‘आतंकी मॉड्यूल’ केस से जुड़े कश्मीरी डॉक्टरों के परिवार बोले- ‘बर्बाद हो चुके हैं, इससे ज़्यादा क्या कहें’

‘आतंकी मॉड्यूल’ केस से जुड़े युवा कश्मीरी डॉक्टर उमर नबी को उनके पड़ोसी मिसाल के तौर पर देखते हैं, वहीं दूसरे शख़्स मुज़म्मिल गनी अपने इलाके में एक शरीफ़ डॉक्टर के तौर पर पहचान रखते हैं. हालांकि, अभी अधिकारियों ने दिल्ली विस्फोट को ‘जम्मू-कश्मीर आतंकी मॉड्यूल’ की गिरफ़्तारियों से नहीं जोड़ा है, लेकिन इन डॉक्टरों के परिवारों के लिए फिलहाल राहत की कोई उम्मीद कम ही नज़र आती है.

कोइल, पुलवामा (जम्मू-कश्मीर): उमर नबी ने जब जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के प्रतिष्ठित सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया, तो उनके पिता गुलाम नबी भट, जो कभी खुद डॉक्टर बनने की ख्वाहिश रखते थे, के लिए यह एक व्यक्तिगत उपलब्धि जैसा था.

दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के कोइल गांव में जर्जर हो चले अपने दो मंजिला घर के बरामदे में बैठे 53 वर्षीय भट ने 12 नवंबर को कहा, ‘जिस दिन उमर का रिजल्ट आया, उस दिन परिवार में कोई भी नहीं सोया था. ऐसा लगा था जैसे कोई सपना सच हो गया हो.’

यह सुखद सपना तब एक बुरे ख्वाब में बदलने लगा, जब इस हफ़्ते की शुरुआत में मीडिया में अपुष्ट खबरें फैलने लगीं, जिनमें दावा किया गया कि फरीदाबाद स्थित अल फ़लाह विश्वविद्यालय में चिकित्सा के सहायक प्रोफेसर नबी ने वह हुंडई कार चलाई थी, जिसमें 10 नवंबर को नई दिल्ली में लाल किले के पास विस्फोट हुआ था.

हालांकि, अधिकारियों ने अभी इन खबरों की पुष्टि नहीं की है.

तीन बेटों और एक बेटी के पिता भट ने बताया कि उन्हें 2012 में सरकारी शिक्षक की नौकरी छोड़नी पड़ी थी, जिसके बाद उनके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो गई.

बरामदे पर उनके बगल में बैठे भट के भाई ने द वायर को बताया, ‘जब उन्होंने नौकरी छोड़ी, तो मेरी भाभी… क्या बताऊं… नबी की पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए सचमुच भीख मांगती थीं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘वह उनके लिए कमाने वाला इकलौता था. हमें अंदाज़ा भी नहीं था कि हमारी दुनिया इस तरह बिखर जाएगी.’

श्रीनगर से लगभग 33 किलोमीटर दूर कोइल गांव के मुस्लिमपुरा इलाके में एक लोहे के गेट के पीछे छिपे भट के घर पर 6 नवंबर से, जब परिवार का इस युवा डॉक्टर से संपर्क टूटा था, सुरक्षा बलों ने कई बार छापेमारी की है.
नबी भट के दूसरे बेटे उमर ने अपने परिवार की खराब आर्थिक स्थिति के कारण गांव और आसपास के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की थी. उनके चाचा ने बताया कि उसने कभी निजी ट्यूशन नहीं ली, लेकिन नियमित रूप से नमाज़ पढ़ता था.

चाचा के मुताबिक, जब उमर पहली बार नीट परीक्षा में शामिल हुए, तो उनका चयन पशु चिकित्सा विज्ञान के लिए हुआ था. अपने दूसरे प्रयास में उन्हें जीएमसी श्रीनगर में दाखिला मिल गया, जिसने देश को कुछ बेहतरीन डॉक्टर दिए हैं.

एक उत्कृष्ट उदाहरण

सूत्रों के अनुसार, नीट में सफलता प्राप्त करने वाले उमर नबी एक ‘मेहनती छात्र’ थे और जीएमसी श्रीनगर में अपनी पढ़ाई के दौरान एक ‘बुद्धिमान’ चिकित्सक के रूप में जाने जाते थे, जहां वे हमेशा अपने बैच के टॉपर्स में शामिल होते थे.

अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों के लिए उमर अपने शुरुआती करिअर में बहुत अच्छा करने वाले उत्कृष्टता की एक मिसाल थे.

गुलाम भट के बगल वाले बरामदे में बैठे एक पड़ोसी ने बताया, ‘उमर लगभग फटे-पुराने कपड़े और चप्पल पहनकर कॉलेज जाते थे. उसके ज़्यादा दोस्त नहीं थे क्योंकि उन्हें बस अपनी पढ़ाई की चिंता थी.’

एक परेशान से दिखने वाले युवक, जिन्होंने खुद को लापता डॉक्टर उमर का चचेरा भाई बताया, मुख्य द्वार से बाहर आए और रिपोर्टर को घर के अंदर ले गए.

नबी के निचले छत वाले कमरे के अंदर, सीएल घई द्वारा लिखित प्रैक्टिकल फिजियोलॉजी और जेम्स एस. रॉस द्वारा लिखित ग्राउंडवर्क ऑफ एजुकेशनल थ्योरी की किताब थी, जो अन्य पुस्तकों के उलटे-पुल्टे ढेर के ऊपर पड़ी थीं. इसके अलावा कमरे में दस्तावेज़ फ़ोल्डर, कुछ गद्दे, दो रजाइयां, प्लास्टिक की थैलियां और कुकिंग ऑइल का एक खाली डिब्बा पड़ा हुआ था.
युवक ने बताया कि कमरे की यह अव्यवस्थित स्थिति सुरक्षा बलों द्वारा हाल ही में की गई छापेमारी का नतीजा थी.

इस परिवार की गरीबी कमरे की जर्जर जिप्सम प्लास्टर की दीवारों से साफ़ झलकती है, जिन पर कभी रंग-रोगन नहीं किया गया. सफेद प्लास्टर, जो जगह-जगह से उखड़ रहा है, पर सालों की गंदगी साफ़ दिखाई देती है.

कमरे की दो खिड़कियों में से एक के फ्रेम के आसपास की खाली जगहों को ढकने के लिए, ऐसा लगता है कि प्लास्टर की एक परत अभी-अभी लगाई गई है, और वह भी सिर्फ हाथों से.

युवक ने कहा, ‘वह ऐसे डॉक्टर थे जो मरीज़ों की हालत का अंदाज़ा सिर्फ़ उन्हें देखकर लगा लेते थे. वह हम सबके लिए एक आदर्श थे.’

‘आतंकी मॉड्यूल’

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पहले दावा किया था कि उसने एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में दो डॉक्टरों – अदील अहमद भट और मुज़म्मिल शकील गनी – को क्रमशः सहारनपुर और फरीदाबाद से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद के साथ गिरफ्तार किया गया है.

मालूम हो कि मुज़म्मिल शकील गनी भी कोइल के रहने वाले हैं.

उनके पिता शकील अहमद गनी का घर गांव के हुइरपोरा इलाके में नबी के घर से लगभग 300 मीटर की दूरी पर स्थित है. यह घर तीन-चार घरों के समूह में स्थित है, जो नीले रंग से रंगे एक आम लोहे के गेट से मुख्य सड़क से जुड़े हैं.

दो मंजिला मकानों का यह समूह एक विस्तृत परिसर को घेरे हुए है जिसमें तीन हैचबैक कारें खड़ी हैं.

गनी एक संपन्न सेब किसान हैं, जिन्होंने कई लाख रुपये देकर एक ‘पेमेंट सीट’ खरीदी ताकि उनका बेटा जम्मू के आचार्य श्री चंदर कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड हॉस्पिटल में मेडिकल की पढ़ाई कर सके.
2016-17 में अपनी एमबीबीएस की डिग्री पूरी करने के बाद, इस युवा ने श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में कुछ समय तक काम किया. इसके बाद वह फरीदाबाद के अल फ़लाह विश्वविद्यालय चले गए, जहां उन्होंने अपनी डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड की स्नातकोत्तर डिग्री के तहत सीनियर रेजिडेंट के रूप में काम किया.

इस युवा डॉक्टर को जम्मू-कश्मीर आतंकी मॉड्यूल मामले में फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था.

द वायर से बात करते हुए असमत शकील ने अपने भाई को ‘दयालु और धार्मिक’ इंसान बताया, जो पेशेवर जीवन में सफलता हासिल करने के बावजूद अपनी जड़ों से जुड़ा रहा.

शकील ने द वायर को बताया, ‘वह फरीदाबाद में बहुत से गरीब मरीज़ों को देखता था. कभी-कभी वह उनकी कहानियां हमसे साझा करता और सलाह देता कि जो कुछ हमारे पास है, उसके लिए हमें ऊपरवाले का शुक्रगुज़ार रहना चाहिए.’

शकील के भाई ने इन आरोपों का खंडन किया कि उनका भाई आतंकी मॉड्यूल का सदस्य था.

उन्होंने बताया कि शकील की 9-10 नवंबर को शादी होनी थी. उनका ध्यान हमेशा पढ़ाई पर केंद्रित रहता था. मीडिया जो रिपोर्ट कर रहा है, वह सब झूठ है.’

उन्होंने आगे बताया कि शकील को पुलिस हिरासत में लिए जाने के बाद शादी का समारोह अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है.

‘हम बर्बाद हो गए हैं’

लाल किला विस्फोट के दो दिन बाद भी उमर नबी के घर पर रिश्तेदारों और पड़ोसियों का तांता लगा हुआ है. उमर फिलहाल लापता हैं. हालांकि, अधिकारियों ने अभी तक कार चालक की पहचान की पुष्टि नहीं की है. उनके घर में गहरे शोक का माहौल है.

सुरक्षा एजेंसियों के हवाले से अपुष्ट रिपोर्टों में कहा गया है कि उमर नबी सोमवार शाम से ही फरार है.

एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लाल किले के पास हुए विस्फोट में कम से कम 13 लोगों की जान लेने वाली कार के क्षतिग्रस्त अवशेषों से बरामद संदिग्ध मानव अवशेषों के साथ नबी की मां के नमूनों का मिलान करने के लिए डीएनए परीक्षण किया गया था.

इस मामले में लखनऊ की एक महिला डॉक्टर को भी गिरफ्तार किया गया है और कई चिकित्सकों से पूछताछ की गई है.

हालांकि, आधिकारिक तौर पर इसे दिल्ली विस्फोट से नहीं जोड़ा गया है.

10 नवंबर को हुए विस्फोट के बाद से कोइल स्थित भट के घर पर सुरक्षा बलों और पत्रकारों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है, और अपुष्ट रिपोर्टों में उनके बेटे और एक होनहार युवा डॉक्टर को ‘आत्मघाती हमलावर’ के रूप में पेश करने की कोशिश की जा रही है.

परिवार ने पुष्टि की है कि सुरक्षा एजेंसियों द्वारा कार विस्फोट मामले के संभावित संदिग्ध के रूप में लीक की गई तस्वीर में दिख रहा दाढ़ी वाला युवक वास्तव में उमर नबी ही थे.

भट और उनकी पत्नी से पुलिस ने उनके बेटे के लापता होने के सिलसिले में पूछताछ की, जबकि उनके दो अन्य बेटों को हिरासत में लिया गया है. भट ने अपने डॉक्टर बेटे के दिल्ली विस्फोट से जुड़े होने के आरोपों का खंडन किया है.

जब घर पर मौजूद एक रिपोर्टर ने पूछताछ करने की कोशिश की, तो पूर्व शिक्षक के भाई और नबी के चाचा ने उसे बीच में ही रोक दिया.

उन्होंने कहा, ‘हम बर्बाद हो गए हैं. इससे ज़्यादा क्या कह सकते हैं?’

चाचा के इस जवाब पर रिपोर्टर ने असहज चुप्पी साध ली.