वर्तमान आईएएस अफसरों के साथ ही अब पूर्व अफसर भी अपनी भावनाओं का उल्लेख सोशल मीडिया पर करने लगे हैं। ऐसे ही एक टिप्पणी इन दिनों काफी चर्चा में है। यह टिप्पणी फेसबुक पर लिखी है पूर्व आईएएस डीडी अग्रवाल ने। उन्होंने बिना किसी का उल्लेख किए फेसबुक पर श्रीमद् भागवत् गीता के हवाले से कलयुग की व्याख्या की है। इसे वर्तमान संदर्भों से जोडक़र देखा जा रहा है। अग्रवाल ने लिखा है कि कलयुग कि निशानी है कि राजा खुद चोर हो जाए। चारों ओर भ्रष्टाचार हो। शहर में चोरों का दबदबा हो। राजनीतिक नेता प्रजा का भक्षण करे। लोग साधु का वेश धारण करके अपनी जीविका चलाएंगे। अग्रवाल ने दूसरी पोस्ट में रामचरित मानस के जरिए कलयुग का चित्रण किया है। अग्रवाल की इन पोस्ट पर कई यूजर्स ने लिखा है कि वर्तमान में ऐसा ही दिखता है।
अग्रवाल की पोस्ट के कुछ अंश
– ऐसा होगा कलयुग : श्रीमद्भागवत गीता से
एकमात्र सम्पत्ति ही मनुष्य के उत्तम जन्म, व्यवहार व गुण का लक्षण मानी जाएगी। कानून व न्याय बल के अनुसार होगा। व्यापार की सफलता कपट पर निर्भर करेगी। जो चिकनी-चपुड़ी बाते बनाने मे चतुर होगा, वही विद्वान माना जाएगा। करना होगा। शहर में चोरों का दबदबा होगा। राजनीतिक नेता प्रजा का भक्षण करें। बुद्धिजीवी पेट व जननांगों के भक्त होंगे। लोग धोखाधड़ी से ही धन कमाएंगे। लोग साधू का वेश धर जीविका चलाएंगे।
ऐसा होगा कलयुग-रामचरित मानस से
कलयुग में दंभी बहुत से पंथ प्रकट कर देंगे। कलयुग में ब्राह्मण वेदों को बेचने वाले और राजा प्रजा को खाने वाले होते हैं। जो डींग मारता है वही पंडित होता है। जो दंभ में है, उसी को सब संत कहते हैं। जो सबकुछ खा लेते हैं, वे ही योगी हैं। कपटी लोग ब्राम्हण से विवाद करते हैं। कहते हैं कि जो ब्रह्म जानता है वही श्रेष्ठ ब्राह्मण है। संन्यासी धन लगाकर घर सजाएंगे। तपस्वी धनवान होंगे और गृहस्थ गरीब। राजा लोग पाप परायण हो गए। धर्म नहीं रहा वही कलयुग है।
– भास्कर के कटाक्ष
दूसरी ओर एक आईएएस भास्कर लक्ष्कार ने अपने फेसबुक पर अफसरशाही को लेकर वन-लाइन कटाक्ष किए हैं। भास्कर ने लिखा कि वो अफसर ही क्या जो छोटी-मोटी बातों पर सहमत हो जाए। अकसर अफसरों से ज्यादा उनकी पत्नियां अफसर पाई जाती हैं।