मंगल भारत नई दिल्ली: मोदी सरकार संसद में तीन तलाक बिल एक बार फिर पेश करने जा रही है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक इस विधेयक पर सरकार और विपक्ष के बीच चर्चा होने पर सहमति बनी है। 27 दिसंबर को सदन में बिल को रखा जाएगा। भाजपा ने व्हिप जारी कर सभी सांसदों को गुरुवार को संसद में रहने का निर्देश जारी किया है। भाजपा ने कहा कि सभी सांसदों को इस दिन मौजूद रहना जरूरी है। गौरतलब है कि 17 दिसंबर को संसद के शीतकालीन सत्र में हंगामे के बीच मोदी सरकार ने लोकसभा में ट्रिपल तालक विधेयक पेश किया था। लेकिन राज्यसभा में यह पारित नहीं हो सका।
विधेयक पास करना बड़ी चुनौती
बता दें कि तीन तलाक को लोकसभा में मंजूरी देने से नाकाम रही मोदी सरकार इस साल सितंबर में ट्रिपल तलाक पर अध्यादेश लेकर आई थी। केन्द्र सरकार संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में ट्रिपल तलाक़ बिल संसद में पास कराने की तैयारी में है। सरकार के लिए इस विधेयक को पास कराना कड़ी चुनौती से कम नहीं है।
सरकार बिल पास कराने के लिए प्रतिबद्ध-पीएम
यह विधेयक विवाहित मुस्लिम महिलाओं को एक साथ तीन तलाक के खिलाफ संरक्षण देने के लिए है। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन तलाक को लेकर कहा कि सरकार इसे पास कराने के लिए कटिबद्ध है। पीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले साढ़े चार वर्षों में महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा मिले और भेदभाव से मुक्ति मिलने के लिए कई प्रयास किए गए। तमाम प्रयासों के बावजूद, कट्टरपंथियों व विपक्ष के विरोध के बावजूद तीन तलाक कानून बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। सरकार इसे कुप्रथा मानती है और सख्ती से रोकने की पक्षधर है। इसलिए तीन तलाक को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा है।
बिल पास कराना आसान नहीं
बता दें कि बीते सितंबर माह में केंद्र सरकार ट्रिपल तलाक पर अध्यादेश लेकर आई थी। हालांकि ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने शुरू से ही इस बिल का विरोध किया है। वहीं, पिछली बार तीन तलाक बिल का राज्यसभा में कड़ा विरोध हुआ था। उस दौरान विपक्षी नेताओं ने मांग की थी कि इस बिल को कड़े परीक्षण के लिए संसदीय समिति के पास भेजा जाना चाहिए, जिसके बाद केंद्र सरकार इस बिल पर राज्य सरकारों से राय मांगी थी। वही, कई राज्यों ने इस बिल का समर्थन किया था।