सीबीआई ने रिलायंस होम फाइनेंस और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस के साथ-साथ उनके पूर्व निदेशकों के ख़िलाफ़- जिनमें उद्योगपति अनिल अंबानी के बेटे जय अनमोल अंबानी भी शामिल हैं – दो अलग-अलग बैंक फ्रॉड मामलों में केस दर्ज किया और उनके परिसरों पर तलाशी ली.

नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार (9 दिसंबर) को रिलायंस होम फाइनेंस और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस के साथ-साथ उनके पूर्व निदेशकों के खिलाफ – जिनमें उद्योगपति अनिल अंबानी के बेटे जय अनमोल अंबानी भी शामिल हैं – दो अलग-अलग बैंक धोखाधड़ी मामलों में केस दर्ज किया और उनके परिसरों पर तलाशी ली.
प्रेस में जारी बयान के अनुसार, मुंबई में रिलायंस होम फाइनेंस के दो परिसरों के साथ-साथ उसके पूर्व निदेशक जय अनमोल और पूर्व सीईओ रविंद्र सुधालकर के आवासीय परिसरों की तलाशी के दौरान ‘कई अपराध संबंधी दस्तावेज़ मिले.’
सीबीआई ने बताया कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत के आधार पर रिलायंस होम फाइनेंस के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. बैंक का आरोप है कि कंपनी ने उसे 228.06 करोड़ रुपये का अनुचित नुकसान पहुंचाया. एजेंसी ने कंपनी, उसके प्रवर्तकों/निदेशकों और अज्ञात बैंक अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और आपराधिक कदाचार की धाराएं लगाई हैं.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर 2019 में बैंक द्वारा रिलायंस होम फाइनेंस के ऋण खाते को गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) घोषित किए जाने के बाद कराई गई फॉरेंसिक जांच में ‘उधार लिए गए धन के व्यवस्थित दुरुपयोग/डायवर्जन’ की ओर संकेत मिला. इसके बाद बैंक ने अक्टूबर 2024 में इस ऋण खाते को ‘फ्रॉड’ घोषित कर दिया.
रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस के मामले में बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने कंपनी पर 57.47 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है.
सीबीआई के बयान के अनुसार, कंपनी के खिलाफ भी आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और आपराधिक कदाचार की धाराएं लगाई गई हैं. इस कंपनी का ऋण खाता मार्च 2020 में एनपीए और 4 अक्टूबर 2025 को ‘फ्रॉड’ घोषित किया गया था. तलाशी के दौरान यहां भी अपराध से संबंधी दस्तावेज़ पाए गए.
दोनों कंपनियों का 2022-23 में कर्ज समाधान प्रक्रिया के तहत ऑथुम इन्वेस्टमेंट्स एंड इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा अधिग्रहण कर लिया गया था.
इस बीच, दिवालिया हो चुकी रिलायंस कम्युनिकेशंस ने मंगलवार को शेयर बाजारों को दी गई जानकारी में कहा कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने इस महीने की शुरुआत में उसके और उसकी सहायक कंपनी रिलायंस टेलीकॉम के ऋण खातों को ‘धोखाधड़ीपूर्ण’ घोषित कर दिया है.
ये मामले अनिल अंबानी के लिए एक और बड़ा झटका माने जा रहे हैं. वह भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के छोटे भाई हैं और कभी उन्हें नरेंद्र मोदी सरकार के क़रीबी के रूप में देखा जाता था.