शारीरिक दक्षता से कानून तक की पढ़ाई, पुलिस वसूलेगी 1.64 करोड़.

भोपाल/मंगल भारत
ग्वालियर मप्र पुलिस की प्रशिक्षण पद्धति दूसरे विभाग और राज्यों को भी आकर्षित कर रही है। राजस्थान के बाद अब सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स ने अपने नव-भर्ती 220 हवलदारों को अपराधियों से प्रभावी ढंग से निपटने के गुर सिखाने के लिए मप्र पुलिस की मदद ली है। 16 दिसंबर से शुरू होने वाला यह प्रशिक्षण जवाहरलाल नेहरू पुलिस अकादमी (जेएनपीए) सागर में तीन महीने का होगा। इसके एवज में मप्र पुलिस को 1.64 करोड़ फीस मिलेगी। प्रदेश में पुलिस की ट्रेनिंग का तरीका अब इतना प्रभावी हो चुका है कि यह दूसरे राज्यों के लिए एक मॉडल बन रहा है। हालही में राजस्थान पुलिस ने भी अपने 1000 जवानों की ट्रेनिंग का जिम्मा मप्र पुलिस को सौंपा था। यह ट्रेनिंग फरवरी से शुरू होने की उम्मीद है। अब सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स ने भी नव हवलदारों को पुलिस प्रशिक्षण दिलाने पत्र लिखा है।
सीखेंगे फिजिकल ट्रेनिंग के साथ कानूनी प्रक्रिया
जेएनपीए सागर में नारकोटिक्स के 220 हवलदार तीन महीने की अवधि के लिए प्रशिक्षण लेंगे। इस ट्रेनिंग को दो मुख्य भागों में बांटा गया है- इसमें शारीरिक दक्षता, वर्दी पहनने का तरीका, हथियार चलाने का अभ्यास और अपराधियों से जूझने के गुर सिखाए जाएंगे। पुलिस के ट्रेनर हवलदारों को शारीरिक तौर पर मजबूत बनाने पर विशेष ध्यान देंगे।