नए साल में लागू होगी वेतन आहरण की नई व्यवस्था
भोपाल/मंगल भारत

मप्र में अधिकारी और कर्मचारियों के वेतन मिलने में हो रही देरी से निजात दिलाने के लिए सरकार नए साल में वेतन आहरण की नई व्यवस्था लागू करने जा रही है। जानकारी के अनुसार, अब सेन्ट्रल-पे प्रोसेसिंग सिस्टम से वेतन का भुगतान किया जाएगा। इसकी सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कोष लेखा कमिश्नर के अनुसार नए साल में इसी सिस्टम के अंतर्गत काम होगा। यह व्यवस्था माह दिसंबर 2025 के वेतन (भुगतान माह जनवरी 2026 में) से प्रारंभ की जाएगी। इस कारण सभी विभागों के अंतर्गत समस्त आहरण एवं संवितरण अधिकारियों को केन्द्रीकृत वेतन प्रोसेसिंग की प्रक्रिया का पालन करने के संबंध में आवश्यक निर्देश देने का पालन करना होगा।
जानकारी के अनुसार, सैलरी में निरंतर होते विलंब को लेकर अब नया सिस्टम तैयार किया गया है। इसके लिए सेंट्रलाइज-पे प्रोसेसिंग (केन्द्रीयकृत चेतन प्रक्रिया) शुरू की गई है। इसी के तहत इनका भुगतान किया जाएगा। नूतन वर्ष के जनवरी माह से यह व्यवस्था प्रारंभ की जाएगी ताकि लोक सेवकों को समय पर वेतन मिल सके। इसके लिए कोष-लेखा विभाग ने जो पत्र लिखा है उसमें पूरी स्थिति को स्पष्ट किया गया है। पत्र में कोष एवं लेखा कमिश्नर ने उल्लेख किया है कि वर्तमान में प्रदेश के नियमित एवं गैर नियमित कर्मचारियों के वेतन भुगतान हेतु आहरण एवं संवितरण अधिकारी (डीडीओ) द्वारा आईएफएमआईएस के पे-रोल मॉड्यूल से वेतन जनरेट किया जाता है, फिर वेतन देयक भुगतान हेतु कोषालय को प्रेषित किये जाते है।
समय सीमा में नहीं की जाती पे-रोल जनरेशन की कार्यवाही
कोष एवं लेखा कमिश्नर ने उल्लेख किया है कि संज्ञान में आया है कि अनेक डीडीओ द्वारा पे-रोल (वेतन) जनरेशन की कार्यवाही समय सीमा में नहीं की जा रही है। जबकि वेतन सम्बन्धी कार्यवाही निर्धारित समय-सीमा में होनी चाहिए। मप्र कोषालय संहिता 2020 के स.नि. 109 (3) के अनुसार वेतन आहरण हेतु प्रत्येक माह की 20 तारीख से कोषालय में देयक प्रस्तुत किये जा सकते है। उक्त स्थिति के दृष्टिगत समस्त कैडर के कर्मचारियों को प्रत्येक माह की एक तारीख को वेतन प्रदान करने हेतु आईएफएमआईएस के माध्यम से केन्द्रीकृत वेतन प्रोसेसिंग (सेंट्रलाइज्ड-पे प्रोसेसिंग की सुविधा विकसित की गई है। इससे प्रत्येक डीडीओ को पृथक से पे-रोल जनरेशन का कार्य नहीं करना होगा तथा आवश्यक संशोधन पेरोल में करते हुए देयक लगाए जा सकेंगे। इस प्रकार वेतन आहरण में समयबद्धता तथा त्वरित गति सुनिश्चित की जा सकेगी। कोष लेखा कमिश्नर ने कहा है कि नए साल में इसी सिस्टम के अंतर्गत काम होगा। यह व्यवस्था माह दिसंबर 2025 के वेतन (भुगतान माह जनवरी 2026 में) से प्रारंभ की जाएगी। इस कारण सभी विभागों के अंतर्गत समस्त आहरण एवं संवितरण अधिकारियों को केन्द्रीकृत वेतन प्रोसेसिंग की प्रक्रिया का पालन करने के संबंध में आवश्यक निर्देश देने का पालन करना होगा।