‘वोट चोरी’ के ख़िलाफ़ रैली: राहुल बोले- चुनाव आयुक्त न भूले कि वे देश के हैं, मोदी के नहीं

दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को कांग्रेस ने कथित वोट चोरी के ख़िलाफ़ ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ महारैली का आयोजन किया था. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपने वक्तव्य में चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त- सुखबीर सिंह और विवेक जोशी भाजपा के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.

नई दिल्ली: दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार (14 दिसंबर) को कांग्रेस ने कथित वोट चोरी के ख़िलाफ़ ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ महारैली का आयोजन किया था. इस रैली में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ बड़ी संख्या में पार्टी के दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा के कार्यकर्ता भी शामिल हुए.

खबर के मुताबिक, इस रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस के सभी बड़े नेताओंं ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), निर्वाचन आयोग और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को निशाने पर लिया और नरेंद्र मोदी-आरएसएस सरकार को हटाने का संकल्प किया.

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपने वक्तव्य में चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त- सुखबीर सिंह और विवेक जोशी भाजपा के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.

उन्होंने आगे कहा, ‘पीएम ने इनके लिए कानून बदला है. हम इस कानून को बदलेंगे और इन लोगों के खिलाफ एक्शन लेंगे. इन लोगों को नहीं भूलना चाहिए कि ये देश के इलेक्शन कमिश्नर हैं, भाजपा के नहीं.’

इस दौरान राहुल गांधी ने आरएसएस पर भी हमला बोला और कहा कि मोहन भागवत कहते हैं कि विश्व सत्य को नहीं, शक्ति को देखता है. सत्य का मतलब नहीं है, केवल सत्ता जरूरी है. ये आरएसएस की विचारधारा है. लेकिन महात्मा गांधी कहते थे कि सत्य सबसे जरूरी है. हमारे धर्म में सत्य को सबसे जरूरी माना जाता है. और हमारी पार्टी सत्य के साथ खड़ी है.

‘मनुस्मृति की विचारधारा देश को खत्म कर देगी’

राहुल गांधी ने आगे कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की मनुस्मृति की विचारधारा देश को खत्म कर देगी. मोदी और शाह संविधान को खत्म कर रहे हैं. हिंदुत्व के नाम पर वे लोग गरीबों को गुलामी में रखना चाहते हैं. देश को आज़ादी कांग्रेस ने दिलाई, मोदी तब पैदा भी नहीं हुए थे.

राहुल गांधी के अनुसार, ‘कांग्रेस के डीएनए में सत्य है, उनके (भाजपा-आरएसएस) डीएनए में असत्य और वोट चोरी है. वोट चोरी आंबेडकर के संविधान पर हमला है. ये लोग वोट चोरी करके सरकार चलाते हैं. नोटबंदी, जीएसटी से छोटे व्यापारियों को मारा है. ये सबकुछ इसलिए हो रहा, क्योंकि वोट चोरी हो रही है. ये लोग वोट चोरी नहीं करते तो 5 मिनट में सरकार से बाहर हो जाते.’

राहुल गांधी ने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को निशाने पर लेते हुए कहा कि मोदी और शाह वोट चोरी करके चुनाव जीतते हैं, सब जानते हैं. कर्नाटक में लाखों वोट डिलीट हुए. महाराष्ट्र में जोड़े गए. चुनाव आयोग ने कोई जवाब नहीं दिया. इस देश में सत्य की जीत होने वाली है. नफ़रत से नहीं, हिंसा से नहीं, सत्य अहिंसा के साथ मोदी शाह को हराएंगे.

राहुल ने आरोप लगाया कि हरियाणा के लोगों के हाथों से चुनाव चोरी किया गया है. ब्राजील की महिला 22 बार वोट देती है. यूपी के लोग आकर वहां वोट करते हैं. इधर भी वोट करते हैं उधर भी वोट करते हैं. चुनाव आयोग ने हमें कोई जवाब नहीं दिया. एक महिला 200 बार वोट कैसे देती है. एक घर में 600-700 लोग कैसे हैं.

उन्होंने कहा, ‘संसद में अमित शाह के हांथ कांप रहे थे. मैंने अमित शाह को चैलेंज किया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस पर चर्चा करते हैं. देश की जनता सत्य को समझती है. इनके हाथ से जैसे ही सत्ता जाएगी इनकी बहादुरी भी चली जाएगी. ये दो तीन अरबपतियों के लिए काम करते हैं.’
हम हारे हैं, लेकिन हमारी विचारधारा जिंदा है: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी रैली को संबोधित किया और कहा कि उनकी पार्टी ने देश के कोने-कोने से कथित वोट चोरी के खिलाफ छह करोड़ हस्ताक्षर एकत्र किए हैं और इन्हें भारत के राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा.

खरगे ने आगे कहा कि हम सब मिलकर काम करेंगे तो मोदी कहीं नजर नहीं आएंगे. मोदी जीतने के बाद बहुत बड़ा भाषण करते हैं. हम हारे हैं, लेकिन हमारी विचारधारा जिंदा है. एक बार वो हारे तो उनका नामो-निशान नहीं मिलेगा. मैं केरल के लोगों को बधाई देता हूं, उन्होंने एनडीए को कुचल दिया.

खरगे के मुताबिक, ‘भाजपा हर बात पर प्रचार करती है. आरएसएस-भाजपा जो बीज बो रही है वो खतरनाक है. गरीब के लिए सबसे बड़ा खतरा है. संविधान ने आपको जो वोट का अधिकार दिया है, वही चला गया तो आप क्या करेंगे. ये सरकार गरीब के बारे में नहीं सोचती है अमीरों के लिए सोचती है. हमारी लड़ाई वोट चोरी करने वालों के खिलाफ है.’

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, ‘कांग्रेस की विचारधारा ही देश को बचा सकती है. राहुल गांधी देश के लिए लड़ रहे हैं, उस लड़ाई को हमें मजबूत करना होगा. अगर आप (जन) उन विचारों को मजबूत नहीं करेंगे, तो आपका नुकसान है उनका नहीं. अगर देश बचाना है तो आप अपने लिए खड़ें हों.’

मल्लिकार्जुन खरगे ने वंदेमातरम पर बोलते हुए कहा कि इन लोगों ने (केंद्र सरकार) ने हमारा वंदेमातरम भी चोरी किया है. ये लोग नेहरू-पटेल के बीच दरार पैदा करते हैं. गांधी-नेहरू आंबेडकर पर हमला बोलते हैं. इन गद्दारों को आपको हटाना होगा.

वे चाहते हैं कि हम राष्ट्रगीत पर बहस करें, बेरोज़गारी, पेपर लीक या महंगाई पर नहीं: प्रियंका गांधी

वहीं, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि आज न्यायालय पर दबाव है. सारी मीडिया अंबानी-अडानी की है. कांग्रेस के नेताओं को तरह-तरह के आरोप लगाकर जेल में बंद किया गया. जो उनकी पार्टी में शामिल हो गए, उसे उनकी वॉशिंग मशीन ने साफ कर दिया.

प्रियंका गांधी के अनुसार, ‘आज पीएम मोदी बड़े-बड़े राष्ट्रपतियों के साथ हाथ में हाथ डालकर फोटो खिंचाते हैं, लेकिन जनता के साथ नहीं खड़े होते हैं. ये आपसे नहीं पूछ सकते कि आपके दुख क्या हैं. संसद में इनका आत्मविश्वास घट जाता है. आंख से आंख नहीं मिला पाते. जनता का विश्वास मोदी शाह से हट चुका है. आज इनको चुनाव आयोग की जरूरत है, इसके बिना ये नहीं जीत सकते. पीएम ऑफिस के अधिकारी बेटिंग ऐप चला रहे थे, इसकी चर्चा क्यों नहीं होती. जो इतने सालों में हमने बनाया, इन्होंने सब बिखेर दिया.’

प्रियंका ने कहा, ‘इस देश के युवा बेरोज़गारी, महंगाई, पेपर लीक और नशे की समस्या से जूझ रहे हैं और दिनभर सट्टेबाजी ऐप्स पर समय बिता रहे हैं और यह सट्टेबाजी ऐप कहां से चल रहा है? सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री कार्यालय का एक व्यक्ति इसमें गड़बड़ियां कर रहा है. क्या इस पर संसद में चर्चा होती है? नहीं. वे चाहते हैं कि हम राष्ट्रगीत पर बहस करें, बेरोज़गारी, पेपर लीक या महंगाई पर नहीं.’
प्रियंका ने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हरियाणा कर्नाटक की बात बताई. बिहार में 65 लाख वोट काट दिए गए. आचार सहिंता के समय 10-10 हजार पहुंचाए गए. ये चुनाव चोरी ही है. ये एक चुनाव बैलट पर लड़ लें, तो हार जाएंगे.

प्रियंका ने आगे कहा, ‘चुनाव आयोग के तीनों अधिकारी के नाम याद रखिएगा. पूरा विपक्ष कह रहा है कि चुनाव सही से नहीं हो रहे हैं. पूरे प्रोसेस को संदिग्ध बना दिया है. सारी संस्थाएं इनके सामने झुक गई हैं. ये देश चुनाव आयोग के तीनों अधिकारियों को नहीं भूलेगा. सरकार कोई भी इंतजाम कर ले इनको बचाने की ये नहीं बचेंगे.’

इस रैली में तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी भी शामिल हुए थे. उन्होंने अपने भाषण में कहा कि जब संविधान बनाया गया तो उसमें दलितों, अल्पसंख्यकों के लिए वोट देने का हक दिया गया. आरएसएस ने इसका विरोध किया था. उसी विचारधारा के साथ नरेंद्र मोदी ने सरकार बनाई. इसी संविधान को बदलने के लिए उन्होंने 400 सीट मांगी. उनकी 240 सीटें आने से संविधान बच गया. अब वो एसआईआर के बहाने माइनॉरिटी के वोट काट रहे हैं. आज राहुल गांधी दलितों और अल्पसंख्यों के साथ खड़े हैं और मोदी-अमित शाह के खिलाफ लड़ रहे हैं.
विपक्ष की आवाज़ को दबाया जा रहा है: सचिन पायलट

इस मौके पर कांग्रेस के महासचिव सचिन पायलट ने कहा, ‘आज हम देश की सरकार को चुनौती देने के लिए साथ आए हैं. मैं सरकार से कहना चाहता हूं कि आपने जो संस्थाओं पर कब्जा किया हुआ है अब वो नहीं चलेगा. ये ताकत और पक्षपात से चुनाव जीतना चाहते हैं. दुनिया में भारत को लोकतंत्र का उदाहरण मानते हैं.’

उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी ने इतनी बार सबूत दिए लेकिन चुनाव आयोग ने कोई जांच नहीं की. हमें आंदोलन के लिए सड़क पर आना होगा. विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है. सैकड़ों बीएलओ ने आत्महत्या कर ली. लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं है.

लोकसभा में सदन के उपनेता गौरव गोगोई ने रैली में कहा कि वोट चोरी की गूंज हमने सदन के अंदर सुनी, चुनाव आयोग भाजपा की कठपुतली बन चुका है. सत्ता में बैठे लोग सुन लें कि उनकी चोरी को पकड़ने के लिए कांग्रेस का कार्यकर्ता लड़ाई लड़ेगा.

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भुपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पूरे देश में राहुल गांधी के नेतृत्व में आंदोलन चलाएंगे और लोगों को बताएंगे कि ये सरकार वोट चोरी से बनी है. राहुल हमेशा से इस मुद्दे को उठाते आए हैं. रैली में आए सभी लोगों से आग्रह करता हूं की हमारी बात गांव गांव तक पहुंचाएं.

भाजपा ने पोस्टर से राहुल पर तंज कसा

उधर, भाजपा ने कांग्रेस की इस रैली पर तंस कसते हुए एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में कहा, ‘तुम घुसपैठियों की सेवा में लगे रहो, हम देश की जनता की सेवा करते रहेंगे.’

भाजपा प्रवक्ता अमित मालवीय ने कहा- राहुल गांधी हारने पर ईवीएम और वोट चोरी पर सवाल उठाते हैं, लेकिन जीत मिलने पर वही प्रक्रिया मान लेते हैं. बिना सबूत चुनाव नतीजों पर सवाल उठाना गलत है और इससे लोकतंत्र और जनता का भरोसा कमजोर होता है.