मंत्रियों में विजय शाह और आईएएस में संतोष वर्मा पर सरकार की किरकिरी

शाह को कोर्ट से राहत, वर्मा के खिलाफ नेता एकजुट

भोपाल/मंगल भारत
आए दिन प्रदेश के कुछ मंत्रियों और अधिकारियों का कार्य व्यवहार सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है। पहले कैबिनेट मंत्री विजय शाह की कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर की गई टिप्पणी के बाद शाह पर कार्रवाई को लेकर सरकार के निर्णय लेने की क्षमता पर सवाल उठे थे। अब आईएएस संतोष वर्मा के बयान ने मुसीबत बढ़ाई है। मंत्री शाह का मामला कोर्ट में चला गया, इसलिए सरकार का पीछा छूट गया, लेकिन दूसरे मामले में देशभर के कई नेता कार्रवाई की मांग कर रहे है, सरकार निर्णय नहीं ले पाई है।
दोनों मांग चुके हैं माफी
मैत्री विजय शाह और आईएएस संतोष वर्मा, दोनों ही अपने बयानों का विरोध होने के बाद मीडिया के सामने आए और माफी मांग चुके हैं। चूंकि शाह को लेकर मामला कोर्ट में है इसलिए विरोध बंद खत्म हो गया है लेकिन वर्मा का विरोध लगातार हो रहा है।
मंत्री विजय शाह: मंत्री: विजय शाह ने एक कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर में कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की। हालांकि मामले में 14 मई को हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया तो पुलिस को एफआईआर दर्ज करनी पड़ी। मामला सुप्रीम कोर्ट में है। तब से सरकार यह कहकर बच रही है कि मामला कोर्ट में है, जो निर्णय आएगा, उसका सम्मान किया जाएगा।

आईएएस संतोष वर्मा: 23 नवंबर को आईएएस संतोष वर्मा को अजाक्स का अध्यक्ष बनाया गया। कुछ ही समय बाद उन्होंने अजाक्स के प्रांतीय सम्मेलन में कहा कि जब तक जब तक कोई ब्राह्मण नेता मेरे बेटे के लिए बेटी न दे या संबंध न बना दे, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए।
वर्मा के समर्थन में आए कई लोग
आईएएस वर्मा का एक ओर विरोध हो रहा है तो आदिवासी समाज के कुछ संगठन और लोग समर्थन भी कर रहे हैं। दतिया आए यूपी के नेता चंद्रशेखर ने भी समर्थन किया है। दूसरी ओर दोनों दलों के कई ब्राह्मण नेता आठ दिन में दूसरी बार रविवार को सीएम डॉ. मोहन यादव से मिलकर कार्रवाई की मांग की।