नौ दिन से उड़ान नहीं भर पा रहा है मुख्यमंत्री का उडऩखटोला

डीजीसीए की रोक के चलते प्रदेश सरकार का हेलिकॉप्टर ईसी-155 बी-1 बीते नौ दिनो से उड़ान नहीं भर पा रहा है। वर्तमान में यह गुना में खड़ा हुआ है। इसके चलते जिला प्रशासन को उसकी सुरक्षा में पुलिस बल को तैनात करना पड़ा है। सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान इसी उडऩखटोले से ही अधिकांश उड़ान भरते हैं। दरअसल नौ दिन पहले इस हेलिकॉप्टर से मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी नेशनल हाइवे का शिलान्यास करने गुना गए थे। इस दौरान खराब मौसम के चलते पॉयलट ने उड़ान भरने से इंकार कर दिया था। जिसके बाद गडकरी को दूसरे प्लेन से ग्वालियर रवाना होना पड़ा था। इसके बाद ही डीजीसीए ने मैन्यूअल की कमियों के चलते 24 जुलाई को ईसी -155 बी-1 पर रोक लगा दी। जिसके बाद सरकार द्वारा डीजीसीए से संपर्क कर बताई गई खामियों को दूर करने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दे दी गई, लेकिन उसने रोक नहीं हटाई। अब एक बार फिर सरकार डीजीसीए से संपर्क कर इन कमियों को पूरा करने के लिए समय मांगने जा रही है, जिससे हाल फिलहाल विमान और हेलिकॉप्टर की उड़ान से रोक हट सके।
स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र
गुना में खड़ा हेलिकॉप्टर स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। इसे देखने के लिए भीड़ जुट रही हैं। स्थिति को देखते हुए हवाई पट्टी में सुरक्षा गार्ड तैनात करने पड़े हैं।
सेठी को अकाउंटेबल मैनेजर बनाने की शिकायत
डीजीसीए ने अपनी जांच में किसी तकनीकी अधिकारी को अकाउंटेबल मैनेजर बनानेे को कहा था, लेकिन सरकार ने अनफिट घोषित किए जा चुके चीफ पॉयलेट अनत सेठी को यह जिम्मेदारी दे दी। इसकी शिकायत डीजीसीए और ईओडब्ल्यू में हुई है। इसमें कहा गया है कि सेठी का लाइसेंस रद्द होने के बाद उन्होंने बजाज अलियांस इंश्योरेंस कंपनी से 1.57 करोड़ रुपए का मुआवजा भी ले लिया।
चेतावनी के पांच माह बाद भी दूर नहीं की कमियां
स्टेट हैंगर से जुड़े सूत्रों का कहना है कि डीजीसीए की टीम ने फरवरी में एविएशन का ऑडिट किया था। इस दौरान टीम ने एविएशन मैन्युअल, तकनीकी स्टॉप और फ्लाइट ऑपरेशन स्टॉफ सहित कई कमियां बताई थी। डीजीसीए ने एविएशन डिपार्टमेंट के प्रमुख सचिव हरिरंजन राव से कहा था कि ये कमियां जल्द ही दुरुस्त नहीं की गई तो वीवीआईपी की सुरक्षा को देखते हुए फ्लाइट ऑपरेशन पर रोक लगा देंगे। इसके बावजूद प्रमुख सचिव ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इस मामले में प्रमुख सचिव राव से बात करने का प्रयास किया, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया।

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