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए. लेह के ज़िला मजिस्ट्रेट रोमिल सिंह डोंक ने कर्फ्यू की घोषणा की है.
ज्ञात हो कि भाजपा 2020 से एलएएचडीसी पर शासन कर रही है, जब उसने 26 में से 15 परिषद सीटें जीती थीं. इस साल के अंत में नए परिषद चुनाव होने हैं.
बताया गया है कि उत्तेजित प्रदर्शनकारियों ने लेह के कुछ हिस्सों में भारी पथराव किया और एक पुलिस वैन में भी आग लगा दी, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे. यह पता नहीं चल पाया है कि प्रदर्शनकारियों या सुरक्षा बलों को चोटें आई हैं या नहीं.
लद्दाख के नेता सीमावर्ती क्षेत्र के राज्य का दर्जा बहाल करने और भूमि व रोज़गार संबंधी अन्य गारंटियों के साथ-साथ इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं, जिसके चलते केंद्र सरकार ने 2023 में इन मांगों पर विचार करने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) का गठन किया है.
हालांकि, लद्दाखी नेताओं द्वारा प्रस्तुत चार-सूत्री मांगों पर दोनों पक्षों के बीच बातचीत में कथित रूप से कोई प्रगति नहीं होने के कारण चीन की सीमा से लगे इस रणनीतिक क्षेत्र में भाजपा और केंद्र सरकार के खिलाफ व्यापक आक्रोश फैल गया है.
2019 में जम्मू-कश्मीर से अलग होने के बाद से लद्दाख में बढ़ता गुस्सा बुधवार को सड़कों पर उतर आया, जब लेह स्थित भाजपा मुख्यालय पर गुस्साए प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने कब्जा कर लिया और पार्टी के पदाधिकारी बाल-बाल बच गए.
प्रदर्शनकारियों ने भाजपा कार्यालय में आग लगा दी और पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. भाजपा कार्यालय के अलावा प्रदर्शनकारियों ने बाहर खड़े एक सुरक्षा वाहन को भी आग के हवाले कर दिया.
द वायर द्वारा सत्यापित एक वीडियो में एक युवक लेह स्थित भाजपा के तीन मंजिला मुख्यालय से भाजपा का झंडा उतारकर ज़मीन पर फेंकता हुआ दिखाई दे रहा है. हालांकि, वीडियो में दिख रहा है कि प्रदर्शनकारी ने भगवा ध्वज के अलावा राष्ट्रीय ध्वज भी फहराया हुआ है.
एक प्रत्यक्षदर्शी, जो अपना नाम उजागर नहीं करना चाहता था, ने बताया, ‘युवाओं का एक समूह लेह के एनडीएस ग्राउंड की ओर जा रहा था, तभी यह विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. जल्द ही सुरक्षाकर्मियों पर भारी पथराव शुरू हो गया और अफरातफरी मच गई. एक जगह युवाओं द्वारा घेर लिए जाने के बाद एक पुलिस वाहन बाल-बाल बच गया, जबकि एक अन्य वाहन में आग लगा दी गई.’
जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने शांति की अपील की
जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक, जिनका लेह के एनडीएस ग्राउंड में अनशन बुधवार को 15वें दिन में प्रवेश कर गया, ने एक वीडियो संदेश में शांति की अपील करते हुए विरोध प्रदर्शन को ‘सामाजिक अशांति’ करार दिया.
वांगचुक ने कहा कि उनके साथ अनशन कर रहे दो लोगों को मंगलवार को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिससे जनता में गुस्सा भड़क गया और बुधवार को लद्दाख में बंद की घोषणा कर दी गई.
उन्होंने उस हिंसा की निंदा की, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने कुछ सरकारी इमारतों और सरकारी वाहनों को निशाना बनाया.
उन्होंने कहा, ‘हज़ारों युवा बाहर निकले. कुछ लोग सोचते हैं कि वे (प्रदर्शनकारी) हमारे समर्थक हैं. पूरा लद्दाख हमारे पक्ष का समर्थन करता है. यह जेन-ज़ी क्रांति थी जिसने उन्हें सड़कों पर ला खड़ा किया. पांच साल से वे बेरोज़गार हैं. हमारे युवाओं को नौकरी से वंचित करने के लिए एक के बाद एक बहाने गढ़े जा रहे हैं. यह सामाजिक अशांति का एक आदर्श नुस्खा है.’
इस बीच, हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू होने के तुरंत बाद उन्होंने भूख हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बुधवार सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग अस्पताल में भर्ती दो लोगों और चल रहे अनशन में शामिल अन्य लोगों के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए धरना स्थल पर जमा हो गए थे, जिसके बाद अफरातफरी मच गई. हालांकि, वांगचुक के धरना स्थल से किसी भी तरह की झड़प की कोई खबर नहीं है.
इस दौरान करगिल के कार्यकर्ता सज्जाद हुसैन ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘लेह में जो कुछ भी हो रहा है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है. कभी शांतिपूर्ण रहा #लद्दाख अब सरकार के असफल केंद्र शासित प्रदेश प्रयोग के कारण निराशा और असुरक्षा की स्थिति में है. सरकार पर यह ज़िम्मेदारी है कि वह बातचीत फिर से शुरू करे, समझदारी से काम ले और लद्दाख की राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को बिना किसी देरी के पूरा करे. मैं लोगों से शांतिपूर्ण और दृढ़ रहने की भी अपील करता हूं.’
कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के कारण प्रशासन ने कथित तौर पर लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता की 25 सितंबर को निर्धारित करगिल यात्रा स्थगित कर दी है, साथ ही आगामी लद्दाख महोत्सव भी कथित तौर पर ‘सुरक्षा चिंताओं’ के कारण रद्द कर दिया गया है.
इस बीच, करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस, जो केंद्र सरकार की एचपीसी और लेह एपेक्स बॉडी के साथ बातचीत कर रहा है, ने गुरुवार को पूरे क्षेत्र में पूर्ण बंद का आह्वान किया है.
दोनों समूह मांग कर रहे हैं कि केंद्र सरकार वांगचुक के साथ अनशन में भाग लेने वालों की खराब स्थिति को देखते हुए 6 अक्टूबर को होने वाली एचपीसी की बैठक को पहले ही स्थगित कर दे.