प्रदेश में विस चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नामों की घोषणा होते ही सियासत उबाल मारने लगी है। जिन सीटों पर अभी प्रत्शाशियों के नामों की घोषणा नहीं हुई है, वहां दावेदार टिकट के लिए पूरी ताकत लगाए हुए हैं। ऐसे में जिन सीटों पर कांग्रेस व भाजपा के प्रत्यााशी घोषित हो
चुके हैं उनमें से कई सीटों पर अभी से पारिवारिक सदस्यों के बीच रोचक मुकाबले के आसार बन गए हैं। इनमें से एक सीट है हरदा जिले की टिमरनी सीट। अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित इस सीट पर इस बार बीते 10 साल से भाजपा विधायक संजय शाह के सामने कांग्रेस ने उनके ही भतीजे अभिजीत शाह को मैदान में उतार दिया है। हालांकि यहां से कांग्रेस में अभिजीत शाह के अलावा कमल धुर्वे व रमेश मस्कोले दावेदारी कर रहे थे। अब अभिजीत शाह को कांग्रेस ने प्रत्याशी बना दिया है तो यहां चाचा-भतीजे में चुनावी जंग होना तय हो गया है।
संजय शाह के भतीजे हैं अभिजीत शाह
मकड़ाई रियासत के वर्तमान राजा अजय शाह कांगे्रस में अनुसूचित जाति, जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हैं। अजय शाह के बेटे अभिजीत शाह अब कांग्रेस प्रत्याशी हैं। वहीं उनके छोटे भाई संजय शाह भाजपा की ओर से जीत की हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं। अब देखना है कि चाचा हैट्रिक बनाते हैं या भतीजा उन्हें बोल्ड करता है। फिलहाल यहां मुकाबला बड़ा ही रोमांचकारी होने वाला है।
यह है सियासी समीकरण
विस में लगभग एक लाख सत्तर हजार मतदाता हैं जिनमें से सामान्य वर्ग के लगभग 40 हजार, पिछड़ा वर्ग के लगभग 50 हजार, अनुसूचित जाति वर्ग के लगभग 20 हजार और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लगभग 60 हजार वोटर हैं। वहीं शिवसेना ने युवा राहुल धुर्वे व बसपा ने वनांचल क्षेत्र के नेता भागीरथ इवने को प्रत्याशी घोषित किया है। सपा, गोंगपा, लोजपा, आप, जयस, सपाक्स जैसे दल भी अपना प्रत्याशी मैदान में उतारने की तैयारी में हैं। गौरतलब है कि बीते चुनाव में भाजपा के संजय शाह मकड़ाई ने कांगे्रस के रमेश इवने को लगभग 16 हजार मतों से पराजित किया था।