श्रीनगर के नौगाम थाने में शुक्रवार रात को हुए धमाके में एक एसआईए अधिकारी, तीन एफएसएल विशेषज्ञ, दो राजस्व विभाग के अधिकारी, दो पुलिस फ़ोटोग्राफ़र और एक दर्जी सहित नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि दो दर्जन से ज़्यादा लोग घायल हो गए. बताया गया है कि यह विस्फोट फरीदाबाद ‘आतंकी मॉड्यूल’ केस में हुई बरामद सामग्री को पेश करने की तैयारी के दौरान हुआ.

श्रीनगर: मिली जानकारी के अनुसार, शुक्रवार (14 नवंबर) को जब जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) के जांचकर्ताओं का एक समूह, जम्मू-कश्मीर के राजस्व विभाग के अधिकारी और एक दर्जी श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में फरीदाबाद ‘आतंकी मॉड्यूल’ मामले में हुई बरामदगी का प्रदर्शन तैयार कर रहे थे, वहां जबर्दस्त विस्फोट हुआ.
जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक नलिन प्रभात ने शनिवार सुबह श्रीनगर में पत्रकारों को बताया कि विस्फोट ‘आकस्मिक’ था, साथ ही उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए विस्फोट के कारण के बारे में ‘कोई भी अन्य अटकलें’ अनावश्यक हैं.
डीजीपी ने कहा कि इस सप्ताह की शुरुआत में फरीदाबाद से बरामद 2900 किलोग्राम विस्फोटक और अन्य सामग्री को ‘नौगाम पुलिस स्टेशन के खुले क्षेत्र में सुरक्षित रूप से ले जाया और रखा गया था.’
उन्होंने कहा, ‘निर्धारित प्रक्रिया के तहत बरामदगी के नमूने को आगे की जांच के लिए भेजा जाना था. बरामदगी की मात्रा बहुत ज़्यादा होने के कारण यह प्रक्रिया गुरुवार से चल रही थी. बरामदगी की अस्थिर और संवेदनशील प्रकृति को देखते हुए, नमूना लेने की प्रक्रिया और संचालन एफएसएल टीम द्वारा अत्यंत सावधानी से किया जा रहा था. हालांकि, दुर्भाग्य से एक दुर्घटना घट गई.’
प्रभात ने बताया कि विस्फोट में एक एसआईए अधिकारी, तीन एफएसएल विशेषज्ञ, दो राजस्व विभाग के अधिकारी, दो पुलिस फ़ोटोग्राफ़र और एक दर्जी सहित नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि दो दर्जन से ज़्यादा लोग घायल हो गए.
डीजीपी ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान पत्रकारों के सवालों के जवाब नहीं दिए.
मृत एसआईए अधिकारी की पहचान असरार-उल-हक के रूप में हुई है, जिन्होंने कल रात श्रीनगर स्थित अपने आवास पर अपनी पत्नी से कहा था कि वह अपना काम खत्म करके 10 मिनट में लौट आएंगे. प्रभात ने कहा कि विस्फोट के कारण पुलिस स्टेशन की इमारत ‘बुरी तरह क्षतिग्रस्त’ हो गई.
डीजीपी ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर पुलिस इस दुख की घड़ी में मृतकों के परिवारों के साथ है.’
एक सूत्र ने बताया कि नौगाम पुलिस स्टेशन के थाना प्रभारी की जान बाल-बाल बच गई क्योंकि वह विस्फोट से कुछ क्षण पहले रात लगभग 11.20 बजे उस इलाके से बाहर चले गए थे जहां जांचकर्ता प्रदर्शनियां तैयार कर रहे थे.
एक सूत्र ने बताया कि मरने वालों में एक नागरिक मोहम्मद शफी पार्रे भी शामिल हैं, जो दर्ज़ी का काम किया करते थे. वे वहां इसलिए थे कि सामग्री को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए जाने के बाद उसे सिलकर पैक कर दें. मगर ऐसा होने से पहले ही सब कुछ आग की लपटों में घिर गया और वहां अफरा-तफरी मच गई.
जम्मू-कश्मीर पुलिस की एक टीम ने फरीदाबाद पुलिस के साथ मिलकर इस सप्ताह की शुरुआत में जैश-ए-मोहम्मद और अंसार ग़ज़वत-उल-हिंद द्वारा कथित रूप से संचालित ‘अंतर-राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय’ ‘आतंकी मॉड्यूल’ के संदिग्ध ठिकाने से लगभग 2900 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री, उपकरण, रसायन और बैटरियां बरामद की थीं.
बाद में यह मामला जम्मू-कश्मीर पुलिस की आतंकवाद निरोधी इकाई एसआईए को सौंप दिया गया. बरामद सामान, जिन्हें कथित तौर पर ‘आतंकी मॉड्यूल’ के सदस्यों ने बाल्टियों और ब्रीफकेस में रखा था, इस सप्ताह की शुरुआत में श्रीनगर लाए गए.
नौगाम और आसपास के इलाकों के कुछ निवासियों ने बताया कि वे भीषण विस्फोट से जाग गए, जिसकी आवाज़ श्रीनगर और उससे सटे दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के अधिकांश हिस्सों में सुनी गई.
एक अधिकारी ने बताया कि विस्फोट में पुलिस थाना बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, जबकि परिसर में खड़ी कई कारें भी आग की चपेट में आ गईं.
विस्फोट स्थल पर शूट किए गए कुछ वीडियो में बचावकर्मी पुलिस थाने में लगी भीषण आग से घायलों को निकालने के लिए संघर्ष करते दिखाई दे रहे हैं.
नौगाम के एक स्थानीय निवासी, जिन्होंने नाम न छापने की शर्त पर द वायर को बताया कि पहले भीषण विस्फोट में इलाके के कई रिहायशी घर क्षतिग्रस्त हो गए और उसके बाद कम तीव्रता वाले कई विस्फोट हुए.
माना जा रहा है कि कम तीव्रता वाले विस्फोटों के कारण बचावकर्मियों को घायलों को निकालने में दिक्कत हुई, जिन्हें बाद में श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल और नौगाम के उजाला सिग्नस अस्पताल ले जाया गया.
ऊपर उल्लेख किए गए अधिकारी ने कहा, ‘उनमें से कुछ की हालत गंभीर है.’ पुलिस अधिकारियों और फॉरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम ने श्रीनगर में विस्फोट स्थल की घेराबंदी कर दी है.
फरीदाबाद ‘आतंकी मॉड्यूल’ मामले में अब तक दो कश्मीरी डॉक्टरों – डॉ. मुज़म्मिल शकील और डॉ. अदिल अहमद राठेर, क्रमशः हरियाणा और उत्तर प्रदेश से – की गिरफ़्तारी हुई है, जबकि दुबई का एक अन्य डॉक्टर फ़रार है. इस मामले में लखनऊ की एक महिला डॉक्टर को भी गिरफ़्तार किया गया है.
10 नवंबर को ‘आतंकी मॉड्यूल’ का भंडाफोड़ होने के कुछ ही घंटों बाद लाल किले के आसपास पुरानी दिल्ली के भीड़भाड़ वाले इलाके में एक मेट्रो स्टेशन के पास एक भीषण विस्फोट हुआ, जिसमें कम से कम 13 लोग मारे गए और दो दर्जन से ज़्यादा घायल हो गए.
इस हफ़्ते की शुरुआत में हुई कैबिनेट बैठक के बाद केंद्र ने कहा था कि इस विस्फोट को आतंकवादी घटना माना जा रहा है.
अधिकारियों के अनुसार, यह विस्फोट एक हुंडई कार से हुआ था, जिसे कथित तौर पर फरीदाबाद के अल फलाह विश्वविद्यालय में कार्यरत एक कश्मीरी डॉक्टर डॉ. उमर नबी चला रहे थे, जिनके बारे में माना जाता है कि वे फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा हैं.
हालांकि, अधिकारियों ने लाल किले में हुए विस्फोट के बाद से लापता नबी का अभी तक फरीदाबाद मामले से कोई संबंध नहीं बताया है.
मीडिया में अज्ञात अधिकारियों के हवाले से आई खबरों के अनुसार, लाल किला विस्फोट में शामिल कार के डीएनए नमूने नबी की मां से मेल खा गए हैं, लेकिन इसकी भी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
इससे पहले नौगाम की एक स्थानीय मस्जिद के इमाम और आतंकवादियों के एक संदिग्ध सक्रिय कार्यकर्ता के साथ-साथ तीन युवकों को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया था.