बिहार चुनाव: पश्चिमी चंपारण की नौ में से छह सीटों पर लड़ रही कांग्रेस फिर से अग्निपरीक्षा में

पिछले चुनाव में कांग्रेस पश्चिम चंपारण की सात सीटों- वाल्मीकिनगर, रामनगर, नरकटियागंज, बगहा, नौतन, चनपटिया, बेतिया में चुनाव लड़ी थी लेकिन किसी भी सीट पर जीत नहीं पाई. इस बार कांग्रेस को सात के बजाय छह सीटें मिली हैं, जबकि रामनगर सीट राजद ने अपने पास रखी है.

बेतिया: महागठबंधन की दूसरे सबसे बड़ी साझीदार कांग्रेस पश्चिमी चंपारण जिले में एक बार फिर अग्निपरीक्षा से गुजर रही है. कांग्रेस को यहां नौ में से छह सीट लड़ने को मिली है. इस बार तीन सीटों में उसकी लड़ाई अच्छी मानी जा रही है जबकि नरकटियागंज में उसकी राजद से दोस्ताना लड़ाई उसे कमजोर कर रही है.

कांग्रेस पिछले चुनाव में पश्चिम चंपारण की सात सीटों- वाल्मीकिनगर, रामनगर, नरकटियागंज, बगहा, नौतन, चनपटिया, बेतिया में चुनाव लड़ी थी लेकिन किसी भी सीट पर जीत नहीं पाई. सभी सीटों पर उसकी हार का अंतर भी बड़ा था. सबसे अधिक वोट (41.33 फीसदी) बेतिया और चनपटिया (40.03 फीसदी) मिले थे. वाल्मीकि नगर में उसे 27.28, रामनगर में 31.28, नरकटियागंज में 33.02, बगहा में 33.2 नौतन में 31.51, फीसदीी वोट मिले थे.

इन सभी स्थानों पर कांग्रेस प्रत्याशियों के हार का अंतर बड़ा था. सबसे कम अंतर के हार वाली सीट चनपटिया थी जहां कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक रंजन 13469 मतों से पराजित हुए थे.

वाल्मीकि नगर में 21585, रामनगर (सुरक्षित) में 15796, नरकटियागंज में 21134, बगहा में 30020, नौतन में 25896 और बेतिया में 18079 वोट के अंतर से हार हुई थी.

इस चुनाव में कांग्रेस को सात के बजाय छह सीट वाल्मीकिनगर, नरकटियागंज, बगहा, नौतन, चनपटिया और बेतिया लड़ने को मिली है. रामनगर सीट राजद ने अपने पास रख ली है. लौरिया में वीआईपी के रणकुशल प्रताप सिंह लड़ रहे हैं तो सिकटा पर भाकपा माले के सीटिंग विधायक वीरेन्द्र गुप्ता फिर से मैदान में हैं.

पश्चिमी चंपारण जिले में महागठबंधन का प्रदर्शन पिछले चुनाव में बहुत खराब रहा और वह सिर्फ सिकटा की सीट जीत पाई. इस सीट पर भाकपा माले के वीरेन्द्र गुप्ता 2302 मतों से विजयी हुए थे. कांग्रेस और राजद एक भी सीट नहीं जीत सकी थी.

भाजपा के इस मजबूत गढ़ में महागठबंधन कांग्रेस के प्रदर्शन पर निर्भर कर रहा है जिसका स्ट्राइक रेट पिछले चुनाव में काफी कमजोर था.

नरकटियागंज का हाल

कांग्रेस ने अपनी छह सीटों में से चार सीटों पर प्रत्याशी बदल दिए हैं. चनपटिया में अभिषेक रंजन और बगहा में जयेश मंगल सिंह पर फिर से भरोसा जताते हुए टिकट दिया गया है.

वाल्मीकि नगर से सुरेन्द्र कुशवाहा, नरकटियागंज से शाश्वत केदार पांडेय, नौतन से अमित गिरी और बेतिया से वसी अहमद को चुनाव मैदान में उतारा गया है.

सबसे अजीब स्थिति नरकटियागंज की है जहां कांग्रेस और राजद दोनों चुनाव लड़ रहे है.

कांग्रेस से शाश्वत केदार पांडेय, तो राजद से दीपक यादव चुनाव मैदान में लड़ रहे हैं. इसे दोस्ताना लड़ाई कहा गया है. दीपक यादव बगहा चीनी मिल के प्रबंध निदेशक हैं तो शाश्वत केदार पांडेय बिहार के मुख्यमंत्री रहे केदार पांडेय के पौत्र हैं. भाजपा ने यहां सीटिंग विधायक रश्मि वर्मा का टिकट काटकर संजय कुमार पांडेय को चुनाव मैदान में उतारा है.
राजद प्रत्याशी दीपक यादव हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से सामान्य प्रबंधन की पढ़ाई की है. उद्योगपति दीपक यादव ने एफीडेविट में अपनी संपत्ति 70 करोड़ दिखाई है. वह लोकसभा चुनाव राजद के टिकट से वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और 4,24,747 वोट प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहे.

उनके समर्थन में महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के चेहरे तेजस्वी यादव जनसभा कर चुके हैं. शुक्रवार को भोजपुरी अभिनेता-गायक खेसारी यादव ने राजद प्रत्याशी के समर्थन में रोड शो किया जिसमें काफी भीड़ जुटी.

कांग्रेस प्रत्याशी शाश्वत केदार पांडेय के पक्ष में वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी, सुबोध कांत सहाय, अखिलेश प्रसाद सिंह ने सभाएं की हैं.

पश्चिम चंपारण जिले में राहुल गांधी की अभी कोई सभा नहीं हुई. सांसद प्रियंका गांधी ने वाल्मीकिनगर और चनपटिया में कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में सभा की है.

नरकटियागंज में आपसी लड़ाई में कांग्रेस की स्थिति कमजोर पड़ गई है. विधानसभा क्षेत्र के सिसवा में चाय के दुकानदार ने कहा कि आपस में लड़ने से दोनों के वोट कटेंगे.

इसी जगह पान की दुकान पर जुटे युवाओं की राय थी कि दोनों में से किसी एक को बैठ जाना चाहिए था. आदर्श कुशवाहा का कहना था कि राजद का बोलबाला है इसलिए उसको ही यहां से चुनाव लड़ना ठीक है. लोग राजद प्रत्याशी दीपक यादव की स्थिति मजबूत बता रहे थे.

यूपी से चुनाव प्रचार करने आए कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि वाल्मीकिनगर, बगहा और बेतिया में कांग्रेस प्रत्याशी ठीक लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने माना कि नरकटियागंज में दोस्ताना लड़ाई में कांग्रेस कमजोर पड़ी है.

वाल्मीकिनगर में जदयू प्रत्याशी धीरेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह दो बार से लगातार चुनाव जीत रहे हैं. वे 2015 में पहली बार निर्दल लड़े और जीत कर विधायक बने. दूसरी बार 2020 में जदयू के टिकट पर लड़े और कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व मंत्री राजेश सिंह को हराया.

इस बार कांग्रेस प्रत्याशी सुरेन्द्र प्रसाद कुशवाहा उन्हें अच्छी टक्कर दे रहे हैं. अपनी बिरादरी के अलावा महागठबंधन के कोर वोट भी मिलते नजर आ रहे हैं हालांकि वे जदयू प्रत्याशी के प्रचार के मुकाबले कमजोर पड़ रहे हैं. जदयू प्रत्याशी का सभी तबकों में पार्टी के साथ-साथ व्यक्तिगत आधार भी है. उनका छोटी-छोटी जगहों पर प्रचार कार्यालय खुले हैं.

शुक्रवार को हरनाटांड़ में जदयू प्रत्याशी के पक्ष में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभा की. सभा में अच्छी भीड़ जुटी थी. महिलाओं की संख्या भी अच्छी-खासी थी.

कांग्रेस प्रत्याशी सुरेन्द्र प्रसाद कुशवाहा के पक्ष में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी हरनाटांड़ में ही पांच नवंबर को सभा कर चुकी हैं. हरनाटांड़ में दोनों की सभा की तुलना कर रहे लोगों ने बताया कि प्रियंका गांधी के मुकाबले नीतीश कुमार की सभा अधिक प्रभावशाली थी.
बगहा में कांग्रेस प्रत्याशी जयेश मंगल सिंह अपने प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी राम सिंह को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. भाजपा प्रत्याशी पिछड़ी जाति चनउ से आते हैं जबकि कांग्रेस प्रत्याशी राजपूत विरादरी के हैं. राजपूत मतों को कांग्रेस में जाने से रोकने के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बगहा के बबुई टोला खेल मैदान में सभा की.

इस विधानसभा क्षेत्र में निषाद मतदाताओं की संख्या भी अच्छी-खासी है. इसी के मद्देनजर कांग्रेस प्रत्याशी जयेश मंगल सिंह ने वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी की सभा का आयोजन बगहा के विमल बाबू मैदान में पांच नवंबर को आयोजित किया लेकिन मुकेश सहनी सभा में नहीं पहुंच सके. उन्होंने मोबाइल से सभा को संबोधित किया. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन ने उनके हेलीकॉप्टर को उतरने की परमिशन नहीं दी.

चनपटिया में कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशी से भी अधिक जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी त्रिपुरारी कुमार तिवारी उर्फ मनीष कश्यप की चर्चा हो रही है. चर्चित यू ट्यूबर मनीष कश्यप भाजपा से जन सुराज पार्टी में आए हैं. उनकी मजबूत उपस्थिति की चर्चा चनपटिया के अलावा आस-पास के क्षेत्रों में भी है.

लोग यहां पर चुनावी संघर्ष को भाजपा, कांग्रेस और जनसुराज के बीच बता रहे हैं.

नौतन में भी जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी संतोष चौधरी की चर्चा है. यहां पर कांग्रेस से अमित गिरी चुनाव चुनावी मैदान मंे हैं. भाजपा से सीटिंग विधायक नारायण प्रसाद चुनाव लड़ रहे हैं.

बेतिया में कांग्रेस ने वसी अहमद की स्थिति ठीक मानी जा रही है. उनका मुकाबला सीटिंग विधायक रेणु देवी से है. यहां निर्दलीय प्रत्याशी रोहित कुमार सिकारिया और जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी अनिल कुमार सिंह भी जोर लगाए हुए हैं. रोहित कुमार सिकारिया की पत्नी गरिमा देवी सिकारिया बेतिया नगर निगम की मेयर हैं.

रोहित सिकारिया के पक्ष में भोजपुरी अभिनेत्री अक्षरा सिंह, अरविंद अकेला, आस्था सिंह सहित कई कलाकारों ने रोड शो किए हैं. भाजपा उम्मीदवार रेणु देवी बिहार की उपमुख्यमंत्री रही हैं और 2005 से लगातार जीतती आ रही हैं. हालांकि इस बार उनके खिलाफ एंटी इनकंबेंसी है लेकिन उसका फायदा कांग्रेस कितना उठा पाती है, देखना होगा.

कांग्रेस पश्चिम चंपारण जिले की जिन सीटों पर चुनाव लड़ रही है, उसमें से अधिकतर सीटें महागठबंधन की जीत से बहुत दूर रही हैं.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा पूर्वी और पश्चिमी चंपारण जिले के मोतिहारी, बेतिया, नौतन विधानसभा क्षेत्र से गुजरी थी.

बिहार में बदलाव के नारे, नौकरी-रोजगार के बड़े वादों और गठबंधन के साथ-साथ सामाजिक आधार को और बड़ा बनाने की कोशिश पश्चिमी चंपारण जिले में कांग्रेस को मिली कड़ी जमीन को कितना उपजाऊ बना पाती है, यह 14 नवंबर को आने वाला परिणाम बता पाएगा.