प्रदेश सरकार चुनावी साल में आदिवासी आश्रमों-छात्रावासों में रहने वाले 18 साल या उससे अधिक उम्र वाले मतदाताओं को मतदान करना सिखाने जा रही है। इसके लिए फिल्म का सहारा लिया जाएगा। यह वे मतदाता होंगे जो पहली बार मतदान करेंगे। दरअसल इसके जरिए उन्हें सरकार की योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी। यह फिल्म 11वीं-12वीं के छात्रों को दिखाई जाएगी। इसके माध्यम से ईवीएम और वीवीपैट मशीनों से मतदान करना सीखया जाएगा। आदिम जाति कल्याण विभाग ने इसके लिए सभी छात्रावासों को निर्देश जारी कर दिए हैं। निर्देशों में कहा गया है कि उच्चतर माध्यमिक स्कूलों और कॉलेजों के छात्रावासों में बच्चों को मतदान के प्रति जागरूक किया जाए। इसके लिए सभी छात्रावासों में पोस्टर लगाए जाएं और मतदान करने वाली शॉर्ट फिल्म भी दिखाई जाए। विभाग ने कहा है कि फिल्म दिखाने के समय पालक शिक्षा संघों की बैठक की जाए।
युवाओं की संख्या सवा दो लाख से अधिक
गौरतलब है कि आदिवासी क्षेत्रों में विशिष्ट आवासीय शाला, आवासीय कन्या परिसर, आश्रम उत्कृष्ट सीनियर छात्रावास, उच्चतर माध्यमिक शालाओं की संख्या 2380 है। इन सरकारी संस्थाओं में 2017-18 में 2.35 लाख से अधिक ऐसे बच्चे थे, जो 18 साल या इससे अधिक उम्र के थे। इतनी बड़ी आबादी को मतदान से जोडऩे के लिए एक अभियान के तौर पर आदिवासी छात्रों को छात्रावासों आश्रमों के बच्चों के नव मतदाता मानकर उन्हें जागरूक बनाया जा रहा है। इसके लिए हर संस्था को पाबंद किया गया है।