भाजपा की तरह अब कांग्रेस भी इस साल होने वाले चुनाव के लिए घोषणा पत्र की जगह वचन पत्र लाने की तैयारी कर रही है। भाजपा पहले से ही घोषणा पत्र की जगह दृष्टि पत्र लाती है। कांग्रेस इसके लिए पहले से ही समिति का गठन कर चुकी है। इसके लिए मुद्दों की तलाश का काम शुरु कर दिया गया है। समिति इसके लिए सभी वर्गों से राय लेकर तैयार कर रही है। इसके लिए अब तक करीब डेढ़ दर्जन मुद्दों पर विचार किया जा चुका है। इनमें राहुल गांधी की कर्ज माफी की घोषणा को सबसे ऊपर रखने का फैसला कर लिया गया है। इसके अलावा डीजल-पेट्रोल पर टैक्स कम करना और शराबबंदी जैसे मुद्दों को भी प्रमुखता दी जा रही हैं। इसके अलावा वचन पत्र में नर्मदा संरक्षण के लिए कानून बनाने का मुद्दा शामिल करने पर भी विचार किया जा रहा है। पार्टी सूत्रों की माने तो कांग्रेस 15 अगस्त तक अपना वचन पत्र तैयार कर लेगी।
यह मामले में भी शामिल होंगे वचन पत्र में
युवाओं को रोजगार, महिला सुरक्षा, कुपोषण, मातृ एवं शिशु मृत्युदर को कम करना, भ्रष्टाचार, प्रशासनिक सुधार, सिंचाई का रकबा बढ़ाना, निवेश एवं औद्योगिकीकरण, शराबबंदी, फूड प्रोसेसिंग प्लांट व आइटी पार्क स्थापित करना, नर्मदा संरक्षण के लिए कानून बनाने का मुद्दा भी मेनीफेस्टो में शामिल किया जाएगा। कृषि की लागत कम करने के लिए कृषि उपकरणों पर अधिक से अधिक सब्सिडी और कानून व्यवस्था के मुद्दे को भी शामिल किया जाएगा।
वचन पत्र क्यों?
कांग्रेस का मानना है कि घोषणा पत्र ऐसा शब्द है, जिससे जनता प्रभावित नहीं होती, इसलिए इसका नाम वचन पत्र रखने पर भी विचार किया जा रहा है, ताकि लोगों को बताया जा सके कि कांग्रेस के ये वचन हैं, जो सरकार बनाने के बाद पूरे किए जाएंगे। हालांकि, समिति कुछ अन्य नामों पर भी विचार कर रही है।
इनका कहना है
मेनीफेस्टो जनता को ये बताने का जरिया है कि हम सरकार बनाने के बाद किस तरह से काम करेंगे। घोषणा पत्र का नाम वचन पत्र भी हो सकता है, लेकिन ये सबकी सहमति से तय होगा।
– राजेंद्र सिंह, अध्यक्ष, घोषणा पत्र समिति, कांग्रेस