नई दिल्ली/ इस्लामाबाद करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे घमासान के बीच नई दिल्ली ने पाक सरकार को जबरदस्त झटका दे दिया है। मोदी सरकार ने पाकिस्तान के सार्क सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भेजे निमंत्रण को ठुकरा दिया है। मंगलवार को ही पाक विदेश मंत्रालय ने सम्मेलन में भारत के भाग लेने के लिए न्योता भेजनी की बात कही थी।
पाक मीडिया ने वहां के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉक्टर मोहम्मद फैसल के हवाले से घोषणा की थी कि पाकिस्तान की तरफ से प्रधानमंत्री मोदी के सार्क सम्मेलन में शिरकत के लिए आमंत्रण भेजा जाएगा। साल 2016 में उरी हमले के बाद पाकिस्तान में होने वाले सार्क सम्मेलन का भारत सहित सभी देशों ने बायकॉट कर दिया था। ऐसे में इस सम्मेलन को सफलतापूर्वक कराने के लिए पाक कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है।
सार्क सम्मेलन के लिए तिथि सभी सदस्यों की सहमति के आधार पर तय की जाती है। यह एक सामान्य परंपरा है। तारीख तय होने के बाद ही सदस्य राष्ट्रों को औपचारिक निमंत्रण भेजा जाता है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ‘भारत सार्क सम्मेलन में कोई विशिष्ट अतिथि नहीं है, जिसके लिए पाकिस्तान खास निमंत्रण भेजेगा। सार्क का भारत अभिन्न हिस्सा रहा है। सभी सदस्यों की सहमति के आधार पर ही सार्क सम्मेलन की तारीख तय की जाती है। हालांकि, यह अफसोसजनक है कि इस बार ऐसा नहीं हुआ।’
पाकिस्तान के उच्चस्तरीय सूत्रों का कहना है कि ऐसे वक्त में जब करतारपुर कॉरिडोर खुलने के मौके पर बड़ी संख्या में भारतीय मीडिया मौजूद है, यह घोषणा पाकिस्तान ने ध्यान खींचने के लिए की। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान का दांव उल्टा पड़ सकता है। इस वक्त बांग्लादेश में चुनाव की हलचल तेज है और दूसरी तरफ श्री लंका में राजनीतिक संकट जारी है। ऐसे प्रतिकूल हालात में दोनों देश तत्काल सम्मेलन के लिए अपनी सहमति दें, इसकी संभावना बहुत कम है।