कोहिमा केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को आम जनता की सुरक्षा के लिए पूरे देश में एक ही नंबर वाली इमरजेंसी मोबाइल एप ‘112 इंडिया’ शुरू करने की घोषणा की। गृहमंत्री ने साथ ही बताया कि इस एप में के एक विशेष महिला सुरक्षा फीचर ‘शाउट’ पर क्लिक करते ही पूरे देश में तत्काल पुलिस या किसी वालंटियर की मदद परेशानी में फंसी महिला को मिल जाएगी।
112 इंडिया एप के ‘शाउट’ फीचर को सरकार की तरफ से 4.84 करोड़ रुपये
गृहमंत्री ने नागालैंड में इस सेवा की शुरुआत करते हुए कहा, 112 इंडिया एप के ‘शाउट’ फीचर को सरकार की तरफ से 4.84 करोड़ रुपये खर्च कर बनाए गए इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम (ईआरएसएस) से जोड़ा गया है। इस सिस्टम के साथ पूरे देश में वालंटियर पंजीकृत किए गए हैं। जैसे ही महिला परेशानी में फंसने पर इस फीचर पर क्लिक करेगी तो यह सिस्टम तत्काल उसके आसपास मौजूद किसी भी वालंटियर को उसकी मदद के लिए सिग्नल भेज देगा। यह एप परेशानी में फंसी महिला को जीपीएस की मदद से ट्रैक कर मदद पहुंचाने में भी वालंटियर की मदद करेगा।
प्रोजेक्ट को लागू करने वाला पहला राज्य हिमाचल तो दूसरा नागालैंड
गृह मंत्री ने उत्तर-पूर्व के राज्यों में ईआरएसएस को अपने यहां लांच करने वाला पहला और देश का दूसरा राज्य बनने के लिए नागालैंड की सरकार, पुलिस और जनता को भी बधाई दी। बता दें कि इसी सप्ताह हिमाचल प्रदेश इस प्रोजेक्ट को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना था। यह प्रोजेक्ट फिलहाल नागालैंड के कोहिमा, दीमापुर और मोकोचुंग जिलों में शुरू हुआ है। अन्य जिले इसमें धीरे-धीरे जोड़े जाएंगे। राजनाथ सिंह ने कहा कि देश की जनसंख्या में आधी से ज्यादा महिलाएं हैं और यदि ये महिलाएं सुरक्षित रहेंगी तो कोई भी देश को तरक्की करने से नहीं रोक सकेगा।
अब इमरजेंसी के लिए होगा एक ही नंबर
उन्होंने कहा कि ईआरएसएस प्रोजेक्ट के तहत पूरे देश में एक ही इमरजेंसी नंबर ‘112’ डायल करने पर जनता को पुलिस, स्वास्थ्य और फायर बिग्रेड की सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि ईआरएसएस में पुलिस के हेल्पलाइन नंबर 100, फायर के 101 नंबर, स्वास्थ्य के 108 नंबर और महिला सहायता के 1090 नंबर को एक ही जगह जोड़ते हुए इमरजेंसी नंबर 112 के तहत ये सारी सेवाएं दी जाएंगी। यह व्यवस्था अमेरिका के ‘911’ इमरजेंसी नंबर जैसी होगी, जिसे घुमाते ही वहां सभी तरह की आपात सेवाएं मिल जाती हैं।