नेहरूगांव: मध्य प्रदेश में तीन बार से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे कांग्रेसी उम्मीदवार अरुण यादव ने कहा कि वह बुधनी में एक ‘शैतान’ से लड़ रहे हैं. यादव ने चौहान पर ‘अत्यधिक अत्याचार’ करके अपने क्षेत्र और पूरे राज्य के लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि कांग्रेस 15 साल सत्ता से बाहर रहकर इसे फिर से हासिल करने के लिए बड़ी जंग लड़ रही है लेकिन उन्हें चौहान के खिलाफ जीत का पूरा भरोसा है. सत्तारूढ़ बीजेपी के नेताओं ने कांग्रेसी नेताओं के इन दावों को खारिज किया कि मुख्यमंत्री का गढ़ माने जाने वाले बुधनी में ज्यादा विकास नहीं हुआ है.
बीजेपी का कांग्रेसी आरोपों पर जवाब है कि राज्य में अतीत के कांग्रेस के शासन के मुकाबले बीते 15 साल में अधिकतम विकास हुआ है. बीजेपी नेताओं का कहना है कि यादव को ‘बलि का बकरा’ बनाया गया है.
इससे पहले, शिवराज सिंह चौहान ने उनके खिलाफ अरुण यादव को चुनाव लड़ाने के लिए कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि कांग्रेस ने उनके मित्र के साथ अन्याय किया है, पहले उन्हें प्रदेश इकाई अध्यक्ष के पद से हटाकर और फिर बुधनी से टिकट देकर. हालांकि यादव ने कहा कि यह उनके लिए सम्मान की बात है कि पार्टी ने उन्हें ऐसे व्यक्ति के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया जो 230 विधानसभा सीटों के लिए 28 नवंबर को होने वाले चुनाव में बीजेपी के पूरे अभियान का चेहरा है.
अरुण यादव ने इस क्षेत्र में चुनावी प्रचार के दौरान कहा, ”यह फैसला मेरे बॉस राहुल गांधी का था. और मुझे लगता है कि यहां मेरे आने का लक्ष्य बुधनी में मतदाताओं को यह संदेश देना है कि हम इसे लड़ सकते हैं.” प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुभाष यादव के बेटे और 44 साल के कांग्रेसी नेता ने कहा, ”मैं उन्हें दानव कहता हूं. मेरी पार्टी ने उनके खिलाफ मुझे उतारा है और मुझे लगता है कि यह मेरे लिए सम्मान की बात है. लोग उत्साहित हैं और यह सबसे अच्छी बात है.”
मुख्यमंत्री को ‘शैतान’ कहने के बारे में उन्होंने कहा कि ऐसा कहने के कुछ कारण हैं. यादव ने आरोप लगाया, ”मध्य प्रदेश भारत का एकमात्र राज्य है जहां महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, जहां किसानों की खुदकुशी की संख्या सर्वाधिक है और सिहोर (बुधनी जिला मुख्यालय) में यह सबसे ज्यादा है. बीते 15 साल में, युवाओं के लिए नौकरियां नहीं हैं. मध्य प्रदेश में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला व्यापम है जबकि अवैध रेत खनन और अन्य भ्रष्टाचार भी हैं.”
केन्द्रीय मंत्री भी रह चुके यादव ने कहा कि इन चुनावों में सत्ता में वापस आना कांग्रेस के लिए जरूरी है. उन्होंने कहा, ”मैं दृढता से ऐसा मानता हूं. हर कार्यकर्ता और नेता को एकसाथ मिलकर चुनाव लड़ना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि हम इस बार सत्ता में आएं.”
अरुण यादव ने आशा जताई कि कांग्रेस करीब 155 सीटें जीतकर आसानी से बहुमत हासिल कर लेगी. खंडवा-खरगोन सीट से दो बार के सांसद ने आरोप लगाया कि चौहान आधारभूत ढांचे और उद्योगों की बात करते हैं और हर साल उद्योग बैठक करते हैं लेकिन कोई उद्योग या रोजगार नहीं है.
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यादव ने आरोप लगाया, ”राज्य अब पूरी तरह से दिवालिया हो चुका है और उस पर एक लाख 70 हजार करोड़ का ऋण बोझ है. वह (चौहान) खुद को ‘मामा’ कहते हैं लेकिन उनके शासन में सबसे ज्यादा ‘दुराचार’ और ‘अत्याचार’ हुए हैं.” यह पूछे जाने पर कि वह चौहान की छवि का मुकाबला कैसे करेंगे, यादव ने खुद को इस सीट से असली ‘नर्मदा पुत्र’ और भूमि पुत्र बताया.
कांग्रेसी नेता ने कहा, ”मैं किसानों पर गोलियां चलाने या लोगों को मारने में (मंदसौर घटना का संदर्भ) भरोसा नहीं रखता. मेरे लिए, हर मतदाता महत्वपूर्ण है. मेरे लिए प्यार और स्नेह महत्वपूर्ण है जो बुधनी की जनता ने मुझे दिया है. अगर वह असली ‘मामा’ हैं तो मुख्यमंत्री बनने के बाद, लोग खुदकुशी क्यों कर रहे हैं और महिलाएं असुरक्षित क्यों हैं?”