जालंधरः लोकसभा चुनाव से एक साल पहले ट्रांसपोर्ट और हाईवे मंत्रालय ने 2.25 ट्रिलियन की लागत वाली 15,000 कि.मी. सड़क के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए कमर कस ली है। संसद के मानसून सत्र के बाद नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया इन रोड प्रोजैक्ट्स के निर्माण की गति दोगुनी करने जा रहा है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बीते सालों में नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने कई कम्पनियों के साथ सड़क निर्माण के ठेकों पर हस्ताक्षर किए हैं और इन ठेकों को पूरा करने का समय अब आ गया है।
नए प्रोजैक्टों के भी टैंडर निकालने की तैयारी
नैशनल हाईवे अथारिटी द्वारा अलाट किए गए कई ठेकों का काम निर्णायक स्तर पर है और सड़कों के निर्माण में अब तेजी आएगी। सरकार का ध्यान आने वाले कुछ महीनों में पहले से चल रहे सड़क निर्माण के प्रोजैक्टों को पूरा करने पर है। पुराने प्रोजैक्ट पूरे होने के बाद मंत्रालय कुछ शर्तों के साथ नए प्रोजैक्टों के लिए भी टैंडर निकाल सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार उन्हीं मामलों में नए टैंडर निकालेगी जहां जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इस बीच माहिरों का मानना है कि सरकार द्वारा सड़क निर्माण के कार्यों में तेजी लाने का फैसला सही है और सरकार निर्माण कार्य के दौरान भी नए टैंडर निकाल सकती है। डिल्योटे टच तोमस्तु इंडिया के पार्टनर विश्वास उदगिरकर ने कहा कि सरकार निर्माण कार्य के चलते भी नए टैंडर अलाट कर सकती है लेकिन इन टैंडरों के तहत होने वाले कार्य की गुणवत्ता और सड़क का निर्माण पूरा होने के बाद उसकी संभाल की निगरानी करना भी जरूरी है।
BOT के तहत बनाए जा रहे ये प्रोजैक्ट
15,000 कि.मी. सड़क के ये प्रोजैक्ट बिल्ड ऑप्रेट ट्रांसफर (बी.ओ.टी.) के तहत बनाए जा रहे हैं। 2017-18 में नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 1.2 ट्रिलियन रुपए की लागत वाले 7,400 कि.मी. सड़क निर्माण के ठेके दिए हैं। 1995 में नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के गठन के बाद यह एक साल में दिया गया सबसे ज्यादा ठेका है। पिछले 5 साल में नैशनल हाईवे अथॉरिटी द्वारा दिए गए ठेकों में सड़क की औसत लंबाई 2,860 कि.मी. है। इसके अलावा एन.एच.ए.आई. ने 430 बिलियन रुपए की लागत से 3,791 कि.मी. सड़क ई.पी.सी. मोड में बनवाने का ठेका भी दिया है। इससे पहले एन.एच. ए.आई. ने कहा था कि प्रोजैक्टों की टैंडरिंग और प्रोजैक्ट अलाट करने की प्रक्रिया में भारत माला प्रोग्राम सैंक्शन होने के बाद तेजी आएगी। पिछले साल नवम्बर में शुरू हुए इस प्रोजैक्ट के तहत एन.एच.ए.आई. को ई.पी.सी. प्रोजैक्ट के तहत निर्माण कार्यों के आबंटन के अधिकार दिए गए हैं और इन निर्माण कार्यों को पूरा करने के लिए विभिन्न स्तर पर समितियों का गठन भी किया गया है।
127 प्रोजैक्टों पर चल रहा कामः गडकरी
ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी ने कहा कि मेरे मंत्रालय का लक्ष्य सरकार का कार्यकाल पूरा होने तक उन सारी सड़कों के निर्माण का है जिनके लिए योजनाएं तैयार की गई हैं। साल 2018-19 में 20 हजार किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है जो पिछले साल बनाए गए 17,055 कि.मी. राष्ट्रीय राजमार्गों के मुकाबले 25 फीसदी अधिक हैं। नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा 127 प्रोजैक्टों पर काम हो रहा है जबकि सड़क मंत्रालय 153 प्रोजैक्टों पर काम कर रहा है। ये प्रोजैक्ट जून 2019 तक पूरे करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन ये उससे पहले पूरे किए जाएंगे। हमने रोजाना 55 कि.मी. और 45 कि.मी. सड़कों के निर्माण का लक्ष्य रख कर अलग-अलग राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के काम अलॉट किए हैं। हम राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के साथ-साथ उसके रख-रखाव और गुणवत्ता पर भी काम कर रहे हैं।