लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नौकरशाही को सुधारने के लिए कई बार नसीहत और चेतावनी दी. भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ मिल रही शिकायतों पर सीएम सख्त हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ ने शासन स्तर पर अधिकारियों के खिलाफ लंबित मामलों में दो महीने के अंदर कार्रवाई पूरी करने को कहा है. उन्होंने प्रमुख सचिव गृह को निर्देश दिए कि वो जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त स्टाफ लगाकर सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ लंबित जांच को पूरा करें. मंगलवार (31 जुलाई) को एनेक्सी में गृह विभाग की समीक्षा बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए.
जानकारी के मुताबिक, एसआईटी, ईओडब्ल्यू, एंटी करप्शन, विजिलेंस, कोऑपरेटिव सेल, सीबीसीआईडी की लंबित जांच में गति लाने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही उन्होंने मुख्य सचिव अनूप चंद पांडेय की अध्यक्षता में टास्क फोर्स गठित की गई है. भ्रष्टाचार से निपटने के लिए यूपी की सभी जांच एजेंसियों के प्रमुख को टास्क फोर्स में शामिल किया गया है.
उन्होंने कहा कि लगातार लंबित जांच के बहाने बच रहे भ्रष्ट अधिकारियों पर अब शिकंजा कसेगा. उन्होंने निर्देश दिए हैं कि लंबित मामलों में दो महीने में अपने स्तर से पूरी कार्रवाई सुनिश्चित करें. सीएम योगी ने मंगलवार (31 जुलाई) को गृह विभाग की समीक्षा बैठक की. यूपी में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए उन्होंने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई का फैसला लिया है.
टास्क फोर्स के गठन के बाद अब अपने रसूख का इस्तेमाल कर कानून से बचा नहीं जा सकेगा. इस दौरान सीएम ने गृह विभाग की सभी जांच एजेंसियों को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए. सीएम ने सीबीसीआईडी, विजिलेंस, एंटीकरप्शन और ईओडब्ल्यू को निर्देश दिए कि अगर कोई मामला सामने आता है तो सभी मामलों पर कार्रवाई की समय निर्धारित किया जाना चाहिए. सीएम ने 400 से अधिक लंबित मामलों में कार्रवाई के लिए दो महीने की डेडलाइन निर्धारित की. जांच पूरी होने के बाद कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है.