छत्तीसगढ़ में भाजपा की सूची जारी होने के बाद जिस तरह से टिकट कटने वाले भाजपा विधायकों व उनके समर्थकों ने हंगामा किया और पार्टी के विरोध में झंडा बुलंद किया है उससे सबक लेते हुए अब पार्टी हाईकमान ने इससे निपटने की दो स्तरीय रणनीति तैयार की है, जिसके तहत पहले प्रदेश के आला नेता और उसके बाद जरुरत पडऩे पर केन्द्र के नेता बात कर उन्हें मनाने का काम करेंगे। इसकी मॉनीटरिंग स्वयं पार्टी अध्यक्ष अमित शाह करेंगे। यह रणनीति मप्र और राजस्थान के लिए तैयार की गई है। इन दोनों ही राज्यों में बड़े पैमाने पर मौजूदा विधायकों के टिकट काटे जाने की संभावना है। पार्टी का मानना है कि इससे इनके बागी बनकर पार्टी विरोधी
गतिविधियों में शामिल होने की आशंका कम होगी। यही नहीं श्री शाह ने इन दोनों राज्यों के प्रभारियों को अपनी रणनीति से अवगत करा दिया है। दरअसल पार्टी हाईकमान छग से सबक लेते हुए राजस्थान और मप्र में कोई खतरा मोल लेना नहीं चाहती। टिकट का मोह नहीं त्याग पाने और पाटी की जड़ें खोदने वालों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। गौरतलब है कि पार्टी ने तय किया है कि प्रत्याशी चयन में सिर्फ सर्वेक्षण को ही प्राथमिकता दी जाएगी। यह भी तय किया गया है कि जिनका टिकट काटा जाएगा उन्हें तर्क के साथ बताया जाएगा कि उनका टिकट क्यों काटा गया है। जिनके नाम सूची में हैं उन्हें टिकट देने का आधार भी बताया जाएगा। शाह टिकट कटने वाले विधायकों से कहेंगे कि चुनाव में प्रत्याशी के पक्ष में काम करें।
राहुल गांधी का फार्मूला फेल होने की आशंका
कांगे्रस में बाहरी उम्मीदवारों को टिकट नहीं देने के पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के फार्मूले पर अमल होता नहीं दिख रहा है। पार्टी में अभी से ऐसे उम्मीदवारों को टिकट देने की संभावनाएं बनी हुई हैं कि बाहर से हाल ही में आने वाले नेताओं को उम्मीदवारी दी जा रही है। इस वजह से कांग्रेस में असंतोष शुरू हो गया है। जिसे थामना पार्टी हाईकमान के लिए मुश्किल हो रहा है। दरअसल प्रदेश में यह बात तेजी से फैल रही है कि पार्टी बाहरी नेताओं को बड़े पैमाने पर टिकट देने जा रही है। यही वजह है कि प्रदेश के कई इलाकों के कार्यकर्ता विरोध पर उतारू हो गए हैं। इसको लेकर कई नेता और कार्यकर्ताओं ने प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया के सामने अपने नाराजगी जाहिर की है। खासतौर पर पन्ना, रीवा और बुंदेलखंड में दूसरे दलों से आए नेताओं को लेकर पार्टी में रोष है। रीवा में सपा से आए पुष्पराज सिंह को सेमरिया विस सीट से टिकट देने की बात चल रही है। इसे लेकर स्थानीय स्तर पर काफी विरोध हो रहा है। वहीं बसपा में रहे महेंद्र वर्मा को पन्ना में टिकट देने की बात चल रही है। दूसरी पार्टियों से आए महाराजपुर में चरण सिंह यादव, निवाडी में ब्रजेंद्र कुमार व्यास, रीवा में अभय मिश्रा, रेणु शाह, जीएल पटेल समेत 50 से ज्यादा नेताओं को टिकट देने की खबरों से कार्यकर्ताओं में नाराजगी है।
महानगरों में टिकट को लेकर हालात खराब
कांगे्रस को उम्मीदवा तय करने खासी परेशानी आ रही है, बड़े शहरों की सीटों पर हालात और खराब होने की आशंका भी पार्टी को सता रही है। कांगे्रस भोपाल की सिर्फ उत्तर सीट तय कर पाई है, जहां मौजूदा विधायक कांगे्रस के आरिफ अकील हैं। मध्य, नरेला, हुजूर, दक्षिण-पश्चिम और गोविंदपुरा पर जिताऊ उम्मीदवार तय नहीं हो पा रहा है। प्रभारी सचिव वर्षा गायकवाड़ की रिपोर्ट के बाद इन सीटों को होल्ड कर दिया है। इंदौर की सांवेर से तुलसी सिलावट का नाम तय माना जा रहा है। लेकिन बाकी सीटों पर टिकट तय नहीं है। जबलपुर में पश्चिम पर तरुण भनोट और पाटन से नीलेश अवस्थी के नाम तय हो गए हैं- पूर्व से लखन घनघोरिया का नाम है लेकिन पनागर, सिहोरा और बरगी सीट पर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है।