मंगल भारत:पटेहरा-आमडाड मार्ग पर ग्रामीणों की जिंदगी खतरे में.

सीधी (पटेहरा/आमडाड): प्रशासन की लापरवाही और ठेकेदार की मनमानी ने सीधी जिले के पटेहरा-आमडाड मार्ग को मौत के जाल में बदल दिया है। यह रास्ता, जो आमडाड, बसेड़ी, कुड़िया और मढ़ा जैसे कई महत्वपूर्ण गांवों को जोड़ता है, अब हादसों का गढ़ बन चुका है। रेलवे ब्रिज के निर्माण कार्य में लगी गाड़ियों द्वारा गिराई गई मिट्टी से सड़क की हालत इतनी बदतर हो चुकी है कि हल्की बारिश में भी यह किसी दलदल से कम नहीं लगती। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि बार-बार शिकायत के बावजूद न तो ठेकेदार और न ही प्रशासन इस गंभीर समस्या पर कोई ध्यान दे रहा है।
हर कदम पर जिंदगी का जोखिम
इस सड़क पर चलना अब किसी चुनौती से कम नहीं है। सड़क पर जमा हुई मिट्टी और गहरे गड्ढे बारिश के पानी के साथ मिलकर जानलेवा फिसलन पैदा कर रहे हैं। कल शाम को हुई हल्की सी बारिश के बाद हालात इतने खराब हो गए हैं कि इसकी भयावहता तस्वीरों में साफ देखी जा सकती है। ग्रामीणों का कहना है कि साइकिल तो दूर, मोटरसाइकिल से भी निकलना मुश्किल हो गया है। एक स्थानीय निवासी ने बताया, “हमें हर सुबह इस रास्ते से गुजरते समय डर लगता है कि कहीं हम गिर न जाएं या कोई बड़ा वाहन पलट न जाए। ठेकेदार ने अपनी सुविधा के लिए पूरी सड़क को बर्बाद कर दिया है और प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है।” आए दिन हो रहे छोटे-मोटे हादसों ने लोगों के मन में डर भर दिया है।
बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा खतरे में
यह मार्ग केवल राहगीरों के लिए ही नहीं, बल्कि स्कूली बच्चों के लिए भी एक बड़ा खतरा बन गया है। इस रास्ते से रोजाना रामपुर और आसपास के स्कूलों में जाने वाले छोटे-छोटे बच्चे फिसलकर गिर रहे हैं। अभिभावकों की चिंता बढ़ती जा रही है। एक अभिभावक ने दर्द भरी आवाज में कहा, “हमारे बच्चे हर दिन अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल जाते हैं। प्रशासन को क्या किसी बड़े हादसे का इंतजार है? अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो किसी बच्चे की जिंदगी खतरे में पड़ सकती है।” प्रशासन की यह उदासीनता भविष्य में किसी भी बड़ी त्रासदी का कारण बन सकती है।
ठेकेदार की तानाशाही और प्रशासन की चुप्पी
ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने कई बार ठेकेदार से सड़क की सफाई और मरम्मत के लिए कहा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ठेकेदार का रवैया पूरी तरह से तानाशाही वाला है। पहले जब इस मामले की खबर प्रकाशित हुई थी, तो ठेकेदार ने नाम मात्र की सफाई करवाकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया था, लेकिन अब हालात फिर से पहले से भी ज्यादा खराब हो चुके हैं। ग्रामीणों ने कहा कि ठेकेदार को न तो लोगों की सुरक्षा की परवाह है और न ही प्रशासन का डर है। प्रशासन की चुप्पी ने ठेकेदार के हौसले बढ़ा दिए हैं, जिससे इस मार्ग पर काम और भी धीमी गति से हो रहा है।
स्थानीय लोगों की प्रशासन से अपील
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, ग्रामीणों ने प्रशासन और संबंधित अधिकारियों से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा है कि अगर जल्द ही सड़क की नियमित सफाई और मरम्मत का काम शुरू नहीं हुआ, तो मजबूरन उन्हें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा। यह सिर्फ सड़क की समस्या नहीं है, बल्कि सैकड़ों लोगों की जिंदगी और मौत का सवाल है। प्रशासन को तुरंत इस मामले में दखल देना चाहिए, ठेकेदार पर कार्रवाई करनी चाहिए और सड़क की मरम्मत करानी चाहिए ताकि किसी भी बड़े हादसे को रोका जा सके।