किसान आंदोलन: 2021 में महिला किसान पर की गई टिप्पणी के लिए कंगना रनौत ने माफ़ी मांगी

2021 में कंगना रनौत ने तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ हुए किसान आंदोलन में शामिल एक बुज़ुर्ग महिला की तस्वीर पर टिप्पणी करते हुए दावा किया था कि प्रदर्शन में लोगों को पैसे देकर शामिल किया गया है. इसे लेकर बठिंडा की महिला किसान महिंदर कौर ने उनके ख़िलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था. अब रनौत ने कहा है कि उन्हें उस पोस्ट से उपजी ‘ग़लतफ़हमी’ पर अफ़सोस है.

नई दिल्ली: पंजाब के बठिंडा शहर की एक अदालत ने सोमवार (28 अक्टूबर) को भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत को 2021 में दर्ज किए गए एक मानहानि मामले में ज़मानत दे दी है. यह केस किसान आंदोलन के दौरान रनौत द्वारा 81 वर्षीय प्रदर्शनकारी किसान महिंदर कौर के खिलाफ की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर दर्ज किया गया था.

अदालत के फैसले के बाद में कंगना ने अपने पुराने सोशल मीडिया बयान के बाद पैदा हुई ‘गलतफ़हमी’ पर अफ़सोस जताया और कहा कि हर मां उनके लिए सम्माननीय है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, अदालत ने पिछले सितंबर में हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया था और वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिए पेश होने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया था. अभिनेत्री की पेशी से पहले बठिंडा अदालत परिसर और उसके आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई थी, जहां वे सुरक्षाकर्मियों और स्थानीय पुलिस के साथ पहुंचीं.

मानहानि का यह मामला अभिनेत्री द्वारा पंजाब के बठिंडा ज़िले के बहादुरगढ़ जंडियन गांव की शिकायतकर्ता महिंदर कौर पर की गई टिप्पणी के साथ किए गए एक रीट्वीट से उपजा था.

2021 में यह टिप्पणी अब निरस्त किए जा चुके कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान की गई थी.

ख़बरों के मुताबिक, रनौत ने अदालत में बुज़ुर्ग किसान के पति लाभ सिंह से भी माफ़ी मांगी. मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर को है.

पीटीआई के अनुसार, अदालत में पेश होने के बाद में पत्रकारों से बात करते हुए रनौत ने ज़ोर देकर कहा कि उन्होंने किसी व्यक्ति के ख़िलाफ़ कोई टिप्पणी नहीं की थी, एक ग़लतफ़हमी हुई थी.

उन्होंने कहा, ‘महिंदर (कौर) जी के परिवार के साथ जो भी ग़लतफ़हमी हुई, मैंने उनके पति को ‘माता जी’ के लिए एक संदेश दिया कि कैसे वह ग़लतफ़हमी का शिकार हुईं.’

रनौत ने कहा, ‘मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि जिस तरह से यह विवाद खड़ा किया गया. हर ‘माता’, चाहे वह पंजाब की हो या हिमाचल की, मेरे लिए सम्माननीय है.’

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने अनजाने में कोई गलती की, उन्होंने जवाब दिया कि अगर मामले को ठीक से देखा जाए, तो उनकी तरफ़ से ऐसा कुछ नहीं था.

उन्होंने कहा, ‘एक रीट्वीट था, जिसका इस्तेमाल मीम के तौर पर किया गया. मैंने महिंदर जी के पति से भी इस बारे में बात की है और चर्चा की है.’ उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि उस मीम में कई महिलाएं थीं और किसी व्यक्ति के ख़िलाफ़ कोई टिप्पणी नहीं की गई थी.

उन्होंने कहा कि किसी ने देश भर में हो रहे कई आंदोलनों के बारे में मीम पर टिप्पणी की थी. रनौत ने कहा कि उन्हें उस पोस्ट से पैदा हुई ग़लतफ़हमी पर अफ़सोस है.

उधर, महिंदर कौर के वकील रघुबीर सिंह बेनीवाल ने कहा कि अदालत ने रनौत को उनके पिता द्वारा जमा किए गए मुचलके पर ज़मानत दे दी.

बेनीवाल ने कहा कि रनौत ने अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने से स्थायी छूट की मांग करते हुए एक और याचिका दायर की, जिसका उन्होंने विरोध किया. बेनीवाल ने कहा कि जब अदालत ने अभिनेत्री से पूछा कि क्या वह कुछ कहना चाहती हैं, तो उन्होंने कहा कि वह शिकायतकर्ता से माफ़ी मांगना चाहती हैं, और दावा किया कि उनकी पोस्ट का उद्देश्य किसी को निशाना बनाना नहीं था.
बेनीवाल ने कहा कि रनौत ने अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने से स्थायी छूट की मांग करते हुए एक और याचिका दायर की, जिसका उन्होंने विरोध किया. बेनीवाल ने कहा कि जब अदालत ने अभिनेत्री से पूछा कि क्या वह कुछ कहना चाहती हैं, तो उन्होंने कहा कि वह शिकायतकर्ता से माफ़ी मांगना चाहती हैं, और दावा किया कि उनकी पोस्ट का उद्देश्य किसी को निशाना बनाना नहीं था.

वकील ने कहा कि जब अदालत ने महिंदर कौर के पति लाभ सिंह से पूछा, तो उन्होंने अदालत से कहा कि वह अकेले फैसला नहीं कर सकते और माफ़ी स्वीकार की जाए या नहीं, इस पर फैसला लेने से पहले वह दूसरों से इस मामले पर चर्चा करेंगे.

क्या था मामला

यह मामला 2020-21 के किसान आंदोलन से जुड़ा है, जब रनौत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया था जिसमें कथित तौर पर महिंदर कौर का ज़िक्र था.

रनौत ने विरोध प्रदर्शन में शामिल एक बुज़ुर्ग महिला की तस्वीर वाली पोस्ट पर टिप्पणी करते हुए दावा किया था कि कुछ महिलाओं को इसमें शामिल होने के लिए पैसे दिए जा रहे हैं. उन्होंने उस महिला को ‘टाइम पत्रिका में भारत की शक्तिशाली महिलाओं में शामिल दादी’ भी कहा, और कहा कि ‘वह 100 रुपये में आ जाती हैं.’

इस पोस्ट की किसान संगठनों के नेताओं सहित व्यापक आलोचना हुई थी. बाद में आक्रोश और मामला दर्ज होने के बाद इसे हटा दिया गया. कौर ने 4 जनवरी, 2021 को कंगना रनौत के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि अभिनेत्री की टिप्पणी ने उनका अपमान किया है और किसान आंदोलन में उनकी भूमिका को गलत तरीके से पेश किया है.

महिंदर कौर ने आरोप लगाया कि रनौत ने उन्हें गलत तरीके से बिलकीस बानो बताकर बदनाम किया, जो 2020 के शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन के दौरान सुर्खियों में आई एक बुज़ुर्ग कार्यकर्ता थीं. महिंदर कौर ने कहा कि अभिनेता ने रीट्वीट में उनकी तुलना शाहीन बाग़ विरोध प्रदर्शन में शामिल ‘दादी’ से करके उनके ख़िलाफ़ ‘झूठे’ आरोप लगाए.

उन्होंने कहा कि वह किसान आंदोलन की शुरुआत से ही धरनों और प्रदर्शनों का हिस्सा रही हैं. अपनी वृद्धावस्था के बावजूद वह अन्य लोगों के साथ आंदोलन में भाग लेने के लिए दिल्ली गईं. महिंदर कौर ने कहा कि टाइम पत्रिका में छपी शाहीन बाग़ की महिला से उनका कोई संबंध नहीं है.

कंगना गई थीं सुप्रीम कोर्ट

रनौत ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसने उनके ख़िलाफ़ शिकायत रद्द करने से इनकार कर दिया था.

हाईकोर्ट ने 1 अगस्त को रनौत की याचिका खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा, ‘याचिकाकर्ता, जो एक सेलिब्रिटी हैं, के खिलाफ विशिष्ट आरोप हैं कि रीट्वीट में उनके द्वारा लगाए गए झूठे और मानहानिकारक आरोपों ने प्रतिवादी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई है और उन्हें न केवल उनकी नज़र में, बल्कि दूसरों की नज़र में भी नीचा दिखाया है. इसलिए, उनके अधिकारों की रक्षा के लिए शिकायत दर्ज करना दुर्भावनापूर्ण नहीं कहा जा सकता.’

हालांकि, शीर्ष अदालत ने 12 सितंबर को रनौत से कहा कि यह कोई साधारण रीट्वीट नहीं था और उन्होंने मौजूदा स्थिति को ‘नमक-मिर्च लगाकर’ पेश किया था. इसके बाद रनौत ने याचिका वापस ले ली.