भोपाल। राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन की गरीब व बीपीएल परिवार को फ्री इलाज देने की आयुष्मान भारत योजना 15 अगस्त से लॉन्च होगी। योजना में शामिल प्रति परिवार को 5 लाख रु. प्रतिवर्ष स्वास्थ्य सुरक्षा कवच दिया जाएगा। इससे पहले जिला स्वास्थ्य विभाग जिले में 14 आयुष्मान मित्र रखेगा। ये आयुष्मान मित्र सरकारी हॉस्पिटलों में आने वाले मरीजों को पैनल वाले हॉस्पिटलों में रेफर करेंगे और इनके अलावा प्राइवेट हॉस्पिटल में मरीजों को मिलने वाले इलाज की मॉनिटरिंग भी करेंगे।प्रदेश में यह स्कीम 1 .60 करोड़ परीवारों में से 1 .40 करोड़ परिवारों को कवर करेगी।इसका फायदा प्रदेश के नौ जिलों के निजी अस्पतालों और 42 सरकारी अस्पतालों में होगा। जो की एक बड़ी समस्या को जन्म दे सकता है।
इसका कारण यह है कि स्वास्थ्य विभाग ने इस स्कीम मे केवल उन्ही अस्पतालों को शामिल किया है जो एनएबीएच से सर्टिफाइड है।प्रदेश में ऐसे 80 अस्पताल है जो एनएबीएच से सर्टिफाइड है, जो भोपाल, इंदौर और जबलपुर में स्थित है।इसके अलावा तीन ग्वालियर, दो होशंगाबाद, एक-एक सतना, रीवा, सागर और शहडोल में स्थित है।जो कि इस योजना की सुविधा देने में सफल हो सकते है। वही निजी अस्पताल पहले से ही मरीजों से भरे हुए है ऐसे में कैशलेश हो चुके निजी अस्पताल लोगों को ज्यादा आकर्षित कर रहे है।बीमारियों के इलाज के लिए इस योजना में 1350 प्रकार के पैकेज हैं, इसमें आधे से ज्यादा सरकारी स्कीम के तहत लोगों को इलाज शुरु होने के साथ ही मिल जाएंगें।जिसका एक तिहाई हिस्सा ही सरकारी अस्पतालों को पहुंच पाएगा।वही हमारे यहां सरकारी अस्पतालों में लोगो ज्यादा जाते है, निजी अस्पताल के प्रति ग्रामीण लोग कम रुचि रखते है और पास ही के सरकारी अस्पतालों में अपना इलाज करवाना पसंद करते है।
आय़ुष्मान योजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भास्कर लक्षकार ने बताया कि सरकार ने सरकारी अस्पतालों में 1600 मरीजों के इलाज की व्यवस्था की है।इसके अलावा शुरुआत में उन अस्पतालों को भी रखा गया है जो एनएबीएस से सर्टिफाइड है।यह योजना प्रदेश के 7 करोड़ लोगों को फायदा पहुंचाएंगी, जो कि बड़ी चुनौती है।उन्होंने कहा कि सरकार आश्वस्त है कि इस स्कीम के तहत प्रदेश के करोड़ों लोगों को लाभ मिलेगा।
योजना का उद्देश्य गरीब तबके के लोगों को बेहतर इलाज सुविधा मुहैया कराना है। इसका लाभ असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के परिवारों व खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के पात्रता पर्ची वाले परिवारों को भी दिया जाएगा। इनका काम योजना के अंतर्गत आने वाले सभी मरीजों को मिलने वाली सुविधा और इलाज की देखभाल करना होगा।