गुलाब सागर परियोजना को आदि से अंत तक लुटेरों ने लूटा- उमेश तिवारी।
सक्षम प्राधिकारी सनत कुमार शुक्ला की करतूत से किसानों की उम्मीद में फिरा पानी।
टोंको-रोंको-ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने एक विज्ञप्ति में कहा है कि गुलाब सागर बांध परियोजना की आधारशिला रखे जाने के समय यह परिकल्पना की गई थी कि बांध निर्माण से जिले की कंकरीली-पथरीली उबड़-खाबड़ बंजर जमीन तक पानी पहुंचेगा और गरीब किसानों के खेतों में हरियाली होगी तथा लहलहाती फसलों से किसानों का भविष्य सुनहरा होगा जिले के गरीब गुरबा किसानों की तकदीर एवं तस्वीर बदलेगी। लेकिन विडंबना यह है कि बांध के निर्माण के समय से जो भ्रष्टाचारी लूट का सिलसिला शुरु हुआ वह अभी तक बेलगाम जारी है। गुलाब सागर बांध परियोजना जनप्रतिनिधियों नौकरशाहों ठेकेदार एवं दलालों के चौकड़ी की लूट के लपेटे में है जिसका परिणाम है कि गुलाब सागर बांध से जिस तेजी से पानी का रिसाव हो रहा है बांध कभी भी टूट सकता है। इसी तरह मुख्य नाहर के घटिया एवं अनुपयोगी निर्माण के कारण नहर का पानी किसानों के खेतों में नहीं पहुंच पा रहा है। जिसका प्रमाण है विभाग द्वारा झूठा आंकड़ा प्रस्तुत कर बताया जाना की बांध से इक्कीस हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जा रही है जबकि सच्चाई यह है कि बांध से मात्र छ: हजार हेक्टेयर भूमि की ही सिंचाई हो रही है। श्री तिवारी ने कहा है कि गुलाब सागर परियोजना के घटिया बांध निर्माण से लेकर घटिया एवं अनुपयोगी नहर निर्माण का जो सिलसिला शुरु हुआ था वह अब किसान के खेत में पानी पहुंचाए जाने हेतु कराए जा रहे काडा नाली निर्माण में बदस्तूर जारी है। नियम है कि 2.5 एकड़ जमीन की सिंचाई हेतु 30 मीटर काडा नाली बनाई जा सकती है और काडा नाली निर्माण किसानों से रायशुमारी करके ही बनाई जाएगी। लेकिन भ्रष्टाचार के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए जल उपभोक्ता संथा बोकारो में पदस्थ सक्षम प्राधिकारी सनत कुमार शुक्ला द्वारा बिना किसानों की सहमति से हनुमानगढ़ एवं बेल्दह में अनुपयोगी एवं घटिया काडा नाली का निर्माण कराया गया है। शुक्ला ने 15 ढ़ीसमिल भूमि में चारों तरफ 150 मीटर तक की काडा नाली बनवाई गई है शुक्ला के इस कृत्य से राशि का तो दुरुपयोग हुआ ही है ज्यादातर किसानों के खेतों में काडा नाली का निर्माण भी नहीं हो पाएगा और किसानों के खेतों में सिंचाई नहीं हो पाएगी। सनत कुमार शुक्ला ने चुनिंदा चाटुकारों से चंद टुकड़ों की लालच में ठीकेदारी करा कर नहर के उद्देश्य में ही पानी फेर दिया गया है। जिस तरह से काडा नाली का निर्माण किया गया है उससे किसानों के खेतों में पानी तो नहीं ही पहुंचेगा हां किसानों की उम्मीदों एवं सुनहरे भविष्य में जरूर पानी फिरेगा। सनत कुमार शुक्ला जैसे भ्रष्ट अधिकारी को सेवा से पृथक करके उनके विरुद्ध पुलिस में FIR तो होनी ही चाहिए साथ ही अनुपयोगी एवं घटिया काड़ा नाली निर्माण के भुगतान में रोक लगानी चाहिए व भुगतान की गई राशि की वसूली होनी चाहिए।